कोरोना के बाद मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम बच्चों में फैल रहा संक्रमण
देश में कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस के बाद अब एक नई बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है।जिसका नाम है मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम ( MIS-C, Multisystem inflammatory syndrome ) संक्रमण। यह देश के कई राज्यों में दस्तक दे चूका है-
कोरोना के बाद मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम बच्चों में फैल रहा संक्रमण |
कोरोना के बाद मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम बच्चों में फैल रहा संक्रमण
यह बीमारी छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रही है, 15 साल तक के बच्चों में फैल रहा संक्रमण , हार्ट , लिवर , गुर्दे हो रहे प्रभावित तो आईये जानते है MIS-Cके बारे में ।
यह नया संक्रमण चिकित्सकों के लिए चिंता का विषय बन गया है । इसकी चपेट में वो बच्चे आ रहे हैं जो पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं । सभी बच्चे कोरोना संक्रमण होने के चार से छह सप्ताह बाद इससे संक्रमित हो रहे हैं ।
Coronavirus Pandemic और ब्लैक फंगस के बीच अब मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम ( MIS - C ) संक्रमण भी हिमाचल में आ गया है । इसके केस प्रदेश में पहली बार मिले हैं । आईजीएमसी में अब तक इसके 18 बच्चे एडमिट हो चुके हैं ।
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ . राहुल गुप्ता ने कहा कि अब तक मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के 18 बच्चे एडमिट हो चुके हैं ।
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम |
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम Multisystem inflammatory syndrome क्या है ?
इस बीमारी से वह बच्चे संक्रमित हो रहे हैं ,जिन्हें पहले कोरोना वायरस हो चुका है । हालांकि , ये सिंड्रोम रेयर है । ये तब होता है जब कोरोना का संक्रमण खत्म हो जाता है ।
covid-19 के खिलाफ बच्चे के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं जो उसके शरीर के आंतरिक अंगों में एलर्जी की प्रतिक्रिया देना शुरू कर देते हैं । जिनमें इनके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता नहीं होती , वे इसकी चपेट में आ जाते हैं ।
इससे संक्रमित होने से बचने का अभी तक कोई उपाय नहीं है क्योंकि यह कोरोना होने के बाद ही बच्चों को संक्रमित कर रहा है ।
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम लक्षणक्या है ? |
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम लक्षणक्या है ?
- लगातार बुखार आना
- आंखें लाल होना
- शरीर में चकत्ते निकलना
- चेहरे पर सूजन होना
- होठों पर सूजन
- हाथों की उंगलियों में सूजन
- पेट में दर्द होना
- और सांस लेने में तकलीफ इसके मुख्य लक्षण है । यह हार्ट , लिवर , गुर्दे को बुरी तरह से प्रभावित करता है ।
अगरबच्चो में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें तुरंत चिकित्सकों के पास दिखाएं ,क्योंकि इस बीमारी से बच्चों को बचाने का एक ही उपाय है कि उन्हें समय पर अस्पताल ले जाएं ।
यह चिंता का विषय
तीसरी लहरभीहो सकती है बच्चों पर भारी विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अपनी चपेट में ले सकती है । मगर मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम की चपेट में आने से चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है ।
हालांकि अब आईजीएमसी प्रशासन जल्द ही 18 साल तक के आयुवर्ग के बच्चों पर यह सर्वे करने जा रहा है । एक से दो सप्ताह में यह सर्वे शुरू कर दिया जाएगा ।
इलाज को आने वाले बच्चों की रेंडम सैंपलिंग एंटीबॉडी चेक की जाएगी , ताकि पता चले कि बच्चे कितने संक्रमित हुए हैं ।
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