vastu shastra tips for kitchen and food in hindi : वास्तु शास्त्र क्या है? भारतीय वास्तु शास्त्र में बनने वाली वास्तुकला की एक पारंपरिक भारतीय प्रणाली है।\
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vastu shastra tips for kitchen and food in hindi |
भारतीय उपमहाद्वीप के ग्रंथों में डिजाइन, लेआउट, माप, जमीनी तैयारी, अंतरिक्ष व्यवस्था और स्थानिक ज्यामिति के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। "vastu shastra किचन और भोजन के लिए टिप्स" इस प्रकार हैं -
vastu shastra tips for kitchen and food in hindi
Vastu Tips for kitchen
vastu shastra के अनुसार रसोई(kitchen) हर किसी घर का एक अहम हिस्सा होता है kitchen एक घर में गतिविधि का केंद्र होता है। kitchen नवीनतम गैजेट के साथ अच्छी तरह से डिजाइन किया गया क्षेत्र हैं,
जहां परिवार के सदस्यों के लिए खाना बनाते हैं, वास्तु शास्त्र, के अनुसार घर में बने रसोईघर खुले और बंद दोनों का अपना अलग ही महत्व है ताकि घर में सही तरह की ऊर्जा और सकारात्मकता हो।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में वातावरण बहुत महत्वपूर्ण होता है।
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Vastu Tips for kitchen direction
दक्षिण-पूर्व दिशा को आग्नेय कोण कहा जाता है और इसी दिशा में आपका किचन होना चाहिए . इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है। उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में कभी भी किचन न बनाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार चीजों का सही स्थिति सही स्थान और सही दिशा में रखना मायने रखता है, चिमनी वेंटिलेशन का काम करती है और घर की उर्जा को शुद्ध करती है इसीलिए आग को सही दिशा में रखना चाहिए।
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vastu shastra tips for kitchen and food
रसोई की दिशा वास्तु के अनुसार होनी चाहिए। जिससे कि आपके घर में पृथ्वी आकाश वायु अग्नि और पानी के तत्वों का उचित संतुलन बना रहे, अग्नि सूर्य से जुड़ा है जो कि ऊर्जा का प्रतीक होता है, वास्तु के अनुसार अग्नि स्रोत का स्थान दक्षिण पूर्व दिशा में होना चाहिए
इसी लिए रसोई दक्षिण पूर्वी दिशा में होनी चाहिए।खाना बनाते समय पूर्व की ओर मुख करना चाहिए, सिंक(sink) को आदर्श रूप से रसोई के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। पानी के बर्तन और water purifier को उत्तर पूर्व(North-East) दिशा में रखना चाहिए।
एक अच्छी साफ सुथरी व्यवस्थित किचन सेहत के लिए बहुत जरूरी है रसोईघर में खिड़कियों का होना और पर्याप्त रोशनी का होना बहुत आवश्यक है।
किचन का डिजाइन इस प्रकार से हो कि आपको खाना बनाते समय पर्याप्त स्थान मिले। जहां तक संभव हो स्टोर रूम रसोई थे पश्चिम और दक्षिण दीवार पर होना चाहिए।
किचन में नल से पानी टपकना धन की बर्बादी को दर्शाता है इसीलिए टपकते हुए नल की मरम्मत कर देनी चाहिए और हमेशा जिससे बर्तन में चावल रखे हो उसमें आधे से अधिक भरा हुआ रखें।
पुराने अखबारों पर स्टोरेज जार रखने से बचें, और साथ ही रसोई के उत्तर पूरब दिशा में डस्टबिन ना रखें इससे घर में नकारात्मकता आती हैं ।
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Tips for kitchen colours
किचन में काले नीले और ग्रे रंग इस्तेमाल से बचें आदर्श रंग के लिए हरे नींबू पीले और नारंगी होते हैं क्योंकि यह पोस्टिक रंगों और आग के रंगों का प्रतिनिधित्व करते हैं
किचन के लिए वास्तु: किचन में क्या रखें और क्या ना रखें
