Sachin Tendulkar Motivational Story/Speech in Hindi
Sachin Tendulkar Story: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले और भारतीय क्रिकेट टीम के भूतपूर्व ओपनर मास्टर ब्लास्टर ओपनर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर विश्व के सबसे महानतम क्रिकेटर की श्रेणी में आते है। उनका जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई, भारत में हुआ था, सचिन ने मात्र 16 साल की उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किये, जिसमे सबसे अधिकतम शतक, अधिकतम रन, या सर्वाधिक 99 पर आउट होने का रिकार्ड। सचिन ने 2013 में अपने 24 साल के क्रिकेट करियर से बाद सन्यास ले लिया दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बने रहे।
तो आइये जानते है -Sachin Tendulkar Motivational Story in Hindi, Sachin Tendulkar Motivational Speech in Hindi, सचिन तेंदुलकर के अनमोल विचार.
हमेशा टीम बनाकर काम करें, आप परफॉर्म नहीं करेंगे तो टीम करेगी।-Sachin Tendulkar
आपकी मेहनत देखकर लोग जुड़ते हैं और लक्ष्य पाना आसान हो जाता है।-Sachin Tendulkar
Sachin Tendulkar Motivational Story/Speech in Hindi
यह आपको मजाक लग सकता है, लेकिन जब मैं 11 साल का था, तब दृढ़ता से महसूस करता था कि अपने देश के लिए क्रिकेट खेलूंगा। मैं जानता था मेरा लक्ष्य क्या है और इसे पाना चाहता था। देश के लिए केवल खेलना ही नहीं था, ऐसा कुछ करना था, जिससे लोग मुझे याद रखें। मेरी महत्वाकांक्षा बेहद मजबूत थी। मैं अक्सर अपने भाई अजीत से पूछता था कि मेरा सपना कब पूरा होगा। हर पड़ाव पर पूछता था कि अब क्या... फिर चाहे वो स्कूल टूर्नामेंट में सेंचुरी मारना हो या डिवीजन का मैच खेलना ।
मैंने खुद को क्रिकेट में झोंक दिया था, परिवार ने भी। मैदान के पास ही मेरे अंकल-आंटी का घर था, तो मैं चार साल तक उनके साथ रहा। मेरे पैरेंट्स रोज शाम मुझसे मिलने आते थे। मैं थककर इतना चूर हो चुका होता था कि केवल उनके साथ थोड़ा वक्त बिताने में ही मेरी शाम बीत जाती थी। पूरा परिवार ही मेरे साथ मेरे सपने को पूरा करने में जुटा हुआ था।
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घर के बाहर भी मेरे साथी जैसे मेरे सपने को पूरा करने में जुटे थे। कई लोगों के साथ मैं फर्स्ट क्लास लेवल पर खूब खेला। बॉम्बे के ऑफ स्पिनर किरण मोकाशी की मदद तो मैं भूल ही नहीं सकता। नेट सेशन खत्म होने के बाद वो कहते थे, सचिन तैयार हो जाओ... मैं तुम्हें फिर से बॉलिंग करूंगा। तो इन कारणों से क्रिकेट में मेरा उदय जल्दी हुआ। जितना जल्दी आप लक्ष्य तय करेंगे, उतनी जल्दी उसे पाएंगे। आपकी मेहनत देखकर लोग आपके साथ होते जाएंगे।
परफॉर्मेंस एक-सी कभी नहीं रहेगी। कोई भी काम हो, आप हमेशा एक जैसा नहीं परफॉर्म कर सकते। वक्त इसे सुधारता और बिगाड़ता है। जैसे हर सुबह एक-सी सेहत के साथ आप नहीं उठते हैं, हर दिन आपके पैर पिच पर अच्छे नहीं चल सकते, हर रोज बैट स्विंग परफेक्ट नहीं हो सकता, कई दफा पिच आपको बड़े शॉट खेलने नहीं देता। इन परिस्थितियों से कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। खुद के बारे में तय करके नहीं बैठ जाना चाहिए। टीम बनाकर काम कीजिए। जब आप परफॉर्म नहीं करेंगे तो टीम करेगी। मैंने कभी दबाव खुद पर नहीं लिया। आप नेचरल रहिए, काम कैसा होगा इसकी चिंता आपकी नहीं है।(विभिन्न इंटरव्यूज में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर। सचिन हाल ही में 50 साल के हुए हैं।)
अपने शरीर से दोस्ती होनी चाहिए
ट्रेनिंग से ही आपका प्रदर्शन निखर सकता है। साथ ही फिटनेस भी बेहद जरूरी है। इस तरह आप अपने शरीर को ढंग से जान पाते हैं। अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचान पाते हैं। मैं अपने शरीर को जान लूंगा तो मैदान में उसे अनपेक्षित परीक्षा में नहीं डालूंगा। इस तरह मेरा खेल खराब नहीं होगा। आपकी अपने शरीर से दोस्ती होना चाहिए, ऐसी दोस्ती कि डॉक्टर से पहले आप उन्हें बता दें कि हुआ क्या है।
खुद को 25 साल का महसूस करता हूं
मैं अभी खुद को 50 का महसूस नहीं करता। मुझे लगता है मैं 25 साल के अनुभव वाला 25 साल का नौजवान हूं। मेरा तो रिटायरमेंट भी धीरे-धीरे हुआ है। ऐसा नहीं हुआ कि मैं किसी सुबह उठा और देखा कि ओह, मैं रिटायर हो चुका हूं और अब क्या करूं!
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