Type Here to Get Search Results !

Nirjala Ekadashi 2023 Date: निर्जला एकादशी कब है, इस विधि से करें पूजा, भूलकर भी न करें ये काम

Nirjala Ekadashi Kab Hai: निर्जला एकादशी 2023 की तारीख 31मई है। यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इस व्रत को "निर्जला" कहा जाता है क्योंकि इस दिन व्रती व्यक्ति को पूरे दिन भूख और प्यास नहीं लगानी चाहिए। इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति अपने मन, शरीर, और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं और भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त करने का इंतजार करते हैं। निर्जला एकादशी व्रत के द्वारा, व्रती को आध्यात्मिकता, मानसिक शांति, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह विशेष एकादशी व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र मान्यता रखता है। निर्जला एकादशी का मतलब होता है 'निर्जल' यानी बिना पानी के। इस एकादशी को मनाने वाले व्रती इस दिन पूरे दिन भोजन तथा पानी से पूर्णतया व्रत रखते हैं। यह व्रत अन्य एकादशी व्रतों से अलग होता है, जहां व्रती फल, सब्जी और पानी से पूर्ण भोजन कर सकते हैं।

निर्जला एकादशी कब है, Nirjala Ekadashi 2023,

निर्जला एकादशी 2023 की तारीख

निर्जला एकादशी 2023 इस वर्ष में मई माह के 31 को मनाई जाएगी। यह एकादशी व्रत हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस वर्ष, निर्जला एकादशी व्रत को 31 मई बुधवार को आपको मनाना होगा।

निर्जला एकादशी का महत्व 

निर्जला एकादशी को मनाने के पीछे अनेक महत्वपूर्ण कारण हैं। इस व्रत को रखने से मान्यता है कि व्रती के पापों का नाश होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विविध धार्मिक और निर्जला एकादशी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, निर्जला एकादशी व्रत रखने से शरीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और बहुत से लोग इसे विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ निभाते हैं।

निर्जला एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें

निर्जला एकादशी के दिन व्रती को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां हम आपको कुछ महत्वपूर्ण संकेत प्रदान कर रहे हैं:

करें:

  • स्नान करें: निर्जला एकादशी के दिन व्रती को स्नान करना चाहिए। इससे व्रत का महात्म्य बढ़ता है और शुभता मिलती है।
  • पीले वस्त्र पहने: भगवान विष्णु पीताम्बरी है, इणलिए उस दिन विशेषकर पिले कपडे धारण करने चाहिए। 
  • पूजा करें: व्रती को विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए। उन्हें पुष्प, दीप, धूप, अक्षत, और नैवेद्य चढ़ाना चाहिए।
  • जप करें: निर्जला एकादशी के दिन व्रती को मंत्र जप करना चाहिए। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' यह मंत्र विशेष रूप से जाप किया जाता है।
  • ध्यान करें: व्रती को व्रत के दौरान एकादशी की शाम को पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, और धार्मिक कार्यों में अपना समय बिताना चाहिए।
  •  व्रती को व्रत की शुरुआत से पहले और व्रत के दौरान सभी अनान्य भोजन की वस्तुओं का त्याग करना चाहिए।
  • व्रत की सख्तियों को ध्यान में रखते हुए, व्रती को आलू, गेहूँ, चावल, दूध, दही, और तेल से बनी सभी खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए। 
  • व्रत के दौरान व्रती को निर्जला एकादशी के प्रायः 24 घंटे तक नीर से भरे मटके और शाम को उसे खोलकर भगवान विष्णु को अर्पित करना चाहिए। 
  • व्रत की महत्वपूर्ण युक्तियाँ: निर्जला एकादशी के दिन व्रती को शुद्ध मन से व्रत करना चाहिए। व्रती को भगवान विष्णु की आराधना में उनकी प्रतिमा के सामने ध्यान लगाना चाहिए। व्रती को अपने मन, शरीर, और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए।
  • उपवास का फल: निर्जला एकादशी के व्रत को ध्यानपूर्वक पालन करने से व्रती को मुक्ति, सुख, समृद्धि, और भगवान की कृपा प्राप्त हो सकती है। व्रत के द्वारा, व्रती को आध्यात्मिकता, मानसिक शांति, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

न करें:

  • भोजन न करें: निर्जला एकादशी के दिन व्रती को निर्जला व्रत के अनुसार भोजन नहीं करना चाहिए। यह व्रत बिना पानी पीए रखा जाता है।
  • सोये नहीं: इस दिन देर तक सोना नहीं चाहिए।
  • अब्शब्दों का प्रयोग: किसे के लिए भी अब्शब्दों और किसी के प्रति द्वेष भावना न रखें। 
  • गहन श्रम न करें: व्रती को निर्जला एकादशी के दिन गहन श्रम, जैसे कि भारी वजन उठाना और अत्यधिक शारीरिक प्रयास नहीं करना चाहिए। यह व्रत आध्यात्मिकता और मानसिक शांति के लिए होता है।