किचन में भूलकर कभी भी दवाइयां ना रखें और किचन को नियमित रूप से साफ करें, और जिन चीजों की आवश्यकता नहीं है उन्हें किचन से हटा दें। भूलकर कभी भी टूटे हुए बर्तन या कप ना रखें।
किचन में कभी भी भूल कर कोई बेकार सामान जैसे आप का अखबार और जिन चीजों की जरूरत नहीं वह सामान रखने से बचें।
कांटेदार पौधों से बचें क्योंकि यह पर्यावरण में तनाव को जन्म देती है, एक सुव्यवस्थित और साफ-सुथरी रसोई न केवल किसी को आसानी से खाना बनाने में मदद करती है बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा करती है।
किचन की खिड़की वाले स्थान पर तुलसी पुदीना या कोई हर्बल पौधा रखें। चूल्हे के बर्नर को साफ रखें यह घर में नकदी का सुचारू प्रभाव सुनिश्चित करता है।
रसोई घर में एक खिड़की होनी आवश्यक है और साथ ही exhaust होना चाहिए जिससे नकारात्मकता ऊर्जा बाहर निकल सके इसके अलावा खिड़की पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार आपके किचन का प्रवेश द्वार उत्तर, पूर्व, या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। रसोई के अंदर वह सभी वस्तुएं जो आग का प्रतिनिधित्व(represent) करती हैं जैसे सिलेंडर ह, माइक्रोवेव, ओवन आदि रसोई के दक्षिण पूर्वी भाग में रखी होनी चाहिए।
खाना पकाने का स्थान और वाशबेसिन एक दूसरे के समानांतर नहीं होना चाहिए क्योंकि आग और पानी दोनों विरोधी हैं यह परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े और दरार पैदा कर सकता है ।
फ्रिज दक्षिण पश्चिम दिशा में रखना चाहिए अनाज और दैनिक वस्तुओं के भंडार के लिए, रसोई घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को प्राथमिकता दें।
क्योंकि यह सौभाग्य और समृद्धि को आमंत्रित करता है रसोई डिजाइन और सजावट की युक्तियां रसोई का हमेशा स्वागत करते हुए दिखना चाहिए।
Vastu Tips for food
दुर्भाग्य को रखना है दूर तो खाना बनाने से लेकर खाने तक न करें ये गलतियां - आपको किस दिशा में बैठकर खाना खाना चाहिए ।
किस तरह के बर्तन में खाते हैं और आपका किचन किस दिशा कि और है, इन सारी बातों का का आपकी सेहत और आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र से जानें इससे जुड़े नियमों के बारे मेंं खास बातें, खाना खाते वक्त भी वास्तु के नियमों का रखें ध्यान, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके ही भोजन करें, भोजन बनाते वक्त किचन में भी कुछ बातों का रखें ध्यान-
Vastu Shastra में न सिर्फ घर के हर एक, हिस्सों के बारे में बताता है साथ खुश और स्वस्थ रहने के लिए आपको रोजमर्रा के जीवन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए , इस बारे में भी जानकारी दी गई है ।
खाने बनाने से लेकर खाना खाने तक , आप ऐसी कौन सी गलतियां हैं उन पहलुओं पर चर्चा करते हैं
Vastu Tips for eating food
भोजन को हम अन्नपूर्णा का रूप मानते हैं इसलिए कोशिश करें कि हमेशा स्नान करके ही भोजन करें ( Always bathe and eat ) हाथ -पैर और मुंह धोकर भोजन करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है ।
अगर किचन का कोई बर्तन , प्लेट या कटोरी टूट गई हो तो उसे तुरंत बाहर कर दें . टूटे - फूटे बर्तनो मैं भोजन करने से जीवन में दुर्भाग्य आने की आशंका बनी रहती है।
भोजन को व्यर्थ नहीं करना चाहिए, इसलिए जितनी भूख हो उतना ही भोजन प्लेट में लें और उसे बर्बाद न करें या डस्टबिन में न फेकें ( Dont waste food ), ऐसा करने से भोजन का अपमान होता है ।
साथ ही कभी भी गुस्से में भोजन न करें और ना ही गुस्से में भोजन छोड़ें ।