आपका आत्मसम्मान आत्मछवि से तय होता है- best motivational speech in hindi
एक नजरिए से देखा जाए तो हमें 85 फीसदी आनंद दूसरे लोगों के साथ सुखद संबंधों से मिलता है । दुर्भाग्य से , 85 % दुख भी दूसरे लोगों से ही मिलते हैं । लोक व्यवहार में उत्कृष्ट बनना जरूरी है । अच्छी बात ये है कि यह योग्यता सीखी जा सकती है ।
शर्त सिर्फ इतनी है कि आपको भी वैसा ही व्यवहार करना होगा , जैसा दूसरे लोकप्रिय लोग करते हैं । मनोवैज्ञानिक हमें बताते हैं कि हम जो भी कार्य करते हैं , वह या तो अपने आत्म - सम्मान को बढ़ाने के लिए करते हैं या दूसरों से इसकी रक्षा करने के लिए करते हैं ।
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हर व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत महत्ता के एहसास के बारे में बहुत संवेदनशील होता है । आत्म सम्मान का अर्थ यह है कि आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं , खुद को कितना पसंद करते हैं । आत्म - सम्मान काफी हद तक आपकी आत्म - छवि से तय होता है । आपकी आत्म - छवि के तीन हिस्से हैं , जो एक - दूसरे को स्पर्श करते हैं ।
1. आत्म - छवि का पहला हिस्सा यह है कि आप खुद को कैसे देखते हैं । इससे काफी हद तक चलने , बोलने , व्यवहार करने व दूसरों के साथ बात करने का तरीका तय होता है ।
2. आत्म छवि का दूसरा हिस्सा यह है कि आपके हिसाब से दूसरे लोग आपको किस तरह देखते हैं । यदि आप सोचते हैं कि दूसरे लोग आपको पसंद करते हैं , तो आप खुद को सकारात्मक अंदाज में देखते हैं ।
3. आत्म - छवि का तीसरा हिस्सा यह है कि लोग वास्तव में आपको किस तरह देखते हैं और व्यवहार करते हैं । यदि आप स्वयं को आम आदमी मानते हैं और कुछ लोग आपसे मिलने पर ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे आप मूल्यवान और महत्वपूर्ण हों , तो इसका आपकी आत्म - छवि पर सकारात्मक प्रभाव होता है ।
आप खुद को पहले से ज्यादा पसंद करने और महत्व देने लगते हैं । ' नो एक्स्क्यूज ... ' किताब से साभार. ब्रायन ट्रेसी बेस्ट सेलिंग ऑथर
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रचनात्मक व्यक्ति कुछ हासिल करने की इच्छा से प्रेरित होता है न कि दूसरों को हारने की इच्छा से।
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