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Power Positive Thinking: इन चंद सवालों से अपना सकारात्मकता अनुपात चेक करें

Power Of Positivity: सकारात्मकता का अनुपात समझने से पहले ये ' उदाहरण देखते हैं । पानी और बर्फ दोनों एक ही हैं , बस अवस्था का फर्क है । जीरो डिग्री ताप

Power of The Positive Thinking: सकारात्मकता का अनुपात समझने से पहले ये 'उदाहरण देखते हैं। पानी और बर्फ दोनों एक ही हैं, बस अवस्था का फर्क है। जीरो डिग्री तापमान से ऊपर बर्फ पिघलने लगती है। ये इसका टिपिंग पॉइंट यानी बदलाव का बिंदु है। पानी के लिए 0 डिग्री सेल्सियस बदलाव का केंद्र है, तो हमारे मनोविज्ञान के हिसाब से 3:1 Positivity Ratio है। एमआईटी की शोधकर्ता बारबरा फ्रेड्रिक्सन ने ये अनुपात खोजा है। 


Power Of Positivity: सकारात्मकता का अनुपात समझने से पहले ये ' उदाहरण देखते हैं । पानी और बर्फ दोनों एक ही हैं , बस अवस्था का फर्क है । जीरो डिग्री तापमान से ऊपर बर्फ पिघलने लगती है । ये इसका टिपिंग पॉइंट यानी बदलाव का बिंदु है ।








Check your positivity ratio with these few questions


अनुपात चैक करने के लिए आपको पिछले 24 घंटों के अनुभव के आधार पर खुद से ये सवाल पूछने हैं। उन्हें 0 से 4 तक अंक देना है। 0 मतलब बिल्कुल नहीं। 1 मतलब थोड़ा,  2 मध्यम,  3 थोड़ा ज्यादा और 4 सबसे ज्यादा।


सवाल इस तरह हैं मनोरंजक, मजेदार क्षण महसूस हुआ? नाराजगी महसूस हुई? शर्मिंदा, अपमानित महसूस हुआ? विस्मय, आश्चर्य फील किया? तिरस्कार महसूस हुआ? घृणा? शर्मिंदगी हुई? किसी चीज के प्रति कृतज्ञता का अहसास हुआ? ग्लानि हुई? शक या अविश्वास हुआ? उम्मीद, आशाजगी? प्रेरित महसूस हुआ? उत्साहित रहे? आनंद और खुशी से भरे? प्रेम और निकटता का अहसास हुआ? गर्व और आत्मविश्वास महसूस हुआ? दुखी महसूस हुआ? डर लगा? सुखद, शांति का अहसास हुआ? तनावग्रस्त या नवर्सनेस महसूस हुई।


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इन 20 प्रश्नों में सकारात्मक और नकारात्मक को अलग-अलग रखके उनका अनुपात निकालना है। अब अगर सकारात्मक:नकारात्मक सवाल के जवाबों का अनुपात 3:1 है, मतलब आप अच्छे लोगों के बीच हैं और आपका सकारात्मकता अनुपात ठीक है। वहीं अगर सकारात्मक सवालों का अनुपात कम हो रहा है और निगेटिव सवालों का अनुपात बढ़ रहा है। तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।


आज का पॉजिटिव चैलेंज अपना फैमिली ट्री बनाएं 


क्या आप अपने संयुक्त परिवार में सबका नाम जानते हैं? एकल परिवारों में हमारे संबंधों का दायरा सिमट रहा है, लेकिन इस विरासत को सहेजना भी जरूरी है। कलम कागज उठाएं और परिवार में सबके नाम लिखना शुरू करें। दादा-दादी, नाना नानी से लेकर उनके पूर्वजों के भी। फैमिली ट्री बनाने के इस काम में घर के बड़ों की मदद लें। इस ऐतिहासिक दस्तावेज की कीमत आपको बाद में पता चलेगी।


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