Digestion and IndigestionTips: स्वस्थ एवं हेल्दी रहने के लिए आपके लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, आपके पाचन तंत्र का स्ट्रॉन्ग होना. कमजोर हाजमा और अपच को दुरुस्त करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक प्रयोग नीचे दिये गये है, जिनका प्रयोग आपके लिए लाभदायक होगा(Ayurvedic uses to remove weak digestion and indigestion)
पहला प्रयोग :- 2 से 5 ग्राम पकी निंबौली अथवा अदरक में 1 ग्राम सेंधा नमक लगा कर खाने से या लौंग एवं लेडीपीपर के चूर्ण को मिला कर 1 से 3 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ सुबह - शाम लेने से मन्दाग्नि ( हाजमे की कमजोरी ) मिटती है । यह प्रयोग दो सप्ताह से अधिक न करें ।
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दूसरा प्रयोग:- भोजन से पूर्व 2 से 4 मिलिलीटर नीबू एवं 4 से 10 मिलिलीटर अदरक के रस में सेंधा नमक डाल कर पीने से मंदाग्नि , अजीर्ण एवं अरुचि में लाभ होता है
तीसरा प्रयोग : - हरड़ एवं सौंठ का 2 से 5 ग्राम चूर्ण सुबह खाली पेट लेने से मंदाग्नि में लाभ होता है ।
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सावधानी : - बहुत पानी पीने से , असमय भोजन करने से , मल - मूत्रादि के वेगों को रोकने से , निद्रा का नियम न होने से , कम या अधिक खाने से अजीर्ण होता है । अतः कारणों को जान कर उसका निवारण करें । बार - बार पानी न पियें । प्यास लगने पर भी धीरे - धीरे ही पानी पियें एवं स्वच्छ जल का ही सेवन करें । इन सावधानियों को ध्यान में रखने से अजीर्ण से बचा जा सकता है ।
वज्रासन
हाजमा व भूख बढ़ाने , खाया हुआ भोजन पचाने , शरीर को मजबूत करने , टांगों के विकारों को दूर करने के लिए वज्रासन से श्रेष्ठ कोई आसन नहीं है । इसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है ।
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विधि : - पैरों को मोड़ कर पंजों की सीट बना कर बैठ जाएं । दोनो हाथ घुटनों पर रखें व रीढ़ की हड्डी सीधी रखें । यह आसन 10-15 मिनट पर्याप्त है ।
ध्यान दे :- इस लेख में दिये गये किसी नुस्खे की प्रमाणिकता का दावा नहीं करता. पाठकों से आग्रह है कि किसी दवा या नुस्खे का प्रयोग करते समय योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें और योगासन किसी योगाचार्य के मार्गदर्शन मैं ही करें.