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क्या आप जानते हैं,कर्ज़ के लिए बैंक सही या फाइनेंसियल कंपनी


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कर्ज़ के लिए बैंक सही या वित्तीय कंपनियां !


ऋण बैंक भी देते हैं और गैर-बैंक वित्तीय कंपनियां भी । अपने - अपने फ़ायदे हैं और कमियां भी । ऐसे में दोनों की सेवाओं के बीच फ़र्क़ समझना भी ज़रूरी है । 


एक समय था जब गाड़ी या घर खरीदने के लिए बड़ी रकम की आवश्यकता होती थी, तो कर्ज केवल बेंक से मिलता था । कर्ज लेना आसान नहीं था, प्रक्रिया भी जटिल थी । पर अब ना केवल बैंक से कर्ज लेना आसान हुआ है बल्कि अन्य विकल्प भी हमारे पास हैं । 


कई गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान ( एनबीएफसी ) मौजूद हैं , जो अधिक से अधिक ग्राहकों को कर्ज की सेवा दे रही हैं । यानी कि अब बैंक के अलावा एनबीएफसी से भी ऋण ले सकते हैं । मन में सवाल आता ही है कि जब दो रास्ते हैं, तो किसे चुना जाए और क्यों ? ऐसे में यह समझना ज़रूरी है कि दोनों के ही अपने - अपने फ़ायदे और नुकसान हैं ।


प्रक्रिया में अतर 


बैंक की तुलना में एनबीएफसी लोन हिस्ट्री ( क्रेडिट स्कोर ) के ख़राब होने पर भी कर्ज देते हैं । साथ ही उनका लोन अप्रूवल की प्रक्रिया आसान और तेज होती है । वहीं बैंक से कर्ज लेने के बहुत से काग़ज पूरे करने होते हैं और लम्बी प्रक्रिया के लिए समय चाहिए होता है । 


बैंक द्वारा लोन एप्लीकेशन रद्द होने वाले मानक पूरे ना होने वाले प्रकरण भी एनबीएफसी द्वारा आसानी से स्वीकृत हो जाते हैं ।


 समय सीमा भी अलग 


बैंक से लिए कर्ज की अदायगी लोन अदायगी समय के पहले करके ब्याज़ ख़र्च बचाया जा सकता है, लेकिन एनबीएफसी का लोन तय समय पर चुका सकते हैं, उसके पहले नहीं । 


बैंक के लोन पर ना केवल ब्याज दर कम होती है बल्कि फ्लोटिंग रेट ( समय समय पर आर.बी.आई द्वारा रेपो रेट बदलाव पर आधारित ) होने के कारण फ़ायदेमंद होता है । जबकि एनबीएफसी तयशुदा ब्याज दर को पूरे समय जारी रखती है । 


गारंटी का फ़र्क़


एनबीएफसी लोन में अधिकतर गारंटी की जरूरत नहीं होती । जब पैसे की तुरंत जरूरत होती है, तो ब्याज दर और ख़र्च की परवाह किए बिना एनबीएफसी से लोन लेना आसान और फ़ायदेमंद रहता है । परंतु यदि सिविल ( लोन हिस्ट्री ) अच्छी हो, काग़ज़ पूरे हों और प्रक्रिया में कुछ लगने वाले समय का इंतजार करना मंजूर हो तो कर्ज़ बैंक से ही लेना चाहिए ।


क्या है एनबीएफसी ? 


एनबीएफसी यानी कि गैर-बैंक वित्तीय कंपनियां कंपनी एक्ट 1956 संचालित वो वित्तीय संस्थान हैं जो विभिन्न बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती हैं लेकिन उनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं है । आमतौर पर इन संस्थानों को पारंपरिक मांग जमा ( जैसे चालू या बचत खातों में जनता से धन ) लेने की अनुमति नहीं है ।


यह कंपनियां किसी जमा योजना के तहत ही लोगों का पैसा जमा करतीं और फिर कई प्रकार के ऋण प्रदान करती हैं । यह सीमा उन्हें सेंट्रल और स्टेट वित्तीय नियामकों से पारंपरिक निरीक्षण के दायरे से बाहर रखती है । वाहन, टीवी, मोबाइल आदि की दुकानों पर कई वित्तीय संस्थानें इनको ख़रीदने के लिए लोन उपलब्ध कराती हैं । 


अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवेदकों को न्यूनतम सीआईबीआईएल स्कोर 750 की आवश्यकता होती है । अगर आवेदक के पास पर्याप्त आय और मजबूत करियर पोर्टफोलियो है तो वो कम क्रेडिट स्कोर होने पर भी आवेदन कर सकता है । क्रेडिट स्कोर के साथ, एनबीएफसी ऋण के लिए 23 से 55 वर्ष मध्य की आयु होनी चाहिए ।


सभी एनबीएफसी खुदरा विक्रेताओं, छोटे पैमाने की फर्मों, थोक विक्रेताओं, स्वरोजगार व्यक्तियों को ऋण देती हैं, साथ ही भारत में कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ( एनबीएफसी ) उन लोगों को भी व्यक्तिगत ऋण प्रदान करती हैं जिन्हें अपने व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए तत्काल नकदी की आवश्यकता होती है ।

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