आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कम्प्यूटर परिचय ,कम्प्यूटरों का वर्गीकरण [Classification of Computer in Hindi] साथ ही अनुप्रयोगों के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार Type of Computers based on Applications in Hindi तथा उद्देश्यों के आधार पर कम्प्यूटरों के वर्गीकरण Type of Computer based on Purpose in Hindi ,एवं आकर के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
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परिचय- Introduction
कम्प्यूटरों का वर्गीकरण Classification of Computer in Hindi
- अनुप्रयोग के आधार Based on Application
- उद्द्देश्य के आधार Based on Purpose
- आकर के आधार Based on Size
अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार (Type of Computers based on Application )
यद्यपि कंप्यूटर के अनेक अनुप्रयोग (Application ) है जिनमें से तीन अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटरों के तीन प्रकार होते हैं:-
- एनालॉग कम्प्यूटर
- डिजिटल कम्प्यूटर
- हाईब्रिड कम्प्यूटर
एनालॉग कम्प्यूटर ( Analogue Computer )
एनालॉग कम्प्यूटर वे कम्प्यूटर होते हैं जो भौतिक मात्राओं,जैसे-दाब(Pressure),तापमान, लम्बाई,आदि को मापकर उनके उनके परिमाप अंकों में व्यक्त करते है। ये कम्प्यूटर किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते है। जैसे कि एक थर्मामीटर कोई गणना नहीं करता है अपितु यह पारे के सम्बंधित प्रसार (Relative Expansion) की तुलना करके शरीर के तापमान को मापता है।
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एनालॉग कम्प्यूटर मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र मैं प्रयोग किया जाते है, क्योकि इन क्षेत्रों मैं मात्राओं (Quantities ) का अधिक उपयोग होता है। ये कम्प्यूटर केवल अनुमापित माप ही देते है।
डिजिटल कम्प्यूटर (digital Computer )
डिजिटल कम्प्यूटर वह कम्प्यूटर होता है जो अंको की गणना करता है। जब अधिकतर लोग कम्प्यूटर के बारे में विचार-विमर्श करते है तो डिजिटल कम्प्यूटर ही केंद-बिंदु होता है। डिजिटल कंप्यूटर वह कम्प्यूटर है जो व्यापार(Business) को चलाते है, घर का बजट तैयार करते है और अन्य सभी कार्य, जो कम्प्यूटर कर सकता है, अतःयह सत्य है की अधिकतर कम्प्यूटर,डिजिटल कम्प्यूटर की श्रेणी मैं आते है।
डिजिटल कम्प्यूटर डाटा और प्रोग्राम को 0 तथा 1 मैं परिवर्तित करके उनको इलेक्ट्रॉनिक रूप मैं परिवर्तित कर देता है।
हाईब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer )
हाईब्रिड का अर्थ है संकरित अर्थात अनेक गुण -धर्म युक्त होना। वे कम्प्यूटर जिनमें एनालॉग और हाईब्रिड कम्प्यूटर दोनों के गुण हो Hybrid Computer कहलाते है। जैसे, कम्प्यूटर की analog device किसी रोगी के लक्षणों - तापमान,रक्तचाप,आदि मापती है ये परिमाप बाद में डिजिटल भाग के द्वारा अंकों में बदले जाते हैं। इस प्रकार रोगी के स्वास्थ्य में आए उतार-चढाव का तत्काल प्रेक्षण किया जा सकता है ।
उद्द्देश्य के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार (Types of Computers based on Purpose )
कम्प्यूटरों को हम दो वर्गों मैं वर्गीकृत कर सकते है- समान्य (General) और विशिष्ट (Special) इस प्रकार उद्देश्य के आधर पर निम्न दो प्रकार होते हैं :-
- सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर
- विशिष्ट उदेश्शीय कम्प्यूटर
सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर (General Purpose Computer)
ये ऐसे कम्प्यूटर है जिनमें अनेक प्रकार के कार्य करने की क्षमता होती है,लेकिन ये कार्य सामान्य होते है ,जैसे-शब्द प्रक्रिया (word processing) से पत्र व् दस्तावेज तैयार करना ,डाटाबेस बनाना आदि. सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर के आतंरिक परिपथ ( internal circuit ) मैं लगे CPU की कीमत भी कम होती है। इन कम्प्यूटरों मैं हम किसी विशिष्ट अनुप्रयोग हेतु पृथक डिवाइस नहीं जोड़ सकते, क्योंकि इनके सी.पी.यू की क्षमता सीमित होती है ।
