Priyanka Goswami biography in Hindi | प्रियंका गोस्वामी जीवन परिचय
Priyanka Goswami biograph:- 26 साल की प्रियंका गोस्वामी एक भारतीय एथलीट रेसवॉकर हैं, उनका जन्म 10 मार्च 1996 को उत्तरप्रदेश जिले के मुजफ्फरनगर के सागड़ी गांव में हुआ था।
Priyanka Goswami एक भारतीय एथलीट हैं,जो २० किलोमीटर की दौड़ में भाग लेती हैं। प्रियंका गोस्वामी ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी पाने के बाद प्रियंका भारतीय रेलवे में क्लर्क के पद पर नौकरी कर रही है।
2006 में मुजफ्फरनगर में अपने गांव को छोड़ कर पुरे परिवार के साथ मेरठ में बस गए। तो आइये जानते है- प्रियंका गोस्वामी जीवन परिचय Goswami biography in Hindi,wiki, age,height & more
Priyanka Goswami(जीवनी) biography in Hindi
पूरा विवरण (full details) |
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नाम |
प्रियंका गोस्वामी |
जन्म तिथि |
10 मार्च 1996 |
उम्र 2023 में |
27 साल |
जन्म स्थान |
मुजफ्फरनगर,उत्तरप्रदेश |
पिता का नाम |
मदनलाल गोस्वामी |
माँ का नाम |
अनीता गोस्वामी |
भाई का नाम |
कपिल गोस्वामी |
वैवाहिक स्थिति |
अविवाहित |
पति का नाम |
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बेटे का नाम |
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राष्ट्रीयता |
भारतीय |
लिंग |
Female |
वर्तमान शहर |
मेरठ, उत्तरप्रदेश |
प्रोफेशन |
भारतीय एथलीट(Indian athlete) |
खेल / अनुशासन |
20 kilometres , International Race walker |
उपलब्धियों |
National finals 2017, 2021 |
व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ |
1:28.45 (2021) |
पहला ओलंपिक खेल |
टोक्यो ओलंपिक, 2021 |
गृहनगर |
सागड़ी गांव मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश |
स्कूल |
कनोहरलाल गर्ल्स स्कूल |
कॉलेज/यूनिवर्सिटी |
बीके महश्वरी इंटर कॉलेज, मेरठ |
शिक्षा योग्यता |
आर्ट्स ग्रेजुएट |
धर्म |
हिन्दू |
राशि |
मीन राशि |
मातृ भाषा |
हिंदी |
शौक |
Photography, fashion and clothing |
Physical Stats |
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ऊंचाई सेंटीमीटर मैं |
5’4”(5fit 4 inch), 164 cm |
वजन |
लगभग 50 kg |
आई कलर |
Dark brown (गहरे
भूरे रंग) |
हेयर कलर |
black |
स्किन कलर |
Indian fair colour |
Priyanka Goswami biography in Hindi
प्रारंभिक जीवन
प्रियंका गोस्वामी की प्रारंभिक पढ़ाई कनोहरलाल गर्ल्स स्कूल से हुई ,उसके बाद बीके महश्वरी इंटर कॉलेज से कि, ग्रेजुशन पटियाला से पूरी की। इनके पिता रोडवेज में कंडक्टर थे, 2010 में रोडवेज अधिकारियों ने झूठा आरोप लगा कर इन पर एफआईआर करवा दी, जिसके कारण उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया।
नौकरी छीन जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आ गया। नौकरी बहाली के लिए मदनलाल अधिकारियों के चक्कर करते रहे। घर की आर्थिक संतुलन को बनाये रखने के लिए इनके पिता ने टैक्सी, किराना स्टोर, और आटा चक्की का भी काम करके बच्चों को पढ़ाया, प्रियंका खेल से जुडी और उन मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने ओलंपिक का सफर भी तय किया।
बचपन से ही प्रियंका को खेलों में रूचि थी। गोस्वामी ने एथलेटिक्स में जाने से पहले( कक्षा 6 में ) कुछ महीनों के लिए स्कूल में जिमनास्टिक का अभ्यास किया। और जब वे 9 वीं क्लास में गयी तो तब इन्होने एथलेटिक्स का प्रशिक्षण लिया। रेस-वाकिंग प्रतियोगिता में सफल प्रतिस्पर्धियों के लिए पुरस्कार बैग उपलब्ध होने के कारण वह दौड़ने के लिए आकर्षित हुईं।
यह भी देखें - Manoj Saru (Technology Gyan) Biography in Hindi | Success And Impressional Story | wiki, age,&more,
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प्रियंका के बारे की कुछ जानकारियां
प्रियंका गोस्वामी ने टोक्यो ओलंपिक में 1 घंटा 32 मिनट 36 सेकेंड का समय निकालकर 17वां स्थान हासिल किया।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक प्रियंका गोस्वामी टोक्यो २०२० ओलंपिक की महिलाओं की 20 किमी वॉक स्पर्धा में आधे निशान के आसपास अग्रणी स्थान में से एक थीं, लेकिन अंततः 17 वें स्थान पर रहीं
26 वर्षीय प्रियंका ने 1 घंटा 32 मिनट 36 सेकेंड का समय निकाला, जो कि उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 1:28:45 से बाहर था, जिसे उन्होंने फरवरी में नेशनल ओपन रेस वॉक चैंपियनशिप के दौरान पेश किया था।
फरवरी २०२१ को रांची में ओपन नेशनल और इंटरनेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 1:28:45 के एक नए भारतीय रिकॉर्ड के साथ २० किमी दौड़ में भारतीय रेसवॉकिंग चैम्पियनशिप जीती, और २०२० ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने इससे पहले 2017 में इंडियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप जीती थी।
कॉमन वेल्थ गेम (CWC) 2022 में प्रियंका गोस्वामी ने 10000 मीटर की दौड़ में रजत पदक के साथ रेस वॉक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया है । इन्होंने 43:38.83 सेकेंड का समय लेकर इस ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा मोंटाग के बाद दूसरा स्थान हासिल करके कांस्य पदक विजेता बनी है ।
वह भारतीय रेलवे में क्लर्क के रूप में काम करती हैं।
प्रियंका गोस्वामी ने 800 मीटर और पंद्रह सौ मीटर की रेस में भाग लेकर अपने करियर की शुरुआत कि परंतु उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली
2011 में उन्होंने रेस वॉकिंग में भाग लेना शुरू किया जब उन्हें जिला स्तरीय मीट में तीसरे स्थान मिला था
"तीसरा पुरस्कार एक बैग था
जब वह 12 वीं कक्षा में थी, तब उसने अपनी पहली रेस वॉकिंग स्पर्धा में भाग लिया था।
वह कहती हैं कि उस समय उनके कोच ने उन्हें वॉकिंग इवेंट में हिस्सा लेने का सुझाव दिया था।
उसने जूनियर, सीनियर और नेशनल मीट में वॉकिंग में 60 पदक जीते हैं।
60 में से 2017-2018 में राष्ट्रीय स्तर पर दो रजत पदक हैं।
उन्होंने 2018 में अखिल भारतीय रेलवे प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक जीता था।
उन्होंने 2016 में इटली में जापान और ताइपे में अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भी भाग लिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी 2021 में इन्हें रानी लक्ष्मीबाई वोट देकर सम्मानित किया है।
स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी पाने के बाद प्रियंका भारतीय रेलवे में क्लर्क की नौकरी करती हैं।
प्रियंका शाकाहारी हैं और सभी तरह के तैलीय भोजन से परहेज करती हैं।
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