निर्जला एकादशी की पूजा विधि

निर्जला एकादशी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. स्नान करें: निर्जला एकादशी के दिन सभी व्रती को स्नान करना चाहिए। इससे शुद्धता और पवित्रता का आभास होगा।
  2. पूजा सामग्री तैयार करें: पूजा के लिए विष्णु भगवान की मूर्ति, दीपक, धूप, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, रोली, चावल, कलश, और मोली इत्यादि की सामग्री तैयार करें।
  3. पूजा करें: व्रती को विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान मन्त्र जप करें, धूप, दीप, अक्षत, पुष्प, और नैवेद्य चढ़ाएं।
  4. व्रत कथा सुनें: निर्जला एकादशी के दिन व्रती को व्रत कथा सुननी चाहिए। इससे उन्हें व्रत का महात्म्य और महिमा का ज्ञान होगा।
  5. व्रत को तोड़ें: निर्जला एकादशी के दिन व्रत को सूर्यास्त के समय या अगले दिन सूर्योदय के पूर्व तोड़ा जा सकता है। व्रत को विधिवत तोड़ें और फलाहार या निर्जला व्रत के बाद अपने आहार में धीरे-धीरे बदलाव लाएं।

निर्जला एकादशी पर आम सवाल

1. निर्जला एकादशी क्या है?
निर्जला एकादशी एक हिन्दू व्रत है जो ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस व्रत में व्रती एक दिन के लिए पानी और भोजन से त्याग करते हैं।

2. निर्जला एकादशी क्यों मनाई जाती है?
निर्जला एकादशी को मनाने से मान्यता है कि यह व्रत व्रती को उनके पापों के प्रायश्चित्त करने, उनकी आध्यात्मिकता को बढ़ाने, और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायता करता है।

3. निर्जला एकादशी के दौरान क्या खाया जा सकता है?
निर्जला एकादशी के दौरान फलाहार खाया जा सकता है। इसमें सब्जियां, फल, दूध, दही, और शाकाहारी आहार शामिल हो सकता है।

4. निर्जला एकादशी के दौरान क्या नहीं खाया जा सकता है?
निर्जला एकादशी के दौरान अन्न, अनाज, अश्वगंधा, तांबूल, चाय, कॉफी, और नाश्ता नहीं किया जाना चाहिए। व्रती को उबले हुए चावल, कच्चा अन्न, और गेहूं के आटे से बने भोजन से बचना चाहिए।

5. क्या निर्जला एकादशी के दिन पानी पीना जरूरी है?
निर्जला एकादशी के दिन व्रती को पानी नहीं पीना चाहिए। यह व्रत बिना पानी के मनाया जाता है और इसका महत्वपूर्ण अंग है।

निर्जला एकादशी व्रत एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो आध्यात्मिकता, मानसिक शांति, और स्वास्थ्य को संतुष्टि प्रदान करता है। इस व्रत के द्वारा व्रती अपने मन को शुद्ध करते हैं और भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त करते हैं। यदि आप इस व्रत को सही विधि से मान्यता के साथ मनाएंगे, तो आपको इसके आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ मिलेंगे।

अगर आप इस व्रत को मान्यता के साथ मनाना चाहते हैं, तो अपने आसपास के मंदिरों और पंडितों से सलाह लें और व्रत की सम्पूर्ण विधि और नियमों का पालन करें। इसके अलावा, आप विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं और भगवान विष्णु के नामों का जाप कर सकते हैं। ध्यान और भक्ति के साथ इस व्रत का पालन करने से आपको आध्यात्मिक ऊर्जा मिलेगी और आपकी आशा के अनुसार आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।



FAQs:

निर्जला एकादशी के दिन क्या खाया जा सकता है?

निर्जला एकादशी के दिन फलाहार खाया जा सकता है। इसमें सब्जियां, फल, दूध, दही, और शाकाहारी आहार शामिल हो सकता है।

क्या निर्जला एकादशी के दिन नौकरी की जा सकती है?

हां, निर्जला एकादशी के दिन नौकरी की जा सकती है। यह व्रत धार्मिक आचरण का हिस्सा होता है, लेकिन यदि आपकी नौकरी व्यापारिक या आपके कार्यस्थल पर उचित है, तो आपको आपकी कर्तव्यनिष्ठा को बनाए रखते हुए काम करना चाहिए।

निर्जला एकादशी के दौरान पानी पीना जरूरी है?

निर्जला एकादशी के दिन व्रती को पानी नहीं पीना चाहिए। यह व्रत बिना पानी के मनाया जाता है और इसका महत्वपूर्ण अंग है।

निर्जला एकादशी के दौरान कौन से गीत गाए जा सकते हैं?

निर्जला एकादशी के दौरान भजन और भक्तिसंगीत गाए जा सकते हैं। इसके अलावा, भगवान विष्णु के भजनों और आरती का पाठ कर सकते हैं।

निर्जला एकादशी का व्रत महिलाएं रख सकती हैं?

हां, निर्जला एकादशी का व्रत महिलाएं भी रख सकती हैं। यह व्रत सभी लोगों के लिए है और इसका धार्मिक महत्व उन्हीं के लिए है, चाहे वे पुरुष हों या महिला।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.