Positive Attitude: सही एटिट्यूड ही आपकी ताकत है
Right Attitude is Your Strength: जिंदगी में कुछ हासिल करने की इच्छा हम सबके मन में होती है। हमें जीवन में समृद्धि, लगातार प्रगति चाहिए । कुछ दशकों पहले कुछ विचारकों ने इकट्ठे होकर सफल-असफल लोगों के जीवन का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जीवन में संसाधन, सपोर्ट सिस्टम अच्छा नहीं होने के बावजूद लोग सफल हुए हैं।
वहीं इनकी प्रचुरता के बाद भी कुछ लोग असफल हुए हैं। जवाब मिला कि संसाधनों के अलावा भी कोई कारण है, जिसकी वजह से जीवन में प्रभाव पड़ता है। वो था लोगों का एटीट्यूड और जीवन के विचार।
Quote Positive Attitude
सफलता का बीज दिमाग में पहले अंकुरित होता है। इसलिए विचार सही रखें। शब्द, व्यक्तित्व निर्धारित करते हैं, इसलिए सोच समझकर बोलें। कामों से ही परिणाम तय होता है, इसलिए उद्देश्यपूर्ण काम करें
प्रसिद्ध लेखक जैफ केलर ने किताब लिखी है 'एटीट्यूड इज़ एवरीथिंग।' वह कहते हैं कि सफलता दिमाग में शुरू होती है। इसलिए अपने विचार सही रखें। दूसरा वह कहते हैं कि आपके शब्द आपका चरित्र और व्यक्तित्व निर्धारित करते हैं। इसलिए सोच समझकर बोलें। तीसरा ये कि आपके कामों से ही परिणाम तय होता है, इसलिए उद्देश्यपूर्ण काम करें। असफलता का सामना करने में सिर्फ एटीट्यूड ही आपका हथियार होता है।
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जीवन में ऐसी मुश्किल परिस्थितियां भी आएंगी, जब फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में 400 नंबर होने के बावजूद आप यह निर्णय लेने से पहले तकलीफ में आ जाएंगे कि किसे फोन करें और किसे नहीं। जीवन में सुख भी आएगा, दुख भी आएगा। ये परिवर्तनशील जगत है। यहां कोई चीज भी स्थाई नहीं है, सिवाय परिवर्तन के,उस समय परिस्थितियों को संभाल लेना इंसान का कर्तव्य है और यही जीवन जीने की शैली है। आपके साथ जो कुछ भी घट रहा है, वह हमेशा अच्छा है।
अगर आप इस विचार को अपने साथ रखेंगे तो उस गंभीर परिस्थिति से जल्दी बाहर निकल आएंगे। बैठ जाना है या चलते जाना है, यह आपका विकल्प है। कठिन परिस्थितियों में खुद को, परिवार को, नौकरी-व्यवसाय को कितनी अच्छी तरह संभाला... यही आपको सही इंसान बनाता है, यही जीवन जीने की अच्छी शैली है... बैटर लिविंग है।
अमेरिका में कई वैज्ञानिकों ने एक आकलन के मुताबिक यह बात कही कि अगर मृत इंसानी शरीर भी बनाएं, तो इसमें 5 ट्रिलियन डॉलर का खर्च आएगा। हमारी शरीर बहुत बड़ी अमानत है। हमारा हर सेकंड करोड़ों का है। हमें सोच पक्की करनी होगी कि शरीर के रूप में हमारे पास बहुत अमूल्य चीज है।
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आप एक सामान्य सा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेते हैं, तो उसका यूजर मैन्युअल होता है। लेकिन हम अपने जीवन में दृढ़तापूर्वक कोई कदम नहीं उठाए। जब यह विचार मन में घर कर जाएंगा, तब ही प्रोग्रेस और सक्सेस की यात्रा शुरू होगी। इसमें सबसे पहला कदम है कि जीवन में कोई संकल्प तय करें कि करना क्या है। हाथ में पैन लें, सोने से पहले कुछ लिखें कि मुझे क्या करना है। और जहां रोज़ उठते-बैठते हैं, वहां इसे चिपका दें। इससे यह आंखों के सामने रहेगा।
अमेरिका में जॉन गोडार्ड नाम के ऐडवेंचरर थे। 14-15 साल की उम्र में उन्होंने अपने सपने और लक्ष्य एक कागज पर लिख लिए। 'एवरेस्ट पर जाना है, नील नदी तैरकर पार करनी है आदि।' ऐसे करते-करते उन्होंने जीवन के 57 लक्ष्य लिख लिए। 60 साल की उम्र में उन्होंने वह लक्ष्य वाला पृष्ठ खोलकर पढ़ा। उसमें उन्होंने चैक करना शुरू किया कि कितने काम पूरे हो चुके हैं।
वो देखकर चौंक गए कि 57 में से 55 टास्क पूरे हो गए हैं। सपने तो सब देखते हैं, लेकिन उसके पीछे बहुत मेहनत करनी पड़ती है। सामान्य पुरुषार्थ से इंसान सामान्य बना रहता है, लेकिन अगर प्रयत्न बढ़कर किए जाएं तो सामान्य व्यक्ति भी महान बन सकता है।
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