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आशीष विद्यार्थी कभी ' यूं ही ' कुछ करें | Ashish Vidyarthi motivational speech in Hindi

Ashish Vidyarthi, actor and Motivational Speaker: अकारण कुछ करने की खुशी बहुत फोकस रहने पर , किसी चीज को जरूरत से ज्यादा मन लगाकर करने से हम उस ब्रह्मांड से अछूते रह जाते हैं , जिसमें न जाने कितना कुछ हमारे लिए उपलब्ध हो सकता है । आशीष विद्यार्थी , एक्टर व मोटिवेशनल स्पीकर

आशीष विद्यार्थी कभी ' यूं ही ' कुछ करें 

Ashish Vidyarthi, actor and Motivational Speaker: अकारण कुछ करने की खुशी बहुत फोकस रहने पर, किसी चीज को जरूरत से ज्यादा मन लगाकर करने से हम उस ब्रह्मांड से अछूते रह जाते हैं, जिसमें न जाने कितना कुछ हमारे लिए उपलब्ध हो सकता है। आशीष विद्यार्थी, एक्टर व मोटिवेशनल स्पीकर  

Ashish Vidyarthi Motivational Speech in Hindi  

यूं ही कर रहा था। यूं ही जी रहा था। यूं ही पहुंच गया। यूं ही हो गया। अक्सर हम यूं ही का इस्तेमाल ऐसे ही करते हैं। यूं ही हमें लगता है कि अगर हम ' यूं ही ' कह दें तो उसके प्रति हमें ज्यादा सतर्क रहने ही जरूरत नहीं है।उसके प्रति हम ज्यादा उम्मीद भी नहीं रखते, जब कोई भी चीज़ यूं ही हो जाती है। या यूं ही कर देते हैं। लेकिन आज चलिए ' यूं ही ' को अलग तरह से देखें। 

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यूं ही क्या है? यूं ही, जो मैं आपसे बातचीत कर रहा हूं। लेकिन क्या कुछ खास यूं ही नहीं हो सकता? मैंने अक्सर पाया है कि मैं जब किसी भी ' यूं ही ' में जीने लगता हूं और उसको अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेता हूं, क्योंकि मैं उस क्षण भी जी रहा हूं, इसलिए वह ' यूं ही ' खास है। 

मैं यूं ही कई बातचीतें करता हूं और फिर न जाने कितनी और चीजें पाता हूं उस बातचीत या मीटिंग के दौरान, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। जैसे तांगे में लगे घोड़े की आंखों पर ब्लिंकर्स यानी पट्टे होते हैं, जिससे फोकस बनता है और फिर वह किसी और चीज को देखता नहीं है, प्रभावित नहीं होता।

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हम लोग भी कुछ ऐसे ही फोकस्ड हो गए हैं। जब किसी को फोन करते हैं तो कहते हैं बोलो क्या बात है। जानना चाहते हैं कि क्यों फोन किया। क्या चाहते हैं आप, क्या मैं दे सकता हूं। अगर कुछ देना संभव होता है तो बात करते हैं, वरना फोन काट देते हैं। यानी जब हम लोगों से, दुनिया से, जिंदगी से कोई चीज मांगते हैं तो संवाद में फोकस होता है। जिंदगी कहती है, हां या न। अपनी जिंदगी को ध्यान से देखिए । क्या जिंदगी में फोकस है? 

क्या इस वक्त आप जो कर रहे हैं, बचपन से वही करना चाहते थे? या कुछ और कर रहे हैं? मैंने पाया है कि फोकस की दुनिया में हम लोग एक तरफ एकाग्र जरूर हो जाते हैं लेकिन जो पूरा ब्रह्मांड है, उसपर ध्यान नहीं दे पाते। 

हमें पता नहीं चलता है, हम कुछ और भी है। किसी और चीज को अपने तक पहुंचने ही नहीं देते क्योंकि हम फोकस्ड हैं। मैं अक्सर ' यूं ही ' जीता हूं, जब मैं किसी से बात शुरू भी करता हूं तो मैं कह देता हूं कि कैसे हो, बढ़िया हो, पांच मिनट हैं, अगर हैं तो बोल देता हूं कि यूं ही कॉल किया था। कोई मकसद नहीं है, किसी काम के सिलसिले में फोन नहीं किया है। 

