नितिन गडकड़ी ने "खादी प्राकृतिक पेंट " को किया लॉन्च किया ,गाय के गोबर से बना है, यह पेंट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती -गड़करी
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Khadi Prakritik Paint:-
सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कल खादी प्राकृतिक पेंट को मुख्य अतिथि के रूप मैं लॉन्च किया है,यह पेंट पहला उत्पाद जिसके मुख्य घटक के के रूप मैं गाय के गोबर का प्रयोग किया गया है पेंट को लॉन्च करते हुए गड़करी ने कहा की इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी,जिससे किसानों की आय बढ़ेगी तथा खादी प्राकृतिक पेंट ब्रांडिंग के बाद ६००० करोड़ रूपए का उद्योग होगा
क्या खासियत है पेंट में -
कल यानि मंगलवार को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने खादी प्राकृतिक पेंट लॉन्च किया है ,यह पेंट की और से बनाया गया है यह पेंट पर्यावरण के अनुकूल है- वॉशेबल , एंटी-बैक्टीरियल ,इको फ्रेंडली ,एंटी फंगल,नॅान टौक्सिक, किफ़ायती और गंधहीन है ,और यह अपनी आप मैं पहला उत्पाद है और गाय का गौबर मुख्य घटक के रूप मैं इस्तेमाल हुआ है और साथ ही डिस्टेंपर और इमल्शन में उपलब्ध है |
तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित भी है | इससे पशुधन रखने वाले किसानों को साल मैं ५५ हजार रूपए तक की अतिरिक्त आमदनी होगी |
पेंट की क़ीमत पर लीटर और प्रकार व् विषेशता -
खादी प्राकृतिक पेंट आपको बाजार मैं दो रूपों मैं उपलब्ध होगा -डिस्टेंपर तथा प्लास्टिक इमल्सन पेंट के रूप में, एक लीटर डिस्टेंपर की कीमत १२० रूपए होगी तथा इमल्सन पेंट की कीमत पर लीटर २२५ रूपए होगी |
इस पेंट की कीमत अन्य बाजार में उपलब्ध पेंट की तुलना मैं बहुत कम है,ऐसे मैं यह पेंट कई अन्य कंपनियों के एंटी-वायरस पेंट को पर्तिस्पर्धा देगा ,तथा आम पेंट मैं -सीसा (लेड ), पारा (मरकरी),कैडमियम ,क्रोमियम जैसे हानिकर धातुएं होती है परन्तु खादी इंडिया के प्राकृतिक पेंट मैं ऐसी कोई धातु नहीं है
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इसी क्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से ‘प्राकृतिक पेंट’ तैयार किया गया है
आगे गड़करी ने कहा की पेंट क मुख्य अवयव गौबर है और यह अन्य पेंट क मुकाबले सस्ता पड़ेगा ,इससे रंग-रोगन करने पर ग्राहक की जेब पर भी कम असर पड़ेगा वही देश के किसानों की आय बढ़ने वाला होगा | ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और गायों के रक्षा मैं भी मद्दत होगी |
बयान के मुताबिक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से इसकी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.और धीरे इससे गोबर की खपत बढ़ेगी,और धीरे-धीर पशुपालक गायों को कसाई के पास भेजना बंद कर देंगे |
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इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी, गाय के गोबर के इस्तेमाल से पर्यावरण भी स्वच्छ होगा और किसानों तथा गौशालाओं को अतिरिक्त आमदनी होगी।
प्राकृतिक पेंट को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और केंद्रीय राजयमंत्री प्रताप सारंगी की उपस्थिति मैं लांच किया गया| इससे किसानों और गौशालाओं को प्रति पशु लगभग 30,000 रुपये वार्षिक आमदनी होने का अनुमान है।’