Type Here to Get Search Results !

digital life certificate जीवन प्रमाण क्या है? इसे pensioners कैसे और कहाँ बना सकते हैं?

पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र: Digital Life Certificate (Jeevan Pramaan ) 1 अक्टूबर से घर बैठे बनेगा.80 साल और इससे अधिक उम्र के पेंशनरं को 1 October से जीवित होने का प्रमाण देने के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस नहीं जान पडेगा । ऐसे लोगों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की व्यवस्था शुरू हो रही है । आइए जानते हैं  digital life certificate जीवन प्रमाण क्या है? इसे pensioners कैसे और कहाँ बना सकते हैं? नई व्यवस्था कैसे काम करेगी ..

पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र: Digital Life Certificate (Jeevan Pramaan

Digital Life Certificate जीवन प्रमाण क्या है? 

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन प्रमाण-पत्र) पेंशनभोगियों के लिए एक बायोमेट्रिक सक्षम डिजिटल सेवा है।  केंद्र या राज्य सरकार के पेंशनरों, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन( EPFO) या कोई अन्य सरकारी संगठन जिनकी Pension वितरण एजेंसी डीएलसी के लिए जीविति है, इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।  

उन्हें जीवन प्रमाण पत्र को भौतिक रूप से जमा करने के लिए संवितरण एजेंसी के कार्यालय का दौरा करने की आवश्यकता नहीं है और इसके बजाय डीएलसी उत्पन्न करने के लिए आधार सक्षम बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण तंत्र का उपयोग कर सकते हैं।  डाक विभाग (डीओपी), इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के व्यापक डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए, पेंशनभोगि घर बैठे ही इस सेवा का लाभ डिजिटल बायोमेट्रिक प्रमाणी द्वारा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन की सहायता से उठा सकते है। 

 डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट कहां बनेंगे ? 

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ( डीएलसी ) देश के सभी हेड पोस्ट ऑफिस स्थित जीवन प्रमाण सेंटर ( जेपीसी ) में बनेंगे । जेपीसी बनाने के लिए सभी डाक घरों को निर्देश दे दिए गए हैं । पेंशनर चाहें तो जेपी पोर्टल https://jeevanpramaan.gov.in/app पर रजिस्ट्रेशन कराकर खुद ही डीएलसी बना सकते हैं । डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनने के बाद पेंशनर को प्रमाण आईडी फोन पर एसएमएस के जरिये मिलेगी । इससे वे डीएलसी डाउनलोड कर सकेंगे , प्रिंट ले सकेंगे या डिजिटली भी यूज कर सकेंगे । 

डीएलसी बनाने के लिए पेंशनर को किन किन दस्तावेजों की जरूरत होगी ? 

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए आधार नंबर , बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक या पोस्ट ऑफिस जैसी किसी पेंशन डिस्बर्सिंग एजेंसी से आधार के रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी । फिर यदि आपके पास कोई बायोमीट्रिक डिवाइस , स्मार्टफोन , टैबलेट या इंटरनेट कनेक्टेड पीसी हो तो खुद डीएलसी आईडी जेनरेट कर सकते हैं । 

डीएलसी बन जाने के बाद पेंशनर को क्या करना होगा ? 

डीएलसी की प्रोसेस पूरी होने के बाद जीवन प्रमाण एक यूनिक आईडी में तब्दील हो जाएगा । फिर पेंशनर को कुछ नहीं करना होगा । पेंशनर जीवित है इसका प्रमाण बैंक ब्रांच या पोस्ट ऑफिस तक स्वतः पहुंच जाएगा । 

डीएलसी की व्यवस्था क्यों करनी पड़ी ? 

जिन लोगों की उम्र ज्यादा हो जाती है , उनके लिए हर साल बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर जीवित होने का प्रमाण देना मुश्किल हो जाता है । ऐसे लोगों को घर बैठे यह काम निपटाने की सुविधा दी गई है , ताकि उन्हें दौड़ भाग न करनी पड़े ।

जानिए क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से जुड़े पांच प्रमुख मिथक और उनकी हकीकत

Thanks for Visiting Khabar Daily Update for more फाइनेंस Post Click Here .



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.