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ज्ञानवत्सल स्वामी: बच्चों को जीवन मूल्य सिखाना है तो शुरुआत खुद से करनी होगी

Gyanvatsal Swami Motivational Speech: बच्चों को जीवन मूल्य सिखाना है तो शुरुआत खुद से करनी होगी-ज्ञानवत्सल स्वामी, प्रेरक वक्ता और विचारक

बच्चों में सुधार लाने के लिए पहले बड़ों को खुद में सुधार लाना होगा। अपने फोन का इस्तेमाल सीमित करना होगा, तभी आप अपने परिवार को समय दे पाएंगे। पारिवारि मूल्यों की नींव है परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण और अच्छा समय बिताना। हम मानते हैं कि घर में सब आसपास ही मौजूद हैं। लेकिन विशेष समय निकालना जरूरी है।

ज्ञानवत्सल स्वामी: बच्चों को जीवन मूल्य सिखाना है तो शुरुआत खुद से करनी होगी

Gyanvatsal Swami Motivational Speech in Hindi

Gyanvatsal Swami Best Thoughs: फैमिली वैल्यूज को समझने के लिए हमें परिवार को समझना होगा। एक है संयुक्त परिवार जहां तीन पीढ़ियां साथ रहती हैं। दादा- दादी के बीच बच्चों को शिक्षण के साथ संस्कार मिलते हैं। दूसरा न्यूक्लियर फैमिली। जहां इलेक्ट्रॉन-प्रोटोन यानी माता-पिता अपनी-अपनी कक्षा में घूमते हैं या अपने काम में व्यस्त होते हैं और बीच में न्यूट्रॉन फंसा रहता है। तीसरे तरह का परिवार है वायर्ड फैमिली। जहां परिवार का हर सदस्य किसी ने किसी गैजेट के साथ वायर्ड है, उसके साथ उलझा हुआ है। गैजेट को ज्यादा समय देते हैं। आज लोगों को देश-दुनिया की सारी जानकारी है, लेकिन अपने बच्चों के दोस्तों के बारे में नहीं पता। आज लोग खाना खाने बैठते हैं, तो एक हाथ में चम्मच होती. है और दूसरे हाथ में मोबाइल । सैकड़ों किलोमीटर दूर से फोन करने वाला व्यक्ति आपके बगल में बैठे अपनों से ज्यादा जरूरी है क्या? आपके जीवन में कौन ज्यादा जरूरी है, परिवार के लोग या दूसरे व्यक्ति ?

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Dr. Jnanavatsal Swami Motivational speech

कुमार मंगलम बिड़ला और उनकी पत्नी नीरजा बिड़ला ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बिड़ला हाउस में एक परंपरा है कि रात को 8 बजे हर कोई अपना फोन जमा कर देता है। कुमार मंगलम खुद अपना फोन अपनी मां के पास जमा कर देते। रात 8 से 8.45 तक डिनर टाइम होता है। उसके बाद 9.15 तक परिवार के बीच बातचीत का समय होता है। और 9.15 के बाद सबको अपने-अपने फोन वापस मिल जाते हैं। ताकि किसी को अगर कोई काम हो तो वे कर लें।

हम अपने जीवन में क्या कर रहे हैं? आप अलग कमरे में मोबाइल चला रहे हैं। बच्चे अलग कमरे में बैठकर मोबाइल चला रहे हैं। वे क्या देख रहे हैं, क्या सुन रहे हैं और अपने अंतर्मन में क्या डाल रहे हैं वो आपको पता तक नहीं होता। फिर आप शिकायत करते हैं कि बच्चे बिगड़ गए। बच्चों में सुधार लाने के लिए पहले बड़ों को खुद में सुधार करना होगा।

स्टीव जॉब्स ने बच्चों को फोन नहीं दिया

एपल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने एक बार अपने एक पारिवारिक मित्र निक बिल्टन और उनके परिवार को फैमिली डिनर के लिए बुलाया। निक ने स्टीव जॉब्स से पूछा कि आपके बच्चे कौन-सा आइफोन इस्तेमाल करते हैं। उस समय स्टीव की बेटी की उम्र 13-14 साल और बेटे की उम्र 11-12 रही होगी। स्टीव ने कहा कि आप खुद ही उनसे पूछ लें। दोनों बच्चे सिर नीचा करके खाना खा रहे थे, बच्चे शायद बात नहीं सुन पाए। निक ने फिर से स्टीव से यही सवाल पूछा। इस बार स्टीव ने जवाब दिया कि 'आज तक उनके बच्चों ने आइफोन या आइपैड को छुआ तक नहीं है।' निक ने कहा कि यह सुनकर मेरे हाथ से चम्मच लगभग छूट ही गई थी। 

निक ने इस प्रसंग का जिक्र स्टीव जॉब्स की जीवनी में किया है। स्टीव ने आगे जवाब दिया कि 'मैंने और पत्नी ने मिलकर बच्चों से बात की कि आपके दोस्तों के सर्किल में सबके पास आइफोन होगा। अगर आपको भी आइफोन चाहिए,  तो यह रहा और उन्होंने सामने निकालकर रख दिया। लेकिन चूंकि मैंने बनाया है इसलिए मुझे इसकी ताकत और कमजोरी पता है। जब तक आप परिपक्व उम्र तक नहीं आते, इस स्मार्टफोन से आपकी पढ़ाई पर असर पड़ सकता है, चरित्र पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है और भविष्य भी बिगड़ सकता है। ऐसा नहीं है कि हमें आपको फोन नहीं देना। लेकिन हम चाहते हैं कि जब आप 17-18 की परिपक्व उम्र में आएं तभी आपको फोन मिले। दोनों बच्चे समझ गए। और उन्होंने मैच्योर एज तक आइफोन यूज नहीं किया।'

इन गैजेट्स के बारे में परिवार में अनुशासन लाना जरूरी है। फैमिली टाइम में व्यवधान डालने वाली चीजें दूर करते हैं। फैमिली वैल्यूज के लिए टाइम देना बहुत जरूरी है। हम साथ में खाना खाते हैं या साथ में टीवी देखते हैं, यह अच्छी बात है। लेकिन एक समर्पित समय देना बहुत जरूरी है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने 110 देशों में एक लाख से ज्यादा परिवारों के बीच एक सर्वे किया। उन्होंने पूछा कि इस धरती पर सबसे बड़ा आनंद क्या है ? 67% लोगों ने जवाब दिया कि अपने नजदीकी लोगों के साथ अच्छा वक्त बिताना सबसे ज्यादा खुशी देने वाला पल है।

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