खुशी चाहते हैं तो अपने आप से झगड़ा खत्म कर दीजिए
Power of Positivity: खुशी चाहते हैं, तो अपने आप से झगड़ा खत्म कर दीजिए, कल्पना करिए कि आपके पास दो तरफा दर्पण (टू वे मिरर) है। मतलब आप उसके आरपार भी देख सकते हैं और अपना अक्स भी दे सकते हैं। अब निर्णय आप पर है कि है उसके साथ क्या करना चाहते हैं। बुद्धिस्ट साधु मैथ्यू रिकार्ड कहते हैं कि खुद से बाहर खुशी की तलाश करना मतलब किसी अंधेरी गुफा में सूरज की रोशनी का इंतजार करने जैसा है।
खुशी पूरी तरह अंदरुनी मामला है, अगर यह बाहरी होती, तो फिर ये हमेशा ही हमारी पहुंच से बाहर होती। हर कोई खुश रहना चाहता है, लेकिन चाहने और होने में फर्क है। हम कष्ट और दुख से डरते हैं, लेकिन जाने अनजाने उसी ओर खिंचे चले जाते हैं। हमारी इच्छाएं भी अनंत हैं, पर इस दुनिया और चीजों पर नियंत्रण बहुत मामूली सा है।
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जब जिंदगी में उथल-पुथल चल रही होती है, हम काम चलाऊ या तात्कालिक उपाय खोजते रहते हैं। यही आदत जिंदगी बन जाती है। धन, आनंद, पद, प्रतिष्ठा, ताकत की सबको चाहत होती है। लेकिन इन्हें पाने की प्रक्रिया में हम अपना मूल लक्ष्य भूल जाते हैं और इन साधनों की पीछा करते हुए अपना वक्त बिताते हैं। खुशी के कई फॉर्मूला बताते हैं कि हमारा स्वभाव धूप छाया की तरह है और अपनी अच्छाइयों के साथ-साथ कमियों को भी स्वीकार करना चाहिए।
अपनी क्षमताओं और सीमाओं से चल रहा हमारा झगड़ा अगर हम रोक दें, तो अपने अंतद्वंद्व और विरोधाभासों को खत्म कर सकते हैं। इसके लिए आप धैर्य और सहनशीलता का अभ्यास करें।- मैथ्यू रिकार्ड की किताब हैप्पीनेस ए गाइड से साभार
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