Motivation About Life: चिंता मुक्त होने के लिए विचारों की बजाय तथ्यों पर गौर करें, विख्यात चिकित्सक डॉ. ओ एफ ग्रोवर के अनुसार अगर लोगों को चिंता और भय से बचना आता तो जितने रोगी डॉक्टर्स के पास आते हैं, उनमें से 70 फीसदी अपनी इन बीमारियों का उपचार स्वेट मार्डन खुद ही कर लेते।
बीमारियां काल्पनिक नहीं होती, पर चिंता करने से कष्ट इतना बढ़ जाता है कि लोग उसे सहन नहीं कर पाते। प्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग का कथन था- कौन? कहां? कैसे? क्या, क्यों और कब? यह छह मेरे सच्चे साथी हैं। इन्होंने ही मुझे सब सिखाया।
कई प्रकार की चिंताओं से बचने के लिए आपको तीन मूल सिद्धांतों को जीवन का अंग मानकर आगे बढ़ना चाहिए। पहला तो तथ्यों का संग्रह कीजिए। तथ्यों को समझिए और सोच विचार करिए। अपने मन में दृढ़ निश्चय करके निर्णय करिए कि मैं चिंता को अपने पास नहीं आने दूंगा।
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अरस्तू ने भी इन नियमों का प्रयोग किया था और कहा था कि जीवन को नर्क बनाने वाले हालात से लड़ना है तो पहले चिंता निराशा को मन से भगा दो और अंदर ऐसा साहस पैदा करो कि मैं यह सब कर सकता हूं, दुनिया की कोई भी चीज मेरा रास्ता नहीं रोक सकती।
संसार में आधी चिंता तो लोगों को इसलिए होती है कि वे बात की गहराई में पहुंचे बिना ही उसके बारे में फैसला कर लेते हैं। यही चिंता का सबब बन जाती है। अगर आप चिंता से मुक्त होना चाहते हैं तो महान फिजिशियन सर विलियम ओसलर के शब्दों को याद रखें।- 'आज को ही जीवन समझें, कल की चिंता करके आज की खुशियों को क्यों जलाते हैं। मन में प्रश्न करें कि समस्या का समाधान न मिलने पर क्या हो सकता है। यदि जरूरी हो तो मन में उस बुरे को भले में बदलने का प्रयास करें।'
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