पर्यावरण की रक्षा | पर्यावरण पर निबंध | Essay on Environment in Hindi
Essay on Environment in Hindi 2023: आज इस पोस्ट में पर्यावरण पर निबंध लेकर आये हुए है। हमारे चारों और का वातावण ही पर्यावरण कहलाता है. यहाँ पर्यावरण से आशय जल,वायु,पेड़-पौधे ,पहाड़ और बहुत कुछ जो हमारे चारों और विद्यमान है। मनुष्य विकाश के लिए पर्यावरण से खिलवाड़ करता जा रहा, जिससे हमें और आने वाली भावी पीढ़ियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.तो आइये जानते है- पर्यावरण की रक्षा, पर्यावरण पर निबंध, Essay on Environment in Hindi
पर्यावरण की रक्षा | पर्यावरण पर निबंध | Essay on Environment in Hindi
पर्यावरण की रक्षा करना सभी का कर्तव्य है, ईश्वर की ओर से रचित प्रकृति ने हमें जल और प्राणवायु भरपूर मात्रा में उन्मुक्त रूप से प्रदान की है। आप और हम इसके साक्षी हैं कि हमें जल व वायु के लिए कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती है। हम अपनी जरूरत के अनुसार जल व वायु का उपयोग करते आ रहे हैं। हमें पता है कि शहरों और गांवों के जीवन में बहुत अंतर है। गांवों में रहने वालों का जीवन शहरों में रहने वालों से तंदुरुस्त रहता है।
Read Also: विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व - Significance of World Environment Day
गांवों में जंगल के पास रहने वालों का स्वास्थ्य अधिक अच्छा रहता है। अब प्रकृति में बढ़ रहा प्रदूषण मानव को परेशान करने लगा है। स्वच्छ जल और शुद्ध वायु के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए हर समय मनुष्य खड़ा है
कोरोना वायरस की लहर ने हमें इतना विवश कर दिया है कि जीने के लिए हमें आक्सीजन भी खरीदनी पड़ रही थी। आर्थिक रूप से समृद्ध वर्ग तो जल और आक्सीजन आसानी से खरीद सकता है,किंतु गरीब जिसे दो वक्त का भोजन कठिनाई से मिलता है, वह कैसे खरीद सकता है।
Read Also:
कोरोना में हम देख चुके हैं कि आक्सीजन की कमी से लोग कितने परेशान हुए थे। जो धनाढ्य थे वह बच गए और मजबूर, लाचार और गरीब दम तोड़ गए। आक्सीजन देने वाले बरगद, नीम, पीपल जैसे वृक्षों की कटाई से ही हमारा जीवन संकट में आया है। पर्यावरण को दूषित करने में हमारा ही हाथ है ।
लाकडाउन में जब गाड़ियों के पहिये थमे, उद्योग बंद हुए और प्लास्टिक का उपयोग बंद हुआ तब पर्यावरण में सकारात्मक प्रभाव सभी ने महसूस किया । छतों पर खुली हवा में सांस ली । शायद इस पीढ़ी ने सुंदर दृश्य पहली बार देखा होगा ।
पेड़-पौधों को बर्बाद न करें । प्रदूषण बढ़ने से लोगों में तकलीफें बढ़ने लगी हैं । पराली जलाने से भी वायु दूषित होती है। हवा में व्याप्त विषैले तत्व व्यक्ति के फेफड़ों में जहर भर देते हैं तो कोविड जैसे हालात में यह और भी खतरनाक बन सकता है ।सिलेंडर वाले आक्सीजन की कमी तो भूल जाइए ,यदि आपको आम हवा में आक्सीजन मिल जाए तो खुशकिस्मती होगी । इसलिए पर्यावरण बचाने की पहल करें ।
Read Also: World Environment Day Speech - विश्व पर्यावरण दिवस भाषण
करना होगा वायु प्रदूषण का समाधान
वायु प्रदूषण आज विश्व की सबसे मुख्य समस्या है. पिछले कुछ दशकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उसमें भारत भी अग्रणी स्थान पर है. उद्योग, कल - कारखाने से निकलने वाला जहरीला धुआं वायुमंडल को दूषित कर रहा है. इससे आम शहरी लोग शुद्ध वायु भी नहीं ले पा रहें है.
सितंबर 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया कि सम्पूर्ण विश्व में 70 लाख से अधिक असामयिक मौतों का कारण वायु प्रदूषण है. भारत में जैसे - जैसे शहरीकरण बढ़ा वैसे - वैसे प्रदूषण के आंकड़े मे भी लगातार वृद्धि हुई है.
इन सभी बातों से परिचित होते हुए भी लोग अपने निजि स्वार्थ के चलते संपूर्ण सृष्टि को खतरे में डाल रहे हैं. आम लोगों को भी इस पर विचार करना चाहिए और ऐसे संसाधनो का कम से कम उपभोग करना चाहिए,जिससे पर्यावरण को नुकसान हो. सरकार को इसके समाधान के लिए दूरगामी योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि समस्या को कम किया जा सकें.आप और हमारी भी जिम्मेदारियां है की हम अपने चारों और के इस वातावरण को स्वच्छ और सुन्दर रखने में अपना प्रयास करे -
Read Also:
World Environment Day 2023: शुभकामनाएं, थीम और उद्धरण
World Environment Day 2023: इतिहास, थीम और महत्व
एक टिप्पणी भेजें