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और मैंने पाया है कि अमूमन उन बातचीतों के दौरान ही वे शख्स भी हम से खुलते हैं, हम उनसे खुलकर बात कर पाते हैं। बिना तय सीमाओं के जिंदगी की बातें होती हैं। कई किसी वैज्ञानिक से बात कर रहा हूं और एक बिजनेस आइडिया आ गया। किसी बिजनेमैन से बात कर रहा हूं और अचानक दिल की कोई बात समझ में आ गई। यूं ही। यूं ही जब मैं चलता हूं तो कहता हूं ज्यादा दबाव मत ले आशीष, यूं ही बात कर। 

क्या पता, कहां पर कुछ जाग जाए। क्या पता, कहां पर कुछ निखर जाए। जब फोकस्ड संवाद होते हैं तो उद्देश्य पूरा होने पर हम कहते हैं यार बात नहीं बनी, उस मीटिंग में काम नहीं हो पाया। लेकिन जब ' यूं ही ' तरह से उस मीटिंग में जाता हूं तो जो बात करनी है, वो तो कर ही लेता हूं और साथ-साथ अपने दिमाग को खुला रखता हूं और कहता हूं कि मैं यहां यूं ही आ गया हूं। 

और जब यूं ही आ गया हूं तो आस-पास देखता हूं, और दिशाओं में भी जाता हूं और पाता हूं बहुत सारे लोग न जाने कितनी दिशाओं से मुझे कुछ न कुछ दे रहे हैं। यूं ही एक दुनिया है मेरे लिए, जहां पर मैं अपने आप को हल्का महसूस करता हूं। मैं काम करते समय फोकस्ड रहता हूं, बाकी वक्त पूरे ब्रह्मांड को मुझे छूने देता हूं। इस दुनिया में न जाने कितनी ऐसी चीजें हैं यूं ही किसी को फोन कर लीजिए।

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यूं ही किसी को खत लिख दीजिए। यूं ही मिल आइए। आप देखेंगे कि लोगों को बहुत खुशी मिलेगी। जिन्हें मैं जानता भी नहीं, जो मेरे लिए उपलब्ध हैं। मैं किसी दायरे में बंधा नहीं होता हूं। जिनसे बातचीत भी करता हूं, उनके भी कहता हूं कि खुलकर बात करते हैं। यार क्या पता, कहां पर कुछ जुड़ जाए। कुछ कर सकूं आपके लिए, कुछ आप बना सकें मेरे लिए। आप और मैं मिलकर बना सकें कुछ औरों के लिए, जो हमने कभी सोचा भी नहीं था। 

यूं ही किसी से फोन उठाकर बातचीत कर लीजिए। यूं ही किसी को एक खत लिख दीजिए। यूं ही किसी से मिलने चले जाइए। यूं ही जब मैं किसी के साथ कॉफी पर बात करता हूं, यूं ही किसी को फोन कर देता हूं तो लोगों को बहुत अच्छा लगता है। इस समय जब लोग बहुत फोकस्ड हैं, किस काम से फोन किया, उसपर फोकस्ड हैं, लोग डरे हुए हैं, तब यूं ही बातचीत बहुत अच्छी लगती है। 

चलिए यूं ही मिलते लोगों से, यूं ही खुशी फैलाते हैं। यूं ही बहुतों को बहुत कुछ दे सकते हैं। वे भी फिर यूं ही करेंगे दूसरों के लिए। और उनसे जब लोग पूछेंगे कि क्यों किया और वे कहेंगे यूं ही।

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Ashish Vidyarthi Motivational Quotes in Hindi

Doing anything with dedication impacts life positively.-Ashish Vidyarthi

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समर्पण के साथ कुछ भी करने से जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।-आशीष विद्यार्थी

You won't ever get clarity in life. You have to overcome the hazy path yourself. -Ashish Vidyarthi

आपको जीवन में कभी स्पष्टता नहीं मिलेगी। आपको धुंधले रास्ते से खुद ही पार पाना होगा। -आशीष विद्यार्थी

There are many roles and I haven't had the opportunity to do any of them. I jokingly tell people 'Sometimes I wonder, is the film industry waiting for me to die and then say it's sad. He was a good actor. He was underrated and didn't have enough chances.' -Ashish Vidyarthi