विशिष्ट उदेश्शीय कम्प्यूटर (Special Purpose Computer)
ये वे कंप्यूटर है जिन्हे किसी विशष कार्य के लिए तैयार किया जाता है। इनके CPU की क्षमता उस कार्य के अनुरूप होती है जिसके लिए इन्हे तैयार किया गया है। इनमे यदि अनेक CPU की आवश्यकता हो तो इनकी संरचना अनेक CPU वाली कर दी जाती है ।
जैसे - संगीत सम्पादन करने हेतु किसी Studio मैं लगाया जाने वाला कम्प्यूटर विशिष्ट उदेश्शीय कम्प्यूटर (Special Purpose Computer ) होगा। इसमें संगीत से संबंधित उपकरणों को जोड़ा जा सकता है और संगीत को विभिन्न प्रभाव देकर इसका संपादन किया जा सकता है।
फिल्म-उद्योग मैं फिल्म सम्पादन के लिए विशिष्ट उदेश्शीय कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा विशिष्ट उद्देश्य कंप्यूटर निम्नलिखित क्षेत्रों में भी उपयोगी है जैसे- अन्तरिक्ष विज्ञानं,मौसम विज्ञानं,युद्ध में प्रक्षेपात्रों, उपग्रह संचालन, भौतिक व रसायन विज्ञान में शोध, चिकित्सा, यातायात नियंत्रण,समुद्र विज्ञान,कृषि विज्ञान, engineering
आकर के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार Types of Computers based size in Hindi
- माइक्रो कम्प्यूटर
- मिनी कम्प्यूटर
- मेनफ्रेम कम्प्यूटर
- सुपर कम्प्यूटर
- पर्सनल कम्प्यूटर
- नोटबुक या लेपटॉप
1- माइक्रो कम्प्यूटर ( Micro Computer )
तकनीकी के क्षेत्र मैं सन 1970 मैं एक क्रांतिकारी अविष्कार हुआ। यह अविष्कार था माइक्रोप्रोसेसर ( Microprocessor ) का जिसके उपयोग से सस्ती कम्प्यूटर प्रणाली बनाना संभव हुआ. ये कंप्यूटर एक डेस्क पर या एक ब्रीफकेश मैं भी रखे जा सकते है। ये छोटे कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर कहलाते है। माइक्रो कंप्यूटर आकर मैं सस्ते और कीमत मैं सस्ते होते है इसलिए ये व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर या बहार किसी भी कार्यक्षेत्र में लगाए जा सकते है,अतः इन्हे पर्सनल कंप्यूटर या PC भी कहते है।
माइक्रो कंप्यूटर घरों में, विद्यालयों के कक्षा में और दफ्तरों में लगाए जाते हैं। घरों में परिवार के खर्च का ब्यौरा रखते हैं तथा मनोरंजन के साधन के रूप में काम आते हैं। विद्यालयों की कक्षाओं में विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र तैयार करने तथा विभिन्न विषयों की शिक्षा प्रदान करने आदि के काम आते हैं। दफ्तरों में माइक्रो कंप्यूटर एक सहायक के रूप में काम आते हैं। इनसे पत्र लेखन, फाइलों का रख रखाव व अन्य कार्य किए जा सकते हैं।
व्यापार में माइक्रो कंप्यूटर का व्यापक उपयोग है। व्यवसाय बड़ा हो या छोटा माइक्रोकंप्यूटर दोनों में उपयोगी है। छोटे व्यवसाय में यह किए गए व्यापार का ब्यौरा रखते हैं पत्र व्यवहार के लिए पत्र तैयार करता है, उपभोक्ताओं के लिए बिल बना कर देता है और नियमित लेखांकन (Accounting) करता है। बड़े व्यवसाई इन्हें शब्द प्रक्रिया(Word Processing) और फाइलिंग प्रणाली के संचालन में उपयोग करते हैं। विश्लेषण के साधन के रूप में उनका उपयोग कर व्यापार में निर्णय भी लिए जाते हैं।
2- मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
ये कम्प्यूटर मध्यम आकर वाले होते है। ये माइक्रो कंप्यूटर की तुलना मैं अधिक कार्यक्षमता वाले होते है।
Mini Computer की कीमत Micro Computer से अधिक होती है और ये व्यक्तिगत रूप से नहीं ख़रीदे जा सकते है। इन्हे छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियों काम मैं लेती है। इस कंप्यूटर पर एक से अधिक व्यक्ति काम कर सकते हैं।
mini computer मैं एक से अधिक CPU होते है। इनकी मेमोरी और गति ( Speed ) माइक्रो कंप्यूटर से अधिक और मेनफ्रेम कंप्यूटर कम होती है। यह मेनफ्रेम कंप्यूटर से सस्ते होते हैं।
मध्यम स्तर की कंपनियों में मिनी कंप्यूटर ही उपयोगी माने जाते हैं। यद्यपि अनेक व्यक्तियों के लिए अलग-अलग माइक्रोकंप्यूटर लगाना भी संभव है परंतु यह महंगा पड़ता है। प्रति व्यक्ति माइक्रो कंप्यूटर की अपेक्षा मिनी कंप्यूटर कंपनी में केंद्रीय कंप्यूटर के रूप में कार्य करता है और इससे कंप्यूटर के संसाधनों का साझा हो जाता है। इसके अलावा अनेक माइक्रोकंप्यूटर होने पर उनके रखरखाव व मरम्मत की समस्या बढ़ जाती है।
