Type Here to Get Search Results !

Cabbages & Condoms Restaurant : बैंकाक का अदभुत रेस्तरां

Cabbages & Condoms Restaurant,बैंकाक का अदभुत रेस्तरां: रोमांटिक वातावरण में चटपटे थाई व्यंजनों का लुत्फ उठाना हो, तो कैबेजेस एंड कंडोम्स रेस्तरां में स्वागत है. पर मेन्यू में लिखे मसालेदार कंडोम सलाद देख कर घबराइएगा नहीं, दरअसल यहां का थीम ही है कंडोम ...


Cabbages & Condoms Restaurant :  बैंकाक का अदभुत रेस्तरां, Cabbages and Condoms owner


Cabbages & Condoms Restaurant


कैबेजेस एंड कंडोम्स रेस्तरां संसार का सर्वप्रथम एकमात्र ऐसा रेस्तरां है जो पूरी तरह से लोगों में परिवार नियोजन तथा एड्स के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को समर्पित है. 2002 में जब यह रेस्तरां खुला था तो वहां के लोगों में सनसनी फैल गई थी. हमारी ही तरह वे भी तब यह सोचसोच कर हैरान थे कि आखिर पत्तागोभी और कंडोम का एकदूसरे से क्या संबंध है . 


इस नाम के समर्थन में रेस्तरां के संस्थापक मचाय वीरवैद्य(Mechai Viravaidya) का तर्क यह था कि वे कंडोम को भी पत्तागोभी की ही तरह लोकप्रिय बनाना चाहते हैं, ताकि लोग उस का उपयोग कर के अपनेआप को एड्स के भीषण राक्षस से बचा सकें. वीरवैद्य का कहना है कि पत्तागोभी थाईलैंड के देहातों का प्रमुख भोजन है और यह सब्जी वहां बहुतायत से उगाई और खाई जाती है . 


ये भी देखें - स्पेन प्राकृतिक दृश्यों की मिलनस्थली


अगर थाई जनता कंडोम को भी पत्तागोभी की ही तरह अपना ले तो देश की जनसंख्या वृद्धि को कारगर ढंग से रोका जा सकता है. साहसिक पहल 80 वर्षीय मचाय वीरवैद्य की मां स्काटलैंड की तथा उन के पिता थाई हैं. उन के पिता ने उच्च अध्ययन के लिए मचाय को आस्ट्रेलिया भेजा था . 


वीरवैद्य ने कंडोम जैसे विषय को अपने रेस्तरां का थीम बना कर सारी दुनिया में शोहरत तो हासिल की ही, सामाजिक वर्जनाओं से घिरे ऐसे विषय को खुले वातावरण में ला कर उन्होंने जिस साहस का प्रदर्शन किया, उस की वजह से वह अपने देश की जनता के हीरो बन गए . 


Cabbages & Condoms Restaurant :  बैंकाक का अदभुत रेस्तरां, cabbages and condoms menu


उन के इस रेस्तरां में मशहूर थाई व्यंजनों के साथ-साथ कंडोम का सब से बड़ा संग्रह भी देखने को मिलेगा. मचाय जो भी करते हैं, उन का उद्देश्य सदैव यह रहता है कि वह अपनी बात को प्रभावशाली ढंग से दुनिया के समक्ष पेश कर सकें. वह हरेक काम को निर्भय हो कर चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं . 


उन्होंने कभी भी समाज के सामने घुटने नहीं टेके. अपने स्वतंत्र तथा अनोखे विचारों के लिए वह सदैव ही अंतर्राष्ट्रीय सुखियों में रहे हैं .


रेस्तरां का थीम 


कैबेजेस एंड कंडोम के मेन्यू कार्ड पर आप 'मसालेदार कंडोम  सलाद' जैसे व्यंजनों के नाम पढ़ कर कही चौंक न जाएं. मसालेदार कंडोम सलाद में कंडोम का नाम जोड़ कर उसे रेस्तरां के थीम से केवल जोड़ने का काम किया गया है, बाकी इस व्यंजन में कंडोम का कोई काम नहीं है . 


