यूपी चुनाव से पहले जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हुए, राहुल गांधी के करीबी रह चुके है
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्य्ता ले ली है । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में जितिन प्रसाद ने BJP (भारतीय जनता पार्टी )में शामिल हुए ।ज्योतिराज सिंधिया के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की टीम से एक और बेहद खास अहम् और करीबी थे।
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यूपी चुनाव से पहले जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हुए, राहुल गांधी के करीबी रह चुके है |
कांग्रेश के दृष्टिकोण से यह २०२२ उत्तर प्रदेश विधान चुनाव से पहले यह एक बहुत ही बड़ा उलटफेर साबित हो सकता है। जितिन प्रसाद ने जब बीजेपी ज्वाइन की तो केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में जितिन प्रसाद की भूमिका अहम होने वाली है।
वही जितिन प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संस्थागत राजनीतिक दल है बाकि सभी पार्टियों में सिर्फ व्यक्ति विशेष और एक परिवार को महत्त्व दिया जाता है ।
Delhi: Congress leader Jitin Prasada joins BJP in the presence of Union Miniter Piyush Goyal, at the party headquarters. pic.twitter.com/lk07VGygbe
— ANI (@ANI) June 9, 2021
जितिन प्रसाद ने कहा कि जिस चुनौतियों और परिस्थितियों का देश इन दिनों सामना कर रहा है उससे निपटने के लिए अगर कोई उपयुक्त दल है तो वह है भाजपा और अगर कोई नेता है तो वह है माननीय प्रधानमंत्री मोदी।
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आगे उन्होंने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा की कांग्रेस में अपने लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा था मुझे उम्मीद है कि बीजेपी के माध्यम से मैं लोगों की सेवा कर सकूंगा।
47 वर्षीय जितिन प्रसाद, पिछले साल ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद से भाजपा में शामिल होने वाले दूसरे हाई-प्रोफाइल पूर्व राहुल गांधी के सहयोगी हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, जो कभी राहुल गांधी के करीबी थे, आज भाजपा में शामिल हो गए, अगले साल उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा।
वह "जी -23" या 23 कांग्रेस नेताओं के समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने पिछले साल पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर व्यापक सुधार, सामूहिक निर्णय लेने और "पूर्णकालिक, दृश्यमान नेतृत्व" का आह्वान किया था।
हालांकि पार्टी ने पाठ्यक्रम में सुधार की बात की और एक पैनल नियुक्त किया, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं बदला।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे, और यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी बयां भी कर चुके थे।
लेकिन जितिन प्रसाद की शिकायत का पार्टी हाईकमान ने नजरअंदाज किया यही वजह है कि उन्होंने आज बीजेपी का दामन थामना पड़ा
बीजेपी जितेन के द्वारा दाव चलेगी
2022 में यूपी का विधानसभा चुनाव है, और यूपी में ब्राह्मण समाज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से खासकर खफा है.।
इसी समीकरण को साधने के लिए बीजेपी ने जितिन प्रसाद को साथ लेकर ब्राह्मण समाज को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश करेगी
जितिन प्रसाद कौन है?
कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं जितिन प्रसाद जितेंद्र प्रसाद राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार थे । कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद ने 1999 में सोनिया गांधी के पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी थी ।
लेकिन उन्हें हार हार का सामना करना पड़ा,जितेंद्र प्रसाद का 2001 में निधन हो गया इसके बाद जितिन प्रसाद ने पिता की राजनीति विरासत को संभाला व् 2001 में इंडियन यूथ कांग्रेस से जुड़ गए।
2004 में पहली बार लोकसभा शाहजहांपुर सीट से जीतकर जितिन प्रसाद संसद पहुंचे,एवं यूपीए-1 की सरकार में जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया वह मंत्री बनाने वाले सबसे युवा चेहरों में से एक थे।
2009 में जितिन ने धौरहरा लोकसभा सीट से लड़े और और यूपीए-2 की सरकार में जितिन प्रसाद को पेट्रोलियम और सड़क परिवहन जैसे मंत्रालय की राज्यमंत्री जिम्मेवारी मिली थी।
2014 का चुनाव जितिन प्रसाद हार गए इसके बाद से ही जितिन प्रसाद की राजनीतिक सितारे गर्दिश में चले गए
यूपी कांग्रेस की कमान जब से प्रियंका वाड्रा के हाथ में है तबसे जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिल रही थी । कई बार खुले मंच पर वह अपनी नाराजगी गाहे -बुगाये जाहिर भी कर चुके थे ।
2019 में जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल होने की खबर थी बाद में अफवाहों का खंडन किया था कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उस वक्त प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें रुकने के लिए मना लिया था।