Subconscious Mind Power: हमारे दिमाग का एक नियम है। दिमाग के अवचेतन यानी सबकॉन्शियस माइंड की प्रतिक्रिया चेतन मन के विचारों की प्रकृति से तय होती हैं। यानी ऊपरी तौर पर आप जो सोचेंगे और करेंगे, अंदरुनी तौर पर आप वैसे बदल जाएंगे। हमें ये समझना होगा कि चेतन और अवचेतन दो मस्तिष्क नहीं है। वे तो एक ही मस्तिष्क में होने वाली गतिविधियों के दो क्षेत्र हैं।
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आप अपने Subconscious Mind अवचेतन मन पर जो भी छाप छोड़ते हैं या जिसमें भी प्रबल विश्वास करते हैं, आपका अवचेतन मन उसे स्वीकार कर लेता है। यह बहस नहीं करता। यह उस मिट्टी की तरह है, जो किसी भी तरह के बीज को स्वीकार कर लेती है।
मनोवैज्ञानिक और मनोविश्लेषक बताते हैं कि जब विचार आपके अवचेतन मन तक पहुंच जाते हैं, तो दिमाग की कोशिकाओं में उनकी छाया बन जाती है। जैसे ही अवचेतन मन किसी विचार को स्वीकार कर लेता है, यह उसे साकार करने में तत्काल जुट जाता है। यह आपके भीतर की असीमित शक्ति, ऊर्जा और बुद्धि का इस्तेमाल करता है।
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मनोवैज्ञानिकों और अन्य शोधकर्ताओं ने बहुत से सम्मोहित लोगों पर प्रयोग किए हैं। उनके शोध से स्पष्ट हो जाता है कि अवचेतन मन कोई चुनाव या तुलना नहीं करता है, जो तार्किक प्रक्रिया के लिए जरूरी है। ये मन कोई भी सुझा स्वीकार कर लेगा, भले ही वह झूठा हो। ये आपको तय करना होगा कि अपने सबकॉन्शियस माइंड को कैसे सुझाव देते हैं।-'आपके अवचेतन मन की शक्ति से साभार
Thoughts of the day
प्रतिभा ईश्वर ने दी है इसलिए विनम्र रहिए। प्रसिद्धि मानव प्रदत्त है, आभारी रहिए। अकड़ स्वयं की दी हुई है, सावधान रहिए।
अपनी भावनाओं से पहले दूसरों के अधिकारों पर विचार करें और अपने अधिकारों से पहले दूसरों की भावनाओं पर- जॉन वुडन (ख्यात अमेरिकी खिलाड़ी)
Today's Positive Challenge
अपने स्क्रीन टाइम का हिसाब रखें: हम औसतन 7 घंटे मोबाइल स्क्रीन देखते हुए बिताते हैं। कामकाजी लोगों के लिए ये समय कम्प्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन देखने के अलावा है। अपने स्क्रीन टाइम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है, इसका हिसाब रखना शुरू कर दें। इसमें कुछ एप्लिकेशन की मदद ले सकते हैं। इससे पता लगा सकेंगे कि कितना समय, किन किन एप पर बिताते हैं और उस हिसाब से स्क्रीन टाइम कम कर सकते हैं।