Health Benefits of Giloy: गिलोय इसे आयुर्वेद में ज्वर (बुखार) कि महान औषधि Medicine बतलाया गया है, और Giloy को जीवन्तिका नाम दिया गया है. ये एक बेल होती है जिसके पत्ते पान के आकार के होते है, गिलोय आयुर्वेद में कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे - अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि।
अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता है।'ये बेल जिस भी पौधे पर लिपटी रहती है उसके सारे औषधीय गुण ले लेती है, इसी लिए नीम पर लिपटी गिलोय काफी उत्तम औषधीय गुणों से भरपूर होती है जिसके कारण इसे नीमगिलोय भी कहा जाता है.
Beneficial Effects of Consuming Giloy
पुराने बुखार या 6 दिन से भी ज्यादा । समय से चले आ रहे बुखार के लिए गिलोय उत्तम औषधि है । इस प्रकार के बुखार के लिए लगभग 40 ग्राम गिलोय को कुचल कर मिट्टी के बर्तन में पानी मिला कर रात भर ढक कर रख देते हैं । सुबह इसे मसल कर छान कर रोगी को दिया जाना चाहिए ।
इसकी अस्सी ग्राम मात्रा दिन में तीन बार पीने से जीर्ण ज्वर नष्ट हो जाता है । ऐसा बुखार जिसके कारणों का पता नहीं चल पा रहा हो उसका उपचार भी गिलोय द्वारा संभव है ।बार - बार होने वाला मलेरिया , काला ज्वर जैसे रोगों में भी यह बहुत उपयोगी है । मलेरिया में कुनैन के दुष्प्रभावों को यह रोकती है । टाइफायड जैसे ज्वर में भी यह बुखार तो खत्म करती है , रोगी की शारीरिक दुर्बलता भी दूर करती है ।
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टीबी के कारक माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलम बैसीलस जीवाणु की वृद्धि को यह रोक देती है । यह रक्त मार्ग में पहुंच कर उस जीवाणु का नाश करती है । ऐस्केनिशिया कोलाई नामक रोगाणु जिसका आक्रमण मुख्यतःमूत्रवाही संस्थान तथा आंतों पर होता है , को यह समूल नष्ट कर देती है ।
इसके प्रयोग से रक्त में शर्करा का स्तर नीचे आता है । मधुमेह के दौरान होने वाले विभिन्न संक्रमणों के उपचार में भी गिलोय का प्रयोग होता है । बुखार या लंबी बीमारी के बाद आई कमज़ोरी को दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का प्रयोग किया जाना चाहिए । इसके लिए 100 ग्राम गिलोय को शहद के साथ पानी में पकाना चाहिए । सुबह - शाम इसकी 1-2 औंस मात्रा का सेवन करना चाहिए ।
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एलर्जी , कुष्ठ तथा सभी प्रकार त्वचा विकारों में भी गिलोय का प्रयोग लाभ पहुंचाता है । आंत्रशोध तथा कृमि रोगों में भी गिलोय लाभकारी है । यह तीनों प्रकार के दोषों का नाश भी करती है । घी के साथ यह वातदोष , मिसरी के साथ पित्तदोष तथा शहद के साथ कफ दोष का निवारण करती है । हृदय की दुर्बलता , लो ब्लड प्रेशर तथा विभिन्न रक्त विकारों में यह फायदा पहुंचती है ।
Health Benefits of Giloy
- वायरल और डेंगू जैसी बीमारियों के इस ' मौसम ' में गिलोय बेहद उपयोगी है । आयुर्वेद में इसे अमृतस्वरूप माना गया है , इसलिए इसे अमृता भी कहा जाता है ।
- एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर गिलोय रोगों से लड़ने की हमारी ताकत बढ़ है । यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है ।
- इसके सेवन से खून में प्लेटलेट्स बढ़ते हैं और डेंगू , चिकनगुनिया जैसे बुखार का असर कम होता है ।
- गिलोय , तुलसी , अजवाइन , काली मिर्च , लौंग , मुलट्ठी , सौंफ का काढ़ा पीने से रक्त विकार और बुखार में आराम मिलता है । जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है ।
- गिलोय के रस में शहद मिलाकर दिन में तीन बार लेने से भी बुखार में से आराम मिलता है ।
- यह पेट के विकार भी दूर करता है । कब्ज़ , बवासीर और अपच जैसी समस्याओं से राहत के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं ।
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