Cabbages & Condoms Restaurant :  बैंकाक का अदभुत रेस्तरां


यह पारंपरिक थाई व्यंजनों का एक उच्च कोटि का रेस्तरां है और यहां आप इन चटपटे व्यंजनों का भरपूर आनंद उठा सकते हैं. इस रेस्तरां के निकट ही परिवार नियोजन के लिए एक चिकित्सक को भी बैठाया गया है. अगर भोजन करने वाले पुरुष चाहें तो भोजन के बाद वे इस चिकित्सक के पास जा कर निशुल्क नसबंदी भी करा सकते हैं .


अनेक बार वीरवैद्य थाईलैंड के गांवों तथा शहरों में चलते फिरते चिकित्सालय भी भेज चुके हैं. ये बसें नसबंदी के सारे उपकरणों से लैस होती हैं, जहां थाई लोगों की निशुल्क नसबंदी की जाती है . 


एड्स से सुरक्षा 


एक बार वीरवैद्य ने स्कूल के बच्चों के लिए कंडोम को गुब्बारे की तरह फुलाने की प्रतियोगिता का आयोजन कर के बच्चों के मातापिता को सकते में डाल दिया था. 1992 में बैंकाक में हुई विश्व बैंक की एक बैठक में जा कर उन्होंने वहां उपस्थित वरिष्ठ बैंक अधिकारियों तथा थाईलैंड के स्वास्थ्यमंत्री को कंडोम बांट कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था . 


एड्स पर नीरस भाषण देने के बजाय उन्होंने अपने इस नाटकीय कृत्य से सब का ध्यान बहुत प्रभावशाली ढंग से इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित कर लिया था. एक बार बैंकाक के एक अस्पताल में एड्स के मरीजों के बीच उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया था . 


Cabbages & Condoms Restaurant :  बैंकाक का अदभुत रेस्तरां


इस सम्मेलन में एक महिला रोगी पानी पी रही थी, उन्होंने उस के हाथ से उस का जूठा पानी का गिलास ले कर सारा पानी जमीन पर गिरा दिया था, प्रेस के समक्ष यह साबित करने के लिए कि रोगी को केवल छूने मात्र से यह रोग दूसरे किसी व्यक्ति को नहीं लग सकता . 


वह अपने देश के लोगों को यह बताना चाहते थे कि एड्स के रोगियों को अछूत न समझा जाए और पूरी सहृदयता से उन की देखभाल की जाए. उन्होंने बैंकाक के टैक्सी चालकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया कि वे जिन पर्यटकों को रेड लाइट इलाकों में ले जाते हैं, उन्हें कंडोम जरूर बांटें, ताकि वे लोग इस महामारी से बच सकें .


जागरूकता अभियान 


इस रेस्तरां के निकट ही एक दुकान पर थाईलैंड के देहातों में बनाई गई हस्तकला की सुंदर चीजें बेची जाती हैं. इन के साथ ही यहां कंडोम से बने सोविनियर तथा चांदी के जेवर भी बिकते हैं. इस दुकान तथा रेस्तरां की सारी आमदनी पौपुलेशन एंड कम्यूनिटी डेवलपमेंट एसोसिएशन के विभिन्न कार्यक्रमों पर खर्च की जाती है . 


इस एसोसिएशन की स्थापना मचाय ने 1974 में की थी. यह संस्था मुख्यतया परिवार नियोजन, पर्यावरण सुरक्षा, ग्रामीण विकास तथा लोगों को एड्स के प्रति जागरूकता पैदा करने का महत्त्वपूर्ण काम कर रही है. उन्होंने किसानों को अपनी भैंसों पर कंडोम का इश्तहार बनाने तथा परिवार नियोजन का प्रचार करने के लिए भी प्रेरित किया है . 


Thanks for visiting Khabar daily update. For more  दुनिया, click here


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.