एक मध्यम स्तर की कंपनी मिनी कंप्यूटर का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए कर सकती है।
- कर्मचारियों के वेतन पत्र तैयार करना
- वित्तीय खातों का रखरखाव
- लागत विश्लेषण
- बिक्री विश्लेषण
- उत्पादन योजना
मिनी कंप्यूटरों के अनेक उपयोग, यातायात में यात्रियों के लिए आरक्षण प्रणाली का संचालन और बैंकों में बैंकिंग के कार्य हैं ।
सबसे पहले मिनी कंप्यूटर PDP-8 एक रेफ्रिजरेटर (Refrigerator) के आकार का, $18000 कीमत का था जिसे डी.ई.सी (DEC- Digital Equipment Corporation) ने सन 1965 में तैयार किया था
3- मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
ये कंप्यूटर आकर मैं बहुत बड़े होते है,साथ ही इनकी संग्रह क्षमता भी अधिक होती है। इसमें अधिक मात्रा मैं डाटा (DATA ) तीव्रता से प्रोसेस (Process ) या क्रिया करने की क्षमता होती है, इसीलिए इनका उपयोग बड़े कंपनियां, बैंक तथा सरकारी विभाग एक केंद्रीय कंप्यूटर के रूप में करते हैं। ये 24 घंटे काम कर सकते है और इनपर सैकड़ों उपयोग कर्ता (Users ) एक साथ काम कर सकते है।
मेनफ्रेम कंप्यूटर को एक नेटवर्क(Network) या माइक्रो कंप्यूटर से परस्पर जोड़ा जा सकता है। अधिकतर कंपनियां या संस्थान मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए करती है:-
- उपभोक्ताओं द्वारा खरीद का ब्यौरा रखना
- भुगतानौ का ब्यौरा रखना
- बिलों को भेजना रखना
- नोटिस भेजना
- कर्मचारियों के भुगतान करना
- कर का विस्तृत ब्यौरा रखना आदि।
मेनफ्रेम कंप्यूटर के उदाहरण हैं - IBN 4381, ICL 39 श्रृंखला और CDC Cyber श्रृंखला।
4- सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
ये कम्प्यूटर सभी श्रेणियों मैं सबसे बड़े ,सबसे अधिक संग्रह क्षमता वाले तथा सबसे अधिक speed वाले होते है। इनमें अनेक CPU समान्तर क्रम मैं कार्य करते है इस क्रिया को समान्तर प्रक्रिया ( Parallel Processing ) कहते है।
एक CPU द्वारा DATA और प्रोग्राम एक धारा (Stream ) मैं क्रियान्वित काने की पारम्परिक विचारधारा ;"वांन न्यूमान सिद्धांत " (Von Neumann Concept ) कहलाती है,लेकिन सुपर कम्प्यूटर Non -Von Neumann Concept के आधार पर तैयार किया जाता है सुपर कंप्यूटर मैं अनेक ALU,CPU का एक भाग होते है । प्र्त्येक ALU एक निश्चित क्रिया के लिए है और सभी ALU एक साथ समान्तर प्रक्रिया करते है।
सुपर कंप्यूटर का उपयोग निम्नलिखित कार्य में होता है-
- बड़ी वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओं में शोध व खोज करना
- अंतरिक्ष यात्रा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना
- मौसम की भविष्यवाणी।
5- पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer)
आजकल प्रयुक्त होने वाला कम्प्यूटर PC -(Personal Computer ) वास्तव मैं माइक्रो कंप्यूटर ही है। इसको एक बार मैं एक ही व्यक्ति प्रयोग कर सकता है,यह आकर मैं छोटा होता है। कुछ कंपनी जैसे -लेनोवै,एप्पल,डैल आदि। इसका उपयोग घर,ऑफिस,व्यापार आदि
PC को 1981 में बनाया गया,इसमें माइक्रोप्रॉसेसर 8088 का प्रयोग किया गया। इसमें हार्ड डिस्क ड्राइव लगा कर इसकी क्षमता बढ़ाई गयी,तथा इसे PC -XT (Personal Computer-Extended Technology ) नाम दिया गया। 1984 मैं नए माइक्रोप्रॉसेसर 80286 का आविष्कार हुआ जिसे PC -AT (Personal Computer-Advanced Technology) नाम दिया गया ।
6- नोटबुक या लेपटॉप (Notebook or Laptop )
यह आधुनिक कम्प्यूटर है जिसे कही भी आराम से अपने साथ कही भी ले जाया सकता है इसमें pc की सभी विशताओं से भरपूर होता है,इसे गोद मैं रख कर आराम से इस्तेमाल किया जा सकता है इसलिए इसे Leptop कहा जाता है
इसमें एक मुड़ने वाला एलईडी मॉनिटर,साथ में कीबोर्ड,टच पेड,हार्डडिस्क,फ़्लॉफी डिस्क ड्राइव,तथा अन्य उपक्रम रहते है,इसमे चार्जिंग बेटरी होती है जिसे चार्ज करे आप २-३ घंटे बिना बिजली के इस्तेमाल कर सकते हो तथा वाईफाई के द्वारा इंटरनेट का उपयोग भी कर सकते हो
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Must Read:-
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