रामनाम सभी रोगों की एक दवा
Shree Ram Naam: शरीर के सभी रोग मिट जाने के बाद भी एक दिन तो यह शरीर जल ही जायेगा, अच्छा यह है कि उससे पूर्व अपने विकारों को, वासनाओं को जड़ मूल से उखाड़ डालें। परमात्मा का चिंतन करके, महापुरुषों का सत्संग सेवन करके, पवित्र ओउम् का जप करके, रोम-रोम में रमते राम को रिझा कर अपने अमर आत्मस्वरूप में स्थिर हो जा जायें।
क्यों, उचित है या नहीं? शरीर तो सँभालें, परन्तु अंत में यह पाँच भूतों का पुतला पाँच भूत में ही मिल जायेगा। ऐसे अनेकों शरीर आपको मिले और गये इसलिये इस शरीर को आप स्वस्थ भले रखें पर इसे बहुत सहलायें नहीं, इसमें बहुत मोह न रखें। प्रभु का चिन्तन करें। प्रात: सायं खुली हवा में घूमने जायें। यदि उपवास की आवश्यकता पड़े तो इसका सहारा लें। निर्भयता और प्रसन्नता बढ़ाने वाले सत्शास्त्रों को पढ़ें। जिस घर में सत्साहित्य नहीं वह घर-घर नहीं अपितु उसे श्मशान ही मानें।
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अपने घर को तो आप स्वर्ग लोग और ब्रह्मलोक बनायें। ईश्वर-चिन्तन, परोपकार एवं अपने मूल स्वरूप में स्थिर होने के लिए विचार करें ताकि रुग्णता के विचार आपके मन पर अधिकार न जमा बैठें। रुग्णतारूपी अतिथि तो आता है और जाता है। इससे घबराने की कतई आवश्कता नहीं।
प्रतिदिन एक घंटे ओउम् राम ओउम् राम का जप करने से शरीर की नाड़ियों में मंत्रजाप के प्रभाव से रोगनाशक सामर्थ्य आता है। समस्त रोगों में लाभ होता है और मन पवित्र हो जाता है। निराशा, हताशा और मानसिक दुर्बलता दूर होकर शारीरिक स्वस्थता प्राप्त होती है। इसके लिए खूब श्वास भरकर फिर ऊँची आवाज़ से जप करना चाहिए। इसमें जादुई लाभ छिपा है। रामनाम की कृपा से ऐसे असाध्य रोगों पर चमत्कारिक लाभ होते देखे गये हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
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