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अगस्त तक बच्चों की वैक्सीन आने की संभावना

Coronavirus 3rd Wave: देश में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अगस्त तक जाइडस कैडिला(Zydus Cadila) की वैक्सीन जायकोव -डी उपलब्ध होने की संभावना ह

Coronavirus 3rd Wave: देश में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों  के लिए अगस्त तक जाइडस कैडिला(Zydus Cadila) की वैक्सीन जायकोव -डी उपलब्ध होने की संभावना है।इसके परीक्षण जुलाई अंत तक पूरे होने वाले  है 

corona vaccine for kids,जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन
 अगस्त तक बच्चों की वैक्सीन आने की संभावना 

 टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई )  प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा ने बताया है कि 12 से 18 साल के बच्चों को यह वैक्सीन दी जा सकेगी । से वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है ।

बसर्ते लोग कोरोना गाइड लाइन का पालन करें व् सार्वजानिक भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करे कंपनी का दावा हैं । 

 अगस्त तक 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों की वैक्सीन आने की संभावना 

डॉ. एनके अरोड़ा ने अगस्त के शुरुआत या अंत तक 12-18 साल के बच्चों को कोरोना का टिका लगने की उम्मीद जताई है । 

डॉक्टर ने बताया कि Zydus Cadila Vaccine का ट्रायल  लगभग पूरा हो चूका है। और जल्द ही DCGI ( ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) कोरोना वैक्सीन 'जायकोव-डी'  की आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है । 

प्रतिदिन एक करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य 

COVID-19 की तीसरी लहर को लेकर ICMR के अध्ययन के अनुसार 6-7 महीने में कोरोना की लहर आ सकती है । इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने वेक्सीनेशन का लक्ष्य 1 करोड़ के आस-पास कर दिया है।  

जिससे देश में हर नागरिक का वेक्सिनेशन हो सके । प्रधानमंत्री ने भी "मन की बात " में लोगों को कोरोना टिका लगवाने की अपील की है और साथ यह भी कहा की अफवाहों पर ध्यान नए दे और देश के वैज्ञानिकों पर विश्वास करे। 

 वैक्सीन से खुलेगी स्कूलों की राह

ड़ॉ गुलेरिया कहते है कि ,बच्चों के लिए कोरोना टीका आने के बाद स्कूल खुलने और बच्चों के बाहर निकलने का रास्ता साफ होगा । 

एम्स के प्रमुख डॉ . रणदीप गुलेरिया ने कहा - भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन का दो से 18 साल आयुवर्ग के लोगों पर  परीक्षण चल रहा है । 

इसके नतीजे सितंबर तक आ सकते हैं ।  उससे पहले अगर फाइजर के टीके को मंजूरी मिल गई तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है ।