कई भूमिकाएँ हैं और मुझे उनमें से कोई भी करने का अवसर नहीं मिला है। मैं मजाक में लोगों से कहता हूं 'कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि क्या फिल्म इंडस्ट्री मेरे मरने का इंतजार कर रही है और फिर कहो कि यह दुखद है। वह एक अच्छे अभिनेता थे। उन्हें कम आंका गया था और उनके पास पर्याप्त मौके नहीं थे।' -आशीष विद्यार्थी

I did a film called 'Nightfall,' based on Isaac Asimov's life, which was directed by an American director. However, it was a short film. -Ashish Vidyarthi

मैंने इसहाक असिमोव के जीवन पर आधारित 'नाइटफॉल' नाम की एक फिल्म की थी, जिसका निर्देशन एक अमेरिकी निर्देशक ने किया था। हालांकि यह एक शॉर्ट फिल्म थी। -आशीष विद्यार्थी

Well, acting on stage is very different from acting on screen.-Ashish Vidyarthi

खैर, मंच पर अभिनय करना पर्दे पर अभिनय करने से बहुत अलग है।-आशीष विद्यार्थी

We make life difficult, and then we try to solve it. My methodology is to simplify things and share them with life examples.-Ashish Vidyarthi

हम जीवन को कठिन बनाते हैं, और फिर हम इसे हल करने का प्रयास करते हैं। मेरी कार्यप्रणाली चीजों को सरल बनाना और उन्हें जीवन के उदाहरणों के साथ साझा करना है।-आशीष विद्यार्थी

We have only one life to decide which path would suit us the best.-Ashish Vidyarthi

Ashish Vidyarthi Motivational Quotes in Hindi

हमारे पास यह तय करने के लिए केवल एक ही जीवन है कि कौन सा मार्ग हमें सबसे अच्छा लगेगा।-आशीष विद्यार्थी

I was a 'bathroom actor' and people used to laugh at me, listening to my lofty aims and ambitions.-Ashish Vidyarthi

मैं एक 'बाथरूम अभिनेता' था और लोग मेरे ऊंचे लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं को सुनकर मुझ पर हंसते थे।-आशीष विद्यार्थी

When people ask me where I am from, with artificial simplicity, they don't understand how convoluted an answer it may sound.-Ashish Vidyarthi

जब लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं कहाँ से हूँ, तो कृत्रिम सादगी से, वे नहीं समझते कि यह कितना जटिल उत्तर लग सकता है।-आशीष विद्यार्थी

I like to be a creative variable rather than sticking to a dogma.-Ashish Vidyarthi

मुझे हठधर्मिता से चिपके रहने के बजाय एक रचनात्मक चर बनना पसंद है।-आशीष विद्यार्थी

Redemption happens in many forms. It happens when one takes responsibility even when one needs not.-Ashish Vidyarthi

मोचन कई रूपों में होता है। ऐसा तब होता है जब कोई जरूरत न होने पर भी जिम्मेदारी लेता है।-आशीष विद्यार्थी

I can understand Tamil and Telugu when a conversation is aimed at me, but I cannot hold a conversation.-Ashish Vidyarthi

मैं तमिल और तेलुगु तब समझ सकता हूं जब बातचीत मेरे लिए हो, लेकिन मैं बातचीत नहीं कर सकता।-आशीष विद्यार्थी

आज का पॉजिटिव चैलेंज Today's Positive Challenge

अपने पांच कौशल पहचानकर लिखें 

अगर पेशेवर सफतला पाना चाहते हैं तो अपने ऐसे कौशल पहचानने जरूरी हैं जो आपको कार्यस्थल पर सभी से अलग बनाएं साथ ही व्यक्तिगत जीवन में भी आपको आगे बढ़ाएं । अपनी क्षमताओं के मूल्यांकन से आप अपने लिए बेहतर लक्ष्य तय कर पाएंगे और कौशलों को सुधारने पर भी काम कर पाएंगे । -

Today's Positive Thoughts

 अपने किसी साथी से बेहतर होने में कोई महानता नहीं है । सच्चा बड़प्पन तो खुद के पुराने स्वरूप से बेहतर होने में है । 

अंत सभी का समान है । हम जीते जी क्या करते हैं , वही हमें अलग बनाता है । - - अर्नेस्ट हेमिंगवे 

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