Diabetic Disease: मधुमेह रोग के प्रमुख कारण और निवारण
Diabetic Disease: मधुमेह क्या है? कैसे होता है? क्या लक्षण हैं? कैसे बचें? Diabetic रोग के मेन रीजन एवं उनके Possible Solutions और निवारण बताये गए है। What is diabetes? खाद्य प्रदार्थ जो अधिक खाना चाहिए,दवाऍ,मधुमेह रोग की विकृतियॉ,Symptoms of Diabetes,मधुमेह के खतरे ,What is Diabetes Causes ,मधुमेह का शरीर पर असर ,सावधानियां ,मधुमेह पर प्रभावी नियंत्रण ,घरेलू उपचार ,मधुमेह रोगी क्या खाये और क्या न खाये?
Diabetes Causes and Prevention in Hindi
मधुमेह आज भारत ही नहीं अपितु सारे विश्व मैं महामारी का रूप ले रहा है । जिनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । अंतरास्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार दुनियां के कुल 44. 2 करोड़ मधुमेह के रोगी है जिनमें 30 se 40 प्रतिशत संख्या भारत मैं है।
बच्चो मैं मधुमेह का फैलाव तेजी से हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार प्रति 1000 बच्चों मैं से 1 बच्चा मधुमेह से पीड़ित है। डाक्टर इस समस्या को वास्तविक महामारी करार देते है ,क्योकि मधुमेह ग्रसित लोगों व् मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। विश्व मैं प्रति साल लगभग 1 करोड़ लोग मधुमेह सम्बन्धी कारणों से अपनी जान गँवा रहे है। कुल मिला कर स्थिति गंभीर है ।
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मधुमेह क्या है? कैसे होता है? What is diabetes?
जब अग्नाशय प्रात मात्रा में इन्सुलिन पैदा नहीं कर पाता तो रक्त मैं शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है. जैसी प्रथम श्रेणी (Type-1) मधुमेह कहते हैं। इस बीमारी की दूसरी स्थिति मैं अग्नाशय इन्सुलिन तो पर्याप्त मात्रा मैं उत्पन्न करता है किंतु शरीर इस इन्सुलिन का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाता ,इसे द्वितीय श्रेणी (Type-2) मधुमेह कहते हैं यही मधुमेह का प्रमुख्य व् प्रचलित रूप है। लगभग 90 प्रतिशत रोगी द्वितीय श्रेणी मधुमेह से पीड़ित है ।
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मधुमेह के खतरे What are the dangers of Diabetes?
जिस तरह से हमारे रहन-सहन ,खान-पान में पाश्च्यात संस्कृति का समावेश हो गया है,उससे किसी के भी मधुमेह की चपेट मैं आने की संभावनाएं बढ़ गई है । किन्तु कुछ वर्गों मैं मधुमेह की संभावना अधिक रहती है जैसे
पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार मैं माता-पिता को या दो मैं से किसी एक को मधुमेह हो तो बच्चों मैं इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है । विश्व के कुल एक चौथाई से अधिक मधुमेह रोगियों मैं वंशागत मधुमेह के कारण पाए जाते है
मोटापा: शरीर पर अनावश्यक चर्बी के बढ़ने के साथ-साथ ही मधुमेह की सम्भावना भी बढ़ती रहती है। अनेको अध्ययनों से सपष्ट है की मोटे लोग मधुमेह के आसान शिकार हो जाते है ।
जीवन शैली मैं बदलाव: चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह को मात्र एक रोग के रूप मैं न देखते हुए आहार-विहार ,मानसिक स्थिति व् जीवनशैली मैं आये बदलाव के परिणाम के रूप मैं देखना चाहिए। जीवनशैली मैं अचानक बदलाव सम्भावना बढ़ जाती है।
उम्र का प्रभाव: यूँ तो मधुमेह किसी भी उम्र मैं हो सकता है लेकिन 30% रोगी प्रौढ़ ही होते है। 40 साल पार करने पर मधुमेह की सम्भावना मैं वृद्धि होने लगती है. ऐसा अनुमान है की 60 साल से अधिक आय की कुल जनसँख्या के 20 प्रतिशत लोग मधमेह रोगी है
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मधुमेह के शुरुआती लक्षण Symptoms of Diabetes?
