Jal hi Jivan hai :-जल है तो जीवन है जल है तो कल है, ये हमेशा हम सुनते हैं , लेकिन मानते कितना हैं ? क्या हम जल की रक्षा जीवन की तरह करते हैं ? क्या हम उसे भी उतनी ही तवज्जो देते हैं , जितना किसी इंसान की जिंदगी को दिया जाता है ।
जल ही हमारे लिए आज की जरूरत है और इसके लिए सबसे पहले इसकी बर्बादी पर रोक लगानी होगी । जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है । हमारे देश में कहीं - कहीं नल खुले छोड़ दिए जाते हैं , जिससे पानी व्यर्थ में बहता रहता है ।
कहीं बिना कारण सफाई के लिए पानी का इस्तेमाल अधिक होता है । सार्वजनिक स्थलों पर अगर कहीं कोई नल चल रहा हो तो कोई उसे बंद करने की जिम्मेदारी नहीं समझता । आखिर ऐसी मानसिकता क्यों रखी जाती है ।
हर किसी को चाहिए कि वह पानी की बर्बादी रोके । यदि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझने लगे , बिना किसी जरूरत के नल चलाकर रखना , कपड़े धोने व नहाने में पानी का कम इस्तेमाल करें तो हम काफी हद तक पानी बचा सकते हैं ।
जहां हम अपनी जरूरत के लिए कई गुना पानी बर्बाद कर देते हैं , वहीं तपती गर्मी में उड़ते पक्षी प्यास के कारण दम तोड़ देते हैं । हमारी पृथ्वी में 70 फीसद भाग जल है , लेकिन इनमें से सिर्फ एक या दो फीसद ही उपयोग करने लायक है ।
हमें जल को बहुत सहेज कर रखने की जरूरत है , अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब हम एक - एक बूंद के लिए तरसेंगे । पानी एक ऐसा धन है जिसे हम सहेज कर रखेंगे तभी हमारी भावी पीढ़ी उसे उपयोग कर पाएगी ।
हर एक इंसान अगर आधी बाल्टी पानी बचाए तो बहुत पानी की बचत की जा सकती है । इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी चाहिए ।