आरएलपी क़े संयोजक व राजस्थान के नागौर लोकसभा सांसद HANUMAN BENIWAL,ने भी NDA का साथ छोड़ दिया है! हनूमान बेनीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर कहा की कृषि कानूनौ का विरोध कर रहे किसानों से तुरत बात की जाए !
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राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी(RLP) |
राष्ट्रीय
लोकतांत्रिक पार्टी(RLP) : आरएलपी क़े संयोजक व राजस्थान के नागौर लोकसभ सांसद हनूमान
बेनीवाल ने ऐलान किया था कि किसान आंदोलन क़े समर्थन में RPL पार्टी 26 दिसंबर को लाखों किसानों
क़े साथ राजस्थान से दिल्ली की और किसान आंदोलन क़े समर्थन में कृषि कानूनौ का विरोध करने का ऐलान किया!
कृषि
कानूनौ के विरोध मैं जहां किसान आंदोलनरत है
वही BJP पार्टी क़े सहयोगी NDA का साथ छोड़ रही
है,
हनूमान बेनीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा
हनूमान
बेनीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और कहा की "केंद्र सरकार
द्वारा हाल लाए ही में लाए गये कृषि से संबंधित तीनों बिलों के विरोध में चल रहे
किसान आंदोलन की तरफ ध्यान आकर्षित करते हूए अनुरोध है की कृषि कानून बिलों को आप वापिस लेने हेतू तत्काल करवाही
करें , राजस्थान के नागौर लोकसभ सांसद हनूमान बेनीवाल ने आगे कहा
की किसान ईस भीषण सर्दी व कोरोनाकाल में देश का अन्नदाता आंदोलन कर रहा हैं शासन के
शोभनिय नहीं हे!
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हनूमान बेनीवाल |
अत:
आंदोलित किसानों क़े लिये दिल्ली में उनकी मंशा क़े अनुरुप उचित स्थान दिया जाय व तीनों
बिलों को वापिस लेते हूए स्वामीनाथन आयोग कि सॅँपूण सिफारिशों को लागू किया जाय!आगे
हनूमान बेनीवाल ने कहा की RLP जो NDA कि घटक दल का हिस्सा थी परन्तु किसान हित को मध्यनजर
रखते हूए NDA क़े साथ गठबंधन रखने क़े निर्णय का पार्टी द्वारा पुन: विचार किया जायेगा
क्योँकि जवान और किसान RLP की ताकत है"!
इससे
पहले बेनीवाल ने कहा कि मोदी सरकार के पास 303 सांसद है जिसके कारण मोदी सरकार कृषि कानून
बिलों को वापिस नहीं ले रही है
यहाँ
आपको बता दें की कृषि कानून बिलों क़े विरोध
मेँ देश के अन्नदाता पिछले 31 दिनों से आँदोलन कर रहे है और सरकार सें तीनों कृषि बिलों
को वापिस लेने की मांग कर रहा है,सरकार और
किसानों क़े बीच 6 बार की वार्ता हो चूकि है जो की बेनतीजा रही,जहां एक ऒर सरकार तीनों
बिलों पर संशोधन करने को तैयार है वही दूसरी और किसान तीनों बिलों को रद्द करने पर
अड़ी हैं!इससे पहले अकाली दल भी कृषि कानून
बिलों क़े विरोध में NDA गठबंधन छोड़ चूकी है!
देश
के अन्नदाता ठिठूरति ठंड मॆं अपनी माँगों को
लेकर जहाँ आंदोलितरत हैं वही विपक्ष अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकने में लगी है!