भावनात्मक पोषण के लिए सुबह थोड़ा समय निकालें
The Power of Positive Thinking: आप उन जैसे ही होते हैं, जिनके साथ चाय पीते हैं। कुछ पल के लिए इस पर चिंतन करें कि आप वही बन जाते हैं, जिनकी संगति में रहते हैं। आप जिनके साथ अपना अधिकांश वक्त बिताएंगे, उनकी सोच दर्शन और यहां कि उनके व्यवहार भी ग्रहण कर लेंगे।
क्या आप अपने नायकों के साथ संवाद कर पाते हैं? क्या आपके मित्र और साथी आपको ऊंचा उठाते हैं और इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि आप उससे बड़ी किसी चीज का समर्थन करें, जिसका आप अभी कर रहे हैं? अथवा क्या वे आपको आपके स्तर से नीचे लाकर, आपको और आपकी संभावनाएं सीमित कर कुंठित किया करते हैं।
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नेपोलियन हिल कहा करते थे कि भावनात्मक अभिव्यक्तियों से मिश्रित विचार एक चुंबकीय बल का निर्माण करते हैं, जो वैसे ही अथवा उससे संबद्ध विचारों को अपनी ओर खींचते हैं। अगर आप अपने जीवन में संतुलन लाना चाहते हैं, तो हर शुरुआत में 60 मिनटों का एक समय निकालें, जब आप अपने शरीर, भावनाएं तथा रूह का पोषण कर सकें।
साप्ताहिक तौर पर प्रकृति के साथ कुछ वक्त व्यतीत करें। जिनकी प्रशंसा करने की जरूरत है, उन्हें प्रेमभरे पत्र लिखें। रोज कम से कम 10 मिनट के लिए मौन, एकांत तथा शांति का अनुभव लें। खुद से बड़ा एक उद्देश्य चुनें। - दमास्ट्री मैनुअल किताब से साभार एक दिन की
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