ज्यादा भूख लगना: शरीर प्र्त्येक कोशिका को ऊर्जा जलूकोज़ द्वारा मिलती है। इन्सुलिन की कमी मैं रक्त मैं उपस्थित शर्करा कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता। जिससे शरीर मैं ग्लूकोज होते हुए भी कोशिकाएं भूखी मरने लगती है अतः रोगी को भूख ज्यादा लगने लगती है। मधुमेह रोगी ज्यादा भूख करने लगता है ,खासकर भोजन करने के बाद
अधिक प्यास लगना: रक्त में सर्कार व् वसायुक्त एसिड की मात्रा बढ़ने से रक्त गाढ़ा हो जाता है। रक्त के ठोस पदार्थ व् तरल प्लाज्मा सीरम मैं संतुलित बनाये रखने के लिए अधिक पानी की आवशयकता है जिससे ज्यादा प्यास लगने लगती है। मधुमेह रोगी की जीभ खुसक व् खुरदरी लगने लगती है
बार -बार पेशाब जाना: अधिक पानी पीना व् बार-बार पेशाब जाना मधुमेह का मुख्य लक्षण है
कमजोरी व् चिड़चिड़ापन: शरीर को ऊर्जा न मिलने से मस्तिष्क ,मांसपेशियां थक जाती है ,जिससे उत्तेजना ,क्रोध,व् कमजोरी पैदा होती है।
जख्मो का देर मैं सुखना: मधुमेह रोगी क जख्म जल्दी नहीं भरते व् जननांगों मैं खुजली होने लगती है। शरीर पर चीटियों के चलने जैसे संवेदना या झुनझुनी होनी लगती है
कुछ अन्य लक्षण
- पेशाब पर चीटियों का इकठ्ठा होना व् पेशाब का रंग मटमैला होना । आँखों मैं नजर की कमी।
- उपरोक्त मैं दो या दो से अधिक लक्षण मिलने पर व्यक्ति को सचेत हो जाना चाहिए ।
मधुमेह का शरीर पर असर The Effects of Diabetes on the Body
मधुमेह शरीर मै प्रवेश करते ही अन्य रोगों के लिए दरवाजा खोल देता है शरीर बिमारियों का घर बन जाता है ये रोग हो जाने के बाद दो तरह की जटिलता पैदा हो जाती ह । पहली तात्कालिक व् दूसरी दीर्घकालिक ।
मधुमेह मूर्छा: तात्कालिक जटिलता मैं शरीर मैं शर्करा की अधिकता के कारन संक्रमण ( इंफेक्शन ) हो जाता है। मरीज मूर्छा का शिकार हो जाता है य कोमा मैं चला जाता है।
दीर्घकालिक जटिलता के अन्य लक्षण
आँखों के रोग: मधुमेह की जटिलताओं मैं जो बात सबसे पहले उभर कर आती है आँखों की रोशनी मैं कमी। यहाँ तक की रोगी मोतियाबिंद का शिकार हो जाता है
हृदयरोग: धमनियों के कठोर होने के कारण एंजाइना के लक्षण दिखाई देने लगते है। इस रोग मैं ह्रदयरोग होना आम बात है ।
गुर्दे के रोग: मधुमेह के कारन गुर्दे पर सीधा प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक अनियमित मधुमेह से ग्रस्त बच्चों व् युवाओं के गुर्दे जल्दी ख़राब हो जाते है ।
अपंगता: इस रोग के कारण लोगों को अपने पैर गवाने की आशंका बढ़ जाती है एक अनुमान के मुताबिक विश्व मैं हर 3 सेकेण्ड मैं मधुमेह के मधुमेह एक व्यक्ति अपना पैर गंवाता है ।
