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motor insurance claim: इस तरह सिर्फ 20 मिनट में मिल सकता है

 
motor insurance claim: इस तरह सिर्फ 20 मिनट में मिल सकता है

motor insurance claim

बीमा की बात यदि आपके पास गाड़ी है तो मोटर बीमा भी होगा,

यदि आपके पास गाड़ी है तो मोटर बीमा कवर भी होगा । थर्ड पार्टी कवर तो होगा ही , जो कानूनन अनिवार्य है । लेकिन , क्या आप जानते हैं कि डिजिटल तरीके से 20 मिनट से भी कम समय में मोटर इंश्योरेंस क्लेम मिल सकता है । आइए विस्तार से समझते हैं ।

मरम्मत के मामले में दो तरह के क्लेम

 कैशलेस क्लेम

इनमें रिपेयर कराने के लिए जेब खर्च नहीं करना होता है । बीमा कंपनी सीधे अपने नेटवर्क गैरेज को पेमेंट करती है । आपको केवल अवमूल्यन ( डिप्रेसिएशन ) और कटौती ( डिडक्टिबल ) का भुगतान ( लागू होने पर ) करना होता है । 

अवमूल्यन का प्रतिशत गाड़ी कितनी पुरानी है , यह और क्षतिग्रस्त हिस्से के हिसाब से कम - ज्यादा हो सकता है । कुछ पार्ट्स का 30 % अवमूल्यन होता है । 

इसलिए यदि यह हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है और इसे बदलना हो तो बीमा कंपनी 70 % भुगतान करेगी । कटौती वह राशि है जिसे बीमा कवर लेने से पहले चुकाना होता है । 

रीइम्बर्समेंट क्लेम

 वाहन को नुकसान की मरम्मत किसी भी गैरेज में करवा सकते हैं । लागत खुद उठानी होगी । बाद में रीइम्बसमेन्ट के लिए बीमा कंपनी के पास आवेदन करना होगा । इसके लिए गैरेज से सभी रस्सीदें और बिल लेना होगा ।

घटना के आधार पर 3 तरह के क्लेम 

थर्ड पार्टी

थर्ड पार्टी ( टीपी ) इंश्योरेंस तीसरे पक्ष के क्लेम संबंधी देनदारियों को कवर करता है । आपके वाहन से किसी की मृत्यु या चोट लगने की स्थिति में मुआवजे की कोई सीमा नहीं होती । यह राशि अदालतें तय करती हैं । 

यदि आप किसी दुर्घटना में थर्ड पार्टी हैं , तो फौरन एफआईआर दर्ज कराएं और वाहन मालिक से टीपी बीमा के डिटेल लें । फिर मुआवजे के लिए मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ( एमएसीटी ) में आवेदन करें । 

खुद से नुकसान

खुद से नुकसान ( ओडी ) की बात तब सामने आती है जब आपकी गाड़ी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाती है । ऐसी स्थिति में सबसे पहले पुलिस और बीमा कंपनी को सूचित करें ।

पुलिस और बीमा कंपनी की सहमति के बाद ही रिपेयर के लिए वाहन दुर्घटना स्थल से हटाएं । बीमा कंपनी इसके लिए क्लेम देगी ।

 चोरी | 

वाहन चोरी हो जाने पर एफआईआर दर्ज कराएं । फिर बीमा कंपनी और आरटीओ को सूचित करें । एफआईआर , ड्राइविंग लाइसेंस , वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि की कॉपी बीमा कंपनी के पास जमा करनी होगी । 

यदि 90 दिनों के भीतर वाहन का पता नहीं चला तो पुलिस नो ट्रेस रिपोर्ट जारी करेगी । इसके बाद बीमा कंपनी क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया शुरू करेगी ।

डिजिटाइज्ड क्लेम प्रोसेस 

' ऑन द स्पॉट सेटलमेंट ' डिजिटाइज्ड क्लेम प्रोसेस है । इसमें वाहन को हुए नुकसान की तस्वीरें एप / पोर्टल पर अपलोड करना होता है । 

बीमा कंपनी डेटा एनालिटिक्स टूल से क्लेम अमाउंट फिक्स करेगी , जो स्वीकार्य हो तो 20 मिनट से कम समय में क्लेम मिल जाता है ।

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