वर्तमान परिस्तिथियों को दर्शाती एक छोटी सी लघुकथा आवश्यकता
वह हर बात के लिए मां पर निर्भर रहता था। उसे हर काम के लिए अपनी मां की जरूरत रहती थी। समय बदला और अब बेटे को मां की कोई आवश्यकता नहीं थी।
घर में बेटे ने जन्म लिया। सारे घर में खुशियों की लहर दौड़ गई। बच्चे की मां का तो खुशियों का कोई ठिकाना न था। वह बड़े प्यार से बच्चे का पालन-पोषण करने लगी। बच्चा बड़ा होने लगा। वह हर बात के लिए अपनी मां पर निर्भर रहने लगा। उसे हर काम के लिए अपनी मां की बहुत आवश्यकता रहती।
धीरे-धीरे वह समय भी आया, जब वह विवाह योग्य हो गया। मां ने बड़े चाव से एक बेहद सुंदर लड़की के साथ उसका विवाह कर दिया। बेटा शीघ्र ही अपनी गृहस्थी में रम गया। समय बदला। अब मां वृद्धाश्रम में थी। बेटे को मां की कोई आवश्यकता नहीं थी।
Note- इस एक छोटी सी पोस्ट में वर्तमान समाज में हो रहे बूढ़े माँ-पिता की अनदेखी को दर्शाने का प्रयास किया गया है, बुजुर्गों की सेवा करना बच्चो का कर्तव्य है और उन बच्चों को एक बात यह ध्यान में रखना चाहिए की जिस तरह हम आज अपने माता-पिता की अवहेलना कर रहे है,हो सकता है कल उनके साथ भी ऐसा हो,क्योकि जैसे बोओगे वैसा फल मिलेगा। बुजुर्ग माता पिता की सेवा करना सभी तीर्थो के दर्शन करने के सामान है -
- उनकी चिंता ने चौंका दिया- Short story in hindi
- लघुकथा- किसने तय किया ?
- लघुकथा-अच्छे तो हो न बेटा
- hindi short stories:अपमान करना याद है
- लघुकथा: दीर्घायु भवः| Dirghayu Bhav Short Story
- लघुकथा- बहू की जगह | short Story : bahu ki jagah
- तुझे हक है एक शार्ट स्टोरी | Tujhe hak hai ek choti kahani
- गई भैंस पानी में- Hindi Short Story
- लघुकथा: गुब्बारे वाला लड़का | Short Story Gubbare Wala Ladka
- रबीन्द्रनाथ टैगोर की श्रेष्ठ कहानियां
- मुंशी प्रेमचंद की कहानियां
- पगडंडी: कहानी
Thanks for Visiting Khabar's daily update for More Topics Click Here