अम्लपित्त ( Acidity ) के रोग के रोकथाम के घरेलू प्रयोग
Hyper Acidity:- आजकल के हमारे गलत खान-पान, रहन सहन और अपच के कारण हमारे पेट मे पित्त मे विकृति उत्पन्न होने से अम्ल की मात्रा बड़ने लगती है, इसकी अधिक मात्रा होने पर इसे अम्लपित्त ( Acidity ) कहा जाता है.
अम्लपित्त या एसिडिटी को मेडिकल कि भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD) के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे 'अम्ल पित्त' कहते हैं। तो आइये जानते हैं अम्लपित्त ( Acidity ) के रोग के कुछ घरेलू रोकथाम के प्रयोग.
Strong digestion and indigestion tips: कमजोर हाजमा और अपच को दूर करने के आयुर्वेदिक प्रयोग
पहला प्रयोग : - यह आदत बनाएं कि रात को सोते समय एक गिलास गर्म पानी पीएं । इससे अम्लपित्त दूर होने के साथ - साथ मोटापा , कैस्ट्रोल कम होता है । कब्ज का रोग सदा के लिए जाता रहता है और लंबे अभ्यास के बाद पथरी भी निकल जाती है ।
दूसरा प्रयोग : - आँवले का मुरब्बा खाने अथवा आँवला शर्बत पीने से अथवा द्राक्ष ( किशमिश ) , हरड़ और मिश्री के सेवन से अम्लपित्त में लाभ होता है ।
तीसरा प्रयोग : - 1-1 ग्राम नीबू के फूल एवं काला नमक को 10 ग्राम अदरक के रस में पीने से अथवा ' संतकृपा चूर्ण ' को पानी या नीबू के शर्बत में लेने से लाभ होता है ।
Giloy benefits: गिलोय का सेवन से होने वाले लाभकारी असर
चौथा प्रयोग : - सुबह 5 से 10 तुलसी के पत्ते एवं दोपहर को ककड़ी खाना तथा रात्रि में 2 से 5 ग्राम त्रिफला का सेवन करना एसिडिटी के मरीज़ों के लिए वरदान है ।
पाँचवां प्रयोग : - अम्लपित्त के प्रकोप से ज्वर होता है । इसमें एकाध उपवास रखकर पित्तपापड़ा , नागरमोथ , चंदन , खस , सोंठ डाल कर उबाल कर ठंडा किया गया पानी पीने एवं पैरों के तलुओं में घी घिसने से लाभ होता है । ज्वर उतर जाने पर ऊपर की ही औषधियों में गुडुच , काली द्राक्ष एवं त्रिफला मिला कर उसका काढ़ा बना कर पीना चाहिए ।
सावधान : - एसिडीटी होने पर कोल्ड ड्रिंक्स का प्रयोग न करें । इससे समस्या बढ़ेगी ही । इसके अतिरिक्त चाय , तली चीजें , मसाले वाली चीजें कम खाएं , सैर करें और अधिक समय तक भूखे न रहें ।
गजकरणी
एक लीटर कुनकुने पानी में 8-10 ग्राम सेंधा नमक डाल कर पंजे के बल बैठ कर पी जायें । फिर मुँह उँगली डाल कर वमन कर दें । इस क्रिया को गजकरणी कहते हैं । सप्ताह में एक बार करने से अम्लपित्त सदा के लिए मिट जाता है ।
ध्यान दे :- इस लेख में दिये गये किसी नुस्खे की प्रमाणिकता का दावा नहीं करता. पाठकों से आग्रह है कि किसी दवा या नुस्खे का प्रयोग करते समय योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें और योगासन किसी योगाचार्य के मार्गदर्शन मैं ही करें.