अन्य जटिलताएँ : मधुमेह व्यक्ति के यौन जीवन पर भी प्रभाव डालता है। भारत मैं मधुमेह के गंभीर रोगी 50 प्रतिशत तक यौन क्रिया अस्थाई रूप से अक्षम हो जाते है। जिसे चिकित्सा द्वारा ठीक किया जा सकता है ।
सावधानिया Pre Diabetes Precautions
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योग भागए रोग yoga run disease
इस रोग को नियंत्रित करने के लिए योग कारगर भूमिका निभाता है। प्रसिद्ध योगा चार्य बाबा रामदेव जी योग व् प्राणायाम द्वारा मधुमेह से मुक्ति संभव बताते है। और सभी चिकित्सक योगयाभास की सलाह अवश्य देते है। अर्धमत्स्येनद्रासन ,मंडूकासन ,मकरासन, कुर्मासन, वज्रासन, भुजंगासन, शवासन ,सूर्य नमस्कार आदि आसान अग्नाशय को सक्रीय करने मैं सहायक होते है ।
प्राणायाम: अनुलोम-विलोम व् सूर्यभेदी प्राणायाम तथा अग्निसार क्रिया ,मधुमेह रोगियों को अवश्य करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पैदल चलना ,सुबह शाम की सैर उपयोगी है ।
Diabetes Home Remedies Ayurveda
- आवला 100 ग्राम, मेथी के बीज 40 ग्राम, हल्दी 40 ग्राम,तेजपत्ता 20 ग्राम,लेकर चूर्ण बनाये,सुबह- शाम आधा चम्मच भोजन से आधा घंटा पहले सादे पानी के साथ ले.
- जामुन की गुठली ,नीम के पत्ते,आवला 100-100 ग्राम, गुड़मार, बेलपत्ता, सूखा करेला 50-50 ग्राम लेकर बारीक़ पीस ले। प्रतिदिन 2 से 4 ग्राम इस चूर्ण का सेवन करे । मधुमेह को नियंत्रित करने का यह निरापद नुस्खा है। चन्द्रप्रभावटी को दो -दो गोली सुबह-शाम ले।
- बेल के पत्ते चबाने से मधमेह की कस्टप्रद स्थिति मैं लाभ होता है ,तथा बेल का फल भी लाभकारी है ।
- गुड़मार की पत्ती का चूर्ण ( एक बड़ा चमच ) पानी मैं उबालकर ले।
विशेष सूचना- यदि आप कोई अन्य दवाये या इन्सुलिन आदि ले रहे हो तो उन्हें एक दम बंद करके प्रयोग सुरु न करे। चिक्त्सिक से सलाह अवश्य ले ।
मधुमेह मैं उपयोगी वनस्पतियाँ Medicinal Plants for Diabetes Treatment
मधुमेह मैं इन्सुलिन के निर्माण मैं गड़बड़ी का बड़ा कारन खून मैं चीनी की मात्रा भी बढ़ जाती है। कुछ प्राकृतिक खाद्य पदार्थ मधुमेह मैं खून मैं चीनी की मात्रा काम करने मैं सहायक होती है ।
जामुन: जामुन को इस रोग में अति लाभदायक माना जाता है। जामुन मैं पाया जाने वाल जम्बोलिन ग्लूकोसाइड शर्करारोधी होता है। यह जामुन की गुठली के अतिरिक्त इसकी छाल व् पत्तियों मैं भी पाया जाता है।
- जामुन की गुठली और करेले का चूर्ण 5-5 ग्राम सुबह-शाम लेना चाहिए।
- जामुन की गुठली का चूर्ण बना कर एक ग्राम चूर्ण दिन मैं तीन बार लेने से पेशाब मैं शक्कर की शिकायत दूर होती है ।
करेला: करेला मधुमेह मैं उत्तम कार्य करता है. इससे रक्तगत शर्करा कम होती है. आमदोष का पाचक होता है. अमाशय तथा यकृति की क्रिया सुधरती है.
