Type Here to Get Search Results !

साल 2022 में दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगने का संयोग

solar and  lunar eclipses in the year 2022: साल 2022 खगोलीय घटनाओं को लेकर महत्वपूर्ण है । इस साल अप्रैल से लेकर नवंबर तक कुल चार ग्रहण लगेंगे । जिसमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे । सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है । ज्योतिष के अनुसार शास्त्रों में इसे शुभ घटना के तौर पर नहीं देखा जाता है । 

साल 2022 में दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगने का संयोग,30 अप्रैल 16 मई 25 अक्टूबर और 8 नवंबर को लगेंगे चारों ग्रहण

मान्यता है कि ग्रहण के समय सूर्य पीड़ित हो जाते हैं , जिसके कारण वह शुभ फल प्रदान नहीं कर पाते हैं । 30 अप्रैल 16 मई 25 अक्टूबर और 8 नवंबर को लगेंगे चारों ग्रहण,माना जाता है कि जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है यानि जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं । 

साल 2022 कुल चार ग्रहण लगने का योग बना है । इसमें से दो सूर्य ग्रहण और में दो ही चंद्र ग्रहण लगने का संयोग बना हुआ है । हिंदू पंचाग के अनुसार 30 अप्रैल 2022 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा । यह सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा जो वृषभ राशि में लगेगा । यह सूर्य ग्रहण दक्षिण , वेस्ट - साउथ अमेरिका , प्रशांत महासागर , अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर जैसे क्षेत्रों से दिखाई देगा । आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण इसका प्रभाव शहर में नहीं पड़ेगा । 

वहीं पंडितों की माने तो पूर्ण ग्रहण लगने की स्थिति में ही सूतक नियमों का पालन किया जाता है । साल 2022 को दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा । यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जिसका शहर में कोई प्रभाव नहीं होगा । यह ग्रहण यूरोप , साउंथ - वेस्ट एशिया , नॉर्थ - ईस्ट अफ्रीका और अटलांटिक महासागर से देखा जा सकेगा । वहीं पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगेगा । 

साल का पहला चंद्र ग्रहण साउथ - वेस्ट यूरोप , साउथ - वेस्ट एशिया , अफ्रीका , नॉर्थ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों , अंटार्कटिका साउथ अमेरिका , प्रशांत महासागर , हिंद महासागर और अटलांटिक महासागर से दिखाई देगा । जबकि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगेगा । इस ग्रहण को नॉर्थ - ईस्ट यूरोप , एशिया , ऑस्ट्रेलिया , नॉर्थ अमेरिका , साउथ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों , प्रशांत , अटलांटिक , आर्कटिक , अंटार्कटिका और हिंद महासागर जैसे क्षेत्रों से देखा जा सकेगा ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.