साल का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को 150 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
Surya Grahan :-साल का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को 150 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग ; पिता सूर्य पर जब ग्रहण लगेगा , उसी दिन पुत्र शनि की जयंती
सौर मंडल के स्वामी और ग्रहों के अधिष्ठाता का सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में 8 जून की सुबह 6:40 मिनट पर मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं । वहीं मित्र ग्रह मंगल के नक्षत्र में मंगलवार को प्रवेश सूर्य के प्रभाव को बढ़ाता है । इसे नक्षत्र में सूर्य देव को 10 जून को ग्रहण भी लगेगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा ।
शनि जयंती 2021
करीब 150 साल एक दुर्लभ संयोग 10 जून को बन रहा है , जब पिता सूर्य पर ग्रहण रहेगा और उनके पुत्र शनि की जयंती मनाई जाएगी । इसके साथ एक संयोग यह भी है कि शनि अपनी ही राशि मकर में वक्री हैं ।
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इन संयोगों के कारण इस बार शनि जयंती खास हो गई है । यह सूर्यग्रहण कंगनाकार होगा , जो भारत में केवल अरुणाचल के पूर्वी उत्तरी भाग में सूर्यास्त के समय ही आंशिक रूप से दिखेगा , इसलिए शेष भारत में इसका कोई असर नहीं रहेगा ।
लेकिन यह सूर्य ग्रहण उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में पूर्ण रूप से दिखाई देगामंदिर भी खुले रहेंगे । शास्त्रों के मुताबिक , शनि के अपनी स्वयं की राशि मकर में रहते और शनि जयंती पर मकर में वक्री शनि के साथ सूर्य ग्रहण इससे पहले 26 मई 1873 में हुआ था ।
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि इस समय चंद्रमा के पृथ्वी से दूर रहने के कारण चंद्रमा की उल्टी घनी छाया पृथ्वी पर पड़ेगी । उल्टी घनी छाया वाले स्थान से सूरज कंगन की तरह दिखाई देगा , जिससे बीच के भाग में तो घना अंधेरा रहेगा , लेकिन सूरज का बाहरी किनारा कंगन की तरह चमकता दिखेगा ।
सूर्य ग्रहण समय
यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 10 जून को कंकणाकृती सूर्यग्रहण का आरंभ दोपहर 1.42 से शुरू होकर और मध्य 3:30 पर रहेगा ग्रहण का मोक्ष अर्थात पूर्णता शाम 6.41 तक होगा।
वहीं , पं . मनीष शर्मा के अनुसार , ग्रहण जहां दिखाई नहीं देगा वहां इसका प्रभाव भी नहीं रहेगा । यानी न मंदिर बंद होंगे और न स्नान - दान होगा ।परंतु इसका प्रभाव शहर में नहीं होगा ग्रहण के प्रभाव से प्रमुख रूप से वायु और पृथ्वी तत्व की राशियां होंगी अग्नि एवं जल तत्व की राशियों पर प्रभाव सामान्य एवं सकारात्मक रहेगा और अच्छे मानसून आता है
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