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हाइड्रोजन कार क्या है? और इनका भारत जैसे देश में भविष्य क्या है

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Hydrogen Car: हाइड्रोजन वाहन(hydrogen vehicle) एक प्रकार का वैकल्पिक ईंधन(alternative fuel ) वाहन । जिस प्रकार पेट्रोल और डीजल ईंधन वाले वाहन होते है, ठीक उसी प्रकार हाइड्रोजन ईंधन वाले वाहन होते है, जिसमें फ्यूल के रूप में hydrogen का इस्तेमाल किया है।  


usually इस इंधन का प्रयोग रॉकेटों को अंतरिक्ष में भेजने के लिये किया जाता है । लेकिन अब इसका प्रयोग वाहनों को चलाने में भी किया जा रहा है। तो आइये जानते हैं हाइड्रोजन कार क्या है? और इनका भारत जैसे देश में भविष्य क्या है-


पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel ) रोज कीमतों का नया रिकॉर्ड बनाते जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम काफ़ी बड़ चुके है. इसी को देखते हुए है लोगों का रुझान वैकल्पिक फ्यूल के नए विकल्प की और बढ़ता जा रहा है. अभी वैकल्पिक fuel के रूप में CNG और electrical vehicle ही शामिल था. इसी बीच देश की पहली हाइड्रोजन कार 'टोयोटा मिराई(Toyota Mirai) ने दस्तक दे दी है. 


पायलट प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इसी कार से बुधवार 30-3-2022 को संसद पहुचे. Nitin Gdkari ने यह कहा कि - ये कार देश का फ्यूचर ही. इससे प्रदूषण नहीं होता. पाँच मिनट में टंकी फूल करने पर 600 किलोमीटर चलेगी, खर्च 2 रुपये प्रति किलोमीटर ही है, जबकि पेट्रोल में 10 रुपये. खर्च पड़ता है. इसमे साइलेंसर से सिर्फ पानी बाहर निकालता है.


भारत जैसे देश में भविष्य क्या है? 


अगर आप भी future में hydrogen vehicle या इलेक्ट्रिक कार खरीदने की सोच रहे है तो आपको ये पढ़ना जरूरी है - जहां आम कार (petrol-diesel vehicles) कि क़ीमत कि बात करें तो 7-8 लाख, जबकि इलेक्ट्रिक कारें 13-16 लाख, और हाइड्रोजन कारें 50-65 लाख की हैं. मगर अभी ये वाहन बाजार में उपलब्ध नहीं है. जबकि इलेक्ट्रिक कारें सीमित मॉडल ही मिल रही है. 


इलेक्ट्रिक कारें चलाने में जहां एक रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आता है, वहीं हाइड्रोजन कारों में 2 रू पड़ता है. इन दोनों तरह की कारों के साथ अभी सबसे बड़ी चुनौती इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर है. 


भले ही अभी देश में गिने चुने चार्जिंग स्टेशन शुरू हो गए है, पर देश में हर जगह पहुंचने में 5-10 साल लग सकता है. हाइड्रोजन गैस का उत्पादन और transportation बहुत खर्चीला है. हाइड्रोजन कारें न शोर करती है, न प्रदुषण पर हादसे में खतरा ज्यादा होता है. 


Q - हाइड्रोजन व इलेक्ट्रिक कारों की तकनीक में क्या फर्क ? 


A - हाइड्रोजन व हवा की ऑक्सीजन से बिजली पैदा होती है , जिससे हाइड्रोजन कार चलती है । इस दौरान बना पानी साइलेंसर से निकल जाता है । इलेक्ट्रिक कार में बैटरी से कार के पहियों की मोटर को ऊर्जा मिलती है । हालांकि , हाइड्रोजन कार में एनर्जी स्टोर करने के लिए बैटरी होती है , पर इलेक्ट्रिक कार से 30 गुना हल्की ।


Q - प्रदूषण के लिहाज से कौन - सी कार ज्यादा बेहतर है


A - हाइड्रोजन कार में न ध्वनि प्रदूषण होता है , न ही वायु प्रदूषण । इलेक्ट्रिक कार में भी ये कम होता है , लेकिन इसमें लगी लीथियम आयन बैटरी का कच्चा माल जिन खदानों से निकलता है , उनसे कार्बन डाई ऑक्साइड ज्यादा निकलती है , जो वायु प्रदूषण फैलाती है ।


Q - फुल टैंक या फुल चार्ज में कौन - सी कार ज्यादा चलती है ? 


A- हाइड्रोजन कारों की ड्राइविंग रेंज अपेक्षाकृत ज्यादा है ।यह एक बार फुल टैंक पर 600km चलती है, जबकि 15 KMH बैट्री से कार 100 किलोमीटर तक चल सकती है, जबकि वहीं, टेस्ला की कुछ कारें एक बार चार्ज करने पर 500 से किमी तक भी चलती हैं.


Q - हाइड्रोजन कार और इलेक्ट्रिकल कार दोनों में कौन - सी कार ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है ? 


A - हाइड्रोजन गैस अत्यंत ज्वलनशील होती है । हादसे में आग पकड़ने का खतरा इलेक्ट्रिक कार से ज्यादा है । 


Q - बाजारों में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हाइड्रोजन कारों के कितने मॉडल हैं


A - 2021 तक , चुनिंदा बाजारों में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हाइड्रोजन कारों के दो मॉडल हैं: टोयोटा मिराई (2014-), जो दुनिया का पहला बड़े पैमाने पर उत्पादित समर्पित ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) है, और हुंडई नेक्सो (2018-) . होंडा क्लैरिटी का उत्पादन 2016 से 2021 तक किया गया था।


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