Blood Donation: दोस्तों खून दान करना कितना जरुरी है शायद यह बताने की जरुरत नहीं ,कई लोग खून डोनेट करने से डरते है कि कही उनके शरीर में खून की कमी हो जाएगी जो की बिलकुल गलत है। ब्लड दान करने के अपने कई फायदे भी है, तो आज के इस पोस्ट में बात करेंगे ब्लड डोनेड करने से आपको क्या फायदे ,नुकसान और वह कौन लोग है जो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते। और अगर ब्लड डोनेट करने जा रहे है तो किन बातों का ध्यान रखना जरुरी है तो चलिए जानते है -रक्तदान के फायदे,नुकसान,सावधानी ,रक्तदान कौन कर सकता है और कौन नहीं-
जिन मरीजों को रक्त की जरूरत होती है ,उसकी आपूर्ति रक्तदान से होती है । फिर भी रक्तदान को लेकर काफी भ्रांतियां हैं । 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस World Blood Donor Day मनाया जाता है । देश में जरूरत के मुताबिक 70 मिलियन यूनिट ब्लड की कमी है .
रक्तदान को महादान कहा जाता है। ब्लड डोनेशन आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है,दोस्तों यहाँ आपको यह जानना जरुरी है की एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जान बच सकती है। इससे बीमारों और दुर्घटनाग्रस्त लोगों को तो सहायता मिलती ही है , मुश्किल के समय अपनों को भी इसका लाभ मिलता है। सबसे जरूरी समझना यह है कि रक्त बाजार में नहीं मिलता इसकी आपूर्ति दान के रक्त से ही संभव है ।
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रक्तदान करने से रक्तदाता को कोई नुकसान नहीं होता है । इससे उसकी सेहत सुधरती है और शरीर तरोताजा हो जाता है । रक्तदान दो तरह से किया जाता है -
पहला: कोई व्यक्ति.स्वेच्छा से रक्तदान कर सकता है ताकि उसका रक्त किसी जरूरतमंद की जान बचाने के काम आए । दूसरा: जब जरूरतमंद व्यक्ति के सगे -संबंधी सीधे तौर पर उसके लिए रक्तदान करें ।
रक्तदान के फायदे Benfits of Blood Donation in Hindi
रक्तदान शरीर से अतिरिक्त आयरन निकालने का बेहतरीन तरीका है । इसके अलावा कैलोरी बर्न करने और कोलेस्ट्राल घटाने में भी इससे काफी मदद मिलती है । रक्तदान से शरीर में रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है । इसकी भरपाई करने के लिए शरीर बोनमैरो को नई लाल रक्त कणिकाएं बनाने के लिए प्रेरित करता है और इससे शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है ।
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रक्तदान के नुकसान Disadvantages of Donating Blood in Hindi
रक्त दान करने के नुकसान पर बहुत सारि भ्रांतियां फैलाई जाती है ,इन बातों पर आपको ध्यान नहीं देना है आपके द्वारा किये गए blood donate से किसी की जान बच सकती है ।कुछ लोगों को रक्तदान करते समय निम्न साइड इफेक्ट हो सकता है जैसे- चक्कर आना ,जी मचलाना ,ठंडा महसूस या पसीना आना ।
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वैसे किसी व्यक्ति को तीन महीने में एक बार से अधिक रक्तदान नहीं करना चाहिए और ब्लड बैंक को भी किसी ऐसे व्यक्ति का रक्त नहीं लेना चाहिए जिसने रक्तदान का अंतराल पूरा न किया हो । इसे जानिए
रक्तदान कौन कर सकता है?
