Healthy tips- स्वस्थ जीवन के 15 सूत्र
Healthy living formula: आज समाज में जितनी बिमारियां फैली है ,उनमें से अधिक Diseases का कारण Irregular Routine है। अपने Traditional Diet से दूर होने व Western Lifestyle के तेजी से बढ़ते प्रभावों के चलते देश में मोटापा , मधुमेह , High Blood Pressure व हृदयरोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है ।
अगर आप Healthy Lifestyle जीना चाहते है तो हम आपको यहाँ इस पोस्ट में स्वस्थ जीवन जीने के 15 सूत्र |स्वास्थ्य 15| स्वस्थ जीवन के सूत्र Healthy and Life Tips. Healthy living 15 Tindi tips ,स्वस्थ जीवन के 15 सूत्र ,Healthier life के बारे में बताएँगे -
एक अनुमान के तहत देश में 40 वर्ष से कम उम्र के 40 प्रतिशत पुरुष व 50 प्रतिशत महिलायें मोटापे का शिकार हैं । 15 प्रतिशत लोग थुलथुले हैं । जहां देश में 4 करोड़ Diabetes से पीड़ित हैं , तो heart disease भी अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है । युवाओं , महिलाओं व कामगारों में heart patients की बढ़ती संख्या चिंताजनक मधुमेह , उच्च रक्तचाप , हृदय रोग व fatness का आपस में गहरा रिश्ता है ।
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इन रोगों के सामान्यतः मूल कारण भी आपस में मिलते - जुलते है । यहीं वजह है कि इनमें से एक रोग की चपेट में आने से दूसरे रोग की संभावना भी ज्यादा बढ़ जाती है । स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है कि हम अपना स्वाभाविक प्राकृतिक जीवन जिएं व रोग पैदा करने वाले कारणों से बचने का पूरा प्रयास करें ।
हमें खुशी होगी यदि इनसे आप स्वास्थ्य - लाभ प्राप्त करेंगे । आशा है कि यह पोस्ट आपकी आकांक्षाओं पर खरा उतरते हुए अपनी उपयोगिता सिद्ध करेगा । आपके सुझावों का स्वागत रहेगा ।
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Healthy living tips | स्वस्थ जीवन 15 सूत्र | Healthier life
जीने के लिए खाये
food और Health का आपस मैं बहुत गहरा रिश्ता है । हम क्या खाते है? और कितना खाते है ? , के साथ- साथ हमारी आहार सम्बन्धी आदतों का भी सीधे स्वाथ्य पर भी प्रभाव पड़ता है । इसलिए भोजन सम्बन्धी आदतों पर ध्यान दे । भोजन समय पर ले तथा भूख से थोड़ा कम खाएं ।
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भोजन के एक-कोर को अच्छी तरह चबाये। भोजन को ईस्वर का प्रसाद समझ कर श्रद्धा भाव से Stress Free होकर खाएं।
तली हुई चीजों का सेवन न करे
छोले-भठूरे, पूरी-कचौड़ी, पकोड़े, समोसे व् परांठे भले ही जुबान को रास आये लेकिन परहेज ही अच्छा, क्योकि एक जीभ के कारण पुरे शरीर को सजा देना ठीक नहीं । ताली हुई चीजे पाचन धीरे करती है। इनमें वसा की अधिकता से शरीर मैं मोटापा चढ़ने लगता है।
फ़ास्ट फ़ूड : जीवन को करे धीमा
पिज्जा ,बर्गर,हॉटडॉग, सेंडविच ,नूडल्स ,आदि कलोरी व् वसा से भरे होते है । जो अनेकों रोगों को जन्म देते है तथा मोटापा बढ़ाने है | इसलिए Fast Food के सेवन से स्वयं तो बचे ही बच्चो को भी इससे दूर ही रखे।
अधिक मिठास, घोले सेहत मैं कड़वाहट
चीनी के उपयोग के मामले मैं भारत दुनिया मैं पहले दर्जे पर है। सभी सामाजिक समारोह मैं मिठाई आवश्यक समझी जाती है लेकिन चीनी का अधिक सेवन हंमे मधुमेह की दहलीज पर पंहुचा देता है । साथ मोटापा व् ह्रदय रोग की सम्भावना भी स्वतः ही बढ़ जाती है। हम कितनी चीनी लेते है ,इसका आकलन केवल चाय ही नहीं अन्य खाद्य पदार्थो मैं भी चीनी की उपस्थिति के आधार पर कर
रशेदार वनस्पति जरूर लें
सभी खाद्य पदार्थों का चयन स्वयं जिन्दगी का राज है । हमारे मनीषियों साल पहले आहार के महत्त्व को भली-भांति जान लिया था।इसलिए उन्होंने शरीर के अनुकूल खान-पान अपनाने व् कंद -मूल फल, व् कच्ची साग सब्जियों को प्राथमिकता दी .ये रेशेदार वनस्पति Bed Cholesterol का स्तर घटाते है।
