Type Here to Get Search Results !

खुद की आलोचना न करें ये सुधार में बाधक है

Power of Positive Thinking: उस बात पर हमेशा गौर करें जिसके लिए आप खुद को सबसे ज्यादा दोष देते हैं। फिर चाहे वह देरी हो, ओवर ईटिंग हो या कुछ और क्षण भर के लिए उस भाषा पर विचार करें, जिसका उपयोग आप उस समय खुद को दोष देने के लिए करते हैं। क्या आप खुद को बहुत बुरा-भला कहते हैं। आलसी, बेवकूफ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं तो इसे बंद कर दीजिए। 


खुद की आलोचना न करें ये सुधार में बाधक है


विशेषज्ञ खुद के बारे में इस तरह के शब्दों का प्रयोग करने या खुद के लिए जजमेंट करने से मना करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस तरह की आलोचना आपको समस्याओं के वास्तविक कारणों तक नहीं पहुंचने देती, जिससे आप समस्या के समाधान तक नहीं पहुंच पाते। 


Read More: 



मनोवैज्ञानिक आमतौर पर जोर देते हैं कि विचारों, भावनाओं और व्यवहार के लिए एक उचित स्पष्टीकरण होता है। इसे सहानुभूति कहा जाता है। इसका उपयोग लोगों में बदलाव लाने के लिए किया जाता है। दरअसल जब हम जजमेंट करते हैं तो हम मानसिक रूप से दुनिया को अच्छे और बुरे की श्रेणी में विभाजित करते हैं। 


हम जटिल चीजों को बेवकूफ, बदसूरत, स्मार्ट, या फिर पागल जैसे आसान लेबल देकर शॉर्टकट बनाते हैं। बुद्धिमानी के साथ मानसिक शॉर्टकट बनाने की यह क्षमता जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण भी है। क्योंकि दुनिया में इतनी अधिक सूचनाएं हैं कि सब कुछ विस्तार से नहीं जाना जा सकता। 


तो क्या करें: खुद की आलोचना करते समय रुकें और पूछें, इससे मेरा क्या मतलब है? बुरी आदतों में तर्क खोजें। दरअसल आपका दिमाग बता रहा होता है कि गतिविधि अप्रिय होने वाली है। अप्रिय क्या हो सकता है इसके बारे में विचार करें। लिंडसे स्टेपल्स के मेकअप विद योर माइंड से साभार


Thought of the Day 


अगर आप चाहते हैं कि कोई चीज अच्छी तरह से हो, तो उसे खुद करने की कोशिश कीजिए। 


साहस, प्यार के समान है दोनों को आशा रूपी पोषण की आवश्यकता होती है।- नेपोलियन बोनापार्ट, फ्रांसीसी सम्राट 


Read More: 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.