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Sawan Shivratri 2021:मुहूर्त, शिव पूजा सामग्री और क्या है शिवरात्रि कि पूजा विधि

Sawan Shivratri 2021: हिंदू धर्म की आस्था के केंद्र में सावन माह को अपना अलग ही महत्त्व है,एवं इस माह को अत्यंत ही पवित्र महीना माना जाता है। सावन का यह महीना पूर्ण रूप से भगवान शिवशंकर को समर्पित रहता है। 

Sawan Shivratri 2021:मुहूर्त, महत् शिव पूजा- सामग्री और क्या है शिवरात्रि कि पूजा -विधि-

सावन शिवरात्री (Sawan Shivratri 2021) का वही महत्व है जो फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का ,साल के हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आती है ,लेकिन सावन व् फाल्गुन मास का बाबा के भक्तों के लिए काफी महत्त्व है। 

इस साल सावन शिवरात्रि 6 अगस्त यानि आज के दिन शुक्रवार को पड़ रही है इसी महीने भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी अर्धागनी होने का वरदान दिया था। और साथ ही यह वरदान भी दिया था की जो इन महीने पुरे तन-मन से इन माह को मेरी आरधना करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

 इस दिन आप यदि पुरे विधि विधान से माता पार्वती व् भगवान शिव की पूजा भक्ति करते है तो आपके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस दिन भक्तों के द्वारा शिव जी की जल से अभिषेक कराया जाता है । आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि  मुहूर्त, महत् शिव पूजा- सामग्री और क्या है शिवरात्रि कि पूजा -विधि

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सावन शिवरात्रि मुहूर्त

6 अगस्त को सावन मास की कृष्ण चतुर्दशी का प्रारंभ शाम 6 बजके 28 मिनट से 7 अगस्त की शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।  

शिव पूजा महत्व

सावन शिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाता है,माता पार्वती ने 16 सोमवार का व्रत रख कर शिव को प्राप्त किया था। इसलिए भक्तों द्व्रारा अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए और मनवांछित वर प्राप्त करने के लिए अपने कष्ट दूर करने के लिए। 

शिव पूजा सामग्री

भगवान शिव को आशुतोष भी कहा जाता है क्योकि वह भक्तों की भक्ति से जल्दी प्रसन्न हो जाते है ,ये वे प्रमुख सामग्री है जो शिव पूजा में इस्तेमाल की जाती है -जल,पुष्प, दूध, बिल्वपत्र, रुद्राक्ष आंकड़ा, धतूरा, भांग, कर्पूर, चावल, चंदन, भस्म, इसके आलावा पंच फल पंच मेवा,कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी,मौली जनेऊ,  कपूर, धूप, दीप, रूई,शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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क्या है शिवरात्रि कि पूजा -विधि- 

सुबह जल्दी उठ कर नित्यकर्म करके स्न्नान करें,उसके बाद साफ और स्वच्छ कपडे पहनना चाहिए ,अगर आप व्रत रख सकते है तो रखे ,घर के मंदिर स्थान पर दीप जलाये ,और सर्वप्रथम भगवान गणेश की आराधना करे उसके उपरांत भगवान शिव  माता पार्वती की आराधना करे,शिवशंकर को गंगा जल चढ़ाये व् पुष्प अर्पित करे। शिव आरती करे,सात्विक भोग लगाये। आप भगवान शिव को दूध ,व् बेलपत्र भी अर्पित कर सकते है।

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