पाचन को सुचारु बनाते है। ये पौष्टिक तत्वों ,विटामिन खनिज लवणों से भरपूर, इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां ,फलियां ,मटर, गाजर, करेला , नाशपाती , सेब , केला, संतरा ,छिलकेदार डालें ,व् अंकुरित अनाज का सेवन करें ।
अल्पाहार यानि फलाहार
जब-जब अल्पाहार का मन हो तो चाय-बिस्कट ,नमकीन ,मिठाई व् फास्टफूड के वजाय फलों को प्राथमिकता दे या फिर सलाद लें । सलाद ,खीरा -ककड़ी , गाजर ,मूली , पत्तागोभी व् फल पौष्टिक तत्वों से भरपुर होते हैं ।
जिंदगी को धुआँ न होने दें
धूम्रपान की आदत से खुद को बचाये । बीडी ,सिगरेट, तंबाकू ,गुटका, शराब, व् अन्य नशीली चीजे शरीर को खोखला कर देती है ।यदि आप धूम्रपान के आदि है तो अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा ,आज ही इस आदत को छोड़ दे । धूम्रपान छोड़ना कोई मुश्किल नहीं बस मन मैं आत्मविश्वास जगाएं।
पैदल चले जिंदगी साथ-साथ चलती रहेगी
जब भी अवसर मिले, पैदल चले। सुबह-शाम की सैर की आदत डाले । पैदल चलना अपने आप मैं सम्पूर्ण व्यायाम है ,जिनके अनेक फायदे है। walking benefits अनावश्यक चर्बी नहीं जमती जिससे मोटापा नहीं बढ़ता । मधमेह नियंत्रित रहता है ,दिल सेहत मंद रहता है ,पैदल चले से मस्तिष्क भी स्वथ्य रहता है और व्यक्ति दीर्घायु पाता है ।
वजन को नियंत्रित रखें
अमेरिका के केलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार २१ वर्ष तक जो युवा अपना आदर्श वजन बना लेते हैं वे लंम्बा जीवन जीते है। वजन बढ़ने के साथ ही बीमारियां भी बढ़ने लगती है , इसके लिए आहार -विहार को सन्तुलि करें तथा व्यायाम व् प्राणायाम का सहारा लें।
पर्याप्त नींद जरुरी
प्रतिस्पर्धा भरी इस भागम-भाग ने हमसे स्वाभाविक नींद छीन ली है । सुबह जल्दी उठना व् रात को सोना आदर्श स्थिति है , लेकिन इसका पालन न हो तो कम से कम नींद के लिए औसतन साढ़े छःघंटे जरूर जुटाए ।महिलाओं की लम्बी उम्र का राज यही है कि वे पुरुषों की अपेक्षा गहरी नींद सोती है ।
चंद बून्द तेल की करे कमाल
नहाने से नाक , काम ,नाभि, मूत्रमार्ग , व् गुदा मैं थोड़ा सा सरसों का तेल लगाने की आदत बनाए। सभी छोटे-छोटे रोगों बचाव होता है। बबासीर, कब्ज ,मूत्ररोग ,होठों का फटना ,नजर की कमजोरी ,बाल सफ़ेद होना और अनिद्रा जैसे अनेकों रोग दूर होते है है . नियमित तेल मालिश स्वाथ्यवर्धक होती है।
योग व् प्राणायाम अपनाये
योग मात्र शारारिक व्यायाम नहीं पूर्ण कला है । यह तन मन को प्रफुलित कर नई स्फुर्ति देता है। रोगों से बचाव व् रोगी व्यक्ति को रोग मुक्त करता है । नियमित योगासन , प्राणायाम व् ध्यान का अभ्यास करे। योगभ्यास से ह्रदय, फेफड़े, गुर्दे सहित सभी अंगों को बल मिलता है व् रक्तसंचार प्रणाली के आलावा मन-मस्तिष्क पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है ।
हँसे और हँसायें
हँसे ,खूब हँसे । क्योकि हंसी आपको डॉक्टर से दूर रखेगी । खुलकर हंसने से छाती और पैट की मांशपेशियां के साथ-साथ फेफड़ें ,ह्रदय और रक्त संचार प्रणाली का भी व्यायाम होता है यह मानशिक तनाव नीरसता से भी मुक्ति दिलाता है । प्रकृति की इस अनुपान दें को अपनाये और दूसरों मैं भी बांटे । खुद हँसे और को भी हंसाये ।
खुद को सक्रीय रखे
स्वयं को रचनात्मक कार्यों मैं लगाए। स्वाध्याय , बागवानी , संगीत सुनना सामाजिक कार्यों मैं सहभागिता आदि द्वारा अपने को सक्रिय रख सकते है । इससे सकारात्मक चिंतन बढ़ता है ,जिसके स्वाथ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है ।
आस्था सर्वोत्तम ओषधि है
इस्वर पर अटूट विस्वास हमें जीवन पथ पर अविकल बढ़ने की प्रेणा व् संबल कुछ समय ईस्वर उपासना मैं लगाए । ध्यान करे।ध्यान उपासना से स्वास्थ्य प्रणाली मैं क्रन्तिकारी परिवर्तन ध्यान उस परमसत्ता से एकाकार होने की कला है।
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