- 18-60 वर्ष का कोई भी व्यक्ति ,जो स्वस्थ हो रक्तदान कर सकता है ।
- जिन लोगों ने टैटू गुदवाया हो वो टैटू गुदवाने के एक साल बाद रक्तदान कर सकते हैं ।
- रक्तदान करने वाले का एक से अधिक पार्टनर से शारीरिक संबंध नहीं होना चाहिए ।
- रक्तदाता का शारीरिक भार 45 किलोग्राम से कम नहीं होना चाहिए ।
- रक्तदान करने वाले को श्वसन संबंधी ,त्वचा या हृदय रोग नहीं होना चाहिए ।
- यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि महिला रक्तदान कर रही हो तो वह गर्भवती नहो ।
- रक्तदाता के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 ग्राम से कम नहीं होनी चाहिए ।
रक्तदाता बरतें सावधानी
रक्तदान करते समय रक्तदाता को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि रक्तदान का उसके शरीर पर विपरीत प्रभाव न पड़े । ब्लड किसी लाइसेंस वाले ब्लड बैंक में ही डोनेट करें, जहाँ एक डॉक्टर भी मौजूद होना चाहिए।
रक्तदान के पहले : रक्तदान के पहले रक्तदाता को भरपेट खाना और पूरी नींद जरूर लेनी चाहिए । रक्तदान करने से पहले कुछ हल्का खा और पानी पिएं ,इससे कमजोरी से बचने में मदद मिलेगी। रक्तदान करने से एक दो दिन पहले शराब न पिए और न ही रक्तदान से एक दो घंटा पहले धूम्रपान करें ।
रक्तदान के बाद : रक्तदाता को रक्तदान के तुरंत बाद शारीरिक श्रम नहीं करना चाहिए । तरल पदार्थ जैसे जूस , दूध , पानी आदि का सेवन करना चाहिए । रक्तदान करने के फौरन बाद न उठे, कम से कम १० मिनट आराम करें और रक्तदान के कुछ घंटों बाद तक वाहन नहीं चलाना चाहिए और न ही शारीरिक परिश्रम न करें ।
रक्तदान के बाद एनर्जी वापस लाने के लिए कुछ ऐसा खाएं जिसमे चीनी की मात्रा ज्यादा हो.२४ घंटे तक संतुलित भोजन करें एवं इन चौबीस घंटों में शराब का सेवन न करें
कौन Blood Donate नहीं कर सकता
- 18 साल से कम और 65 साल से ज्यादा के लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।
- अगर नार्मल हेल्थ प्रॉब्लम जैसे - बुखार,सिरदर्द, सर्दी, खांसी, जुखाम या दस्त तो आप ब्लड डोनेशन नहीं कर सकते।
- रक्त दान करने के लिए आपका वजन 45 किलो से ज्यादा होना चाहिए।
- डेंगू , मलेरिया , हेपेटाइटिस बी या सी से ग्रस्त व्यक्तियों को पूरी तरह से ठीक होने के छह माह बाद ही रक्तदान करना चाहिए ।
- जिन लोगों को मधुमेह या सिजोफ्रेनिया की बीमारी हो उन्हें भी रक्तदान से बचना चाहिए , क्योंकि ऐसे लोगों का वजन बीमारी के चलते गिरता है ।
- ब्लड डोनेट करने से पहले हीमोग्लोबिन लेबल चैक जरुर करवाएं हीमोग्लोबिन लेबल 12.50 ग्राम से ज्यादा होना चाहिए।
- औरतें डिलीवरी के एक साल बाद ही ब्लड डोनेट करें वो भी ब्रेस्ट्फीडिंग बंद करने के बाद।
- डॉक्टरों के अनुसार हार्ट पेशेंट को ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए
- मेडिकल ट्रीटमेंट करवा रहें है तो किसी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही ब्लड डोनेट करना चाहिए
- इसके अलाव एड्स और कैंसर से पीड़ित लोगों को भी रक्तदान नहीं करना चाहिए ।
सुरक्षित है रक्तदान Is blood donation safe?
रक्त संग्रह के लिए इस्तेमाल होने वाले बैग में एक बार इस्तेमाल होने वाली सुई लगी होती है ,जो तुलनात्मक रूप से पूर्णतः सुरक्षित है । यह प्रक्रिया हमेशा योग्य और प्रशिक्षित डाक्टरों द्वारा पूरी की जाती है । इसलिए रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित रहता है ।
रक्तदान करने से कोई नुकसान नहीं होता ,क्योंकि शरीर में अस्थियों में पाई जाने वाली अस्थिमज्जा ( बोनमैरो ) में रक्त का निर्माण लगातार होता रहता है । रक्तदान में किसी प्रकार का दर्द नहीं होता। न ही रक्तदाता के शरीर से एक बार में रक्त की इतनी मात्रा ली जाती है कि वह उसके लिए घातक हो। उसके भार कें आधार पर दो सौ से तीन सौ मिलीलीटर रक्त लिया जाता है ।
ब्लड टेस्ट बताएगा बेस्ट एक्सरसाइज
खुद के लिए बेस्ट एक्सरसाइज तय करना लोगों के लिए एक मुश्किल चुनौती है , लेकिन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने पाया है कि खून में पाए जाने वाले विशेष प्रकार के प्रोटीन का स्तर यह बताता है कि किस एक्सरसाइज का व्यक्ति के शरीर पर कैसा असर पड़ेगा । यानी कौन सी एक्सरसाइज किस व्यक्ति के लिए बेस्ट है ।
प्रोफेसर डॉ रॉबर्ट गेर्टेन ने 654 लोगों पर एक्सरसाइज के बाद की गई लैब जांच के डेटा का एनालिसिस किया उन्होंने पाया कि व्यक्ति के शरीर में 100 से अधिक प्रोटीन होते हैं जो शरीर पर अलग - अलग एक्सरसाइज के प्रभावों को बताते हैं ।
एक्सरसाइज से जुड़े हैं 102 प्रोटीन
वैज्ञानिकों ने स्टेट ऑफ द आर्ट मॉलिकुलर टूल्स के उपयोग से रक्त में पाए जाने वाले 102 ऐसे प्रोटीन का पता लगाया , जिनका लेवल यह बताता है कि एक्सरसाइज करने से किसी व्यक्ति की एरोबिक क्षमता किस हद तक बढ़ेगी ।