- करेले का रस निकाल कर और इसके छिलके का चूर्ण बना कर सेवन करना चाहिए
मेथी: मेथी मधुमेह की असर कारक ओषधि व् आहार है। आयर्वेद मैं भी इस सम्बंद मैं काफी कुछ बताया गया है। हैदराबाद पोषण विज्ञानं संस्थान के वैज्ञानिक भी वर्षो की खोज के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे है की मेथी के नियमित इस्तेमाल से रक्त -शर्करा एवं मूत्र-शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है ।
कच्चा पपीता: कच्चे पपीते के सफ़ेद रस मैं पेपेड़न नमक पाचक रस पर्याप्त मात्रा मैं होता है। इस रोग मैं अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। ऐसे मैं भोजन मैं नित्य कच्चे पपीते का भुर्ता बनाकर खाये ।
टमाटर: टमाटर मैं कार्बोवित पदार्थ का प्रमाण अत्यधिक काम होने से मधुमेह के रोगियों के लिए उत्तम आहार है। साथ ही टमाटर का रस आंतो और जठर को भी स्वछ करता है।
मशरूम: इसमें मांस ,मछली ,दूध ,आलू, अन्य सब्जियों की तुलना मैं प्रोटीन की मात्रा दुगनी होती है। इसके अतिरिक्त इसमें स्टार्च नहीं होता। इस कारण यह रोग मैं वरदान है ।
मधुमेह रोगी क्या खाये और क्या न खाये ? Diabetes Diet Plan
आहार-विहार को व्यवस्थित कर मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है ।
अनाज: अनाजों मैं जौ मधुमेह रोगियों क लिए अत्यंत लाभकारी होता है। खासकर जिन मधुमेह रोगियों का वजन ज्यादा है ,उनके लिए जौ श्रेष्ठतम है। जबकि दुबले -पतले रोगियों के लिए गेहूं ही ठीक है। बाजार मैं मधुमेहहर आटा भी उपलब्ध है । इसको जौ ,गेंहू ,चना,सोयाबीन,दाना मेथी,टिल की खल ,आदि मिलकर स्वयं भी तैयार किया जा सकता है। नए चावलों का प्रयोग न करके पुराने चावलों को प्रयोग बहुत ही कम मात्रा मैं करना चाहिए ।
दालें: मुंग,मसूर,चना,अरहर,मटर,सोयाबीन,आदि का प्रयोग लाभकारी है ।
सब्जियां: विशेष कर करेला, मेथी, ग्वारफली ,बैगन,बथुआ, परवल,चना का साग ,आंवला ,मूली,लोकि,शलगम ,पुदीना,सेम,आधी का प्रयोग करना चाहिए ।
तेल: सोयाबीन,सरसों, तथा तिल का तेल प्रयोग करना चाहिए ।
मसाले: मधुमेह मैं जीरा,अजवाइन, तुलसी, धनिया, सहिजना ,आदि का प्रयोग उचित मात्रा मैं रोगियों के लिए लाभदायक है। मधुमेह मैं अदरक ,हल्दी लहसुन,का प्रयोग लाभदायक है।
फल: पपीता,जामुन,खीरा,तरबूज,ककड़ी,नीम्बू का प्रयोग करना चाहिए ।
क्या न खाये- Fruits Diabetic Patients should not Eat
मधुमेह के रोगियों के लिए दही,मांस ,दूध ,नए चावल चीनी, गुड़ से बने पदार्थ ,घी, मावे से बानी मिठाइयां,तथा मीठे फल ( आम,केला,चीकू,सेब,अंगूर,खजूर ) ,उड़द , तिल आलू,फूलगोभी, अरबी,काजू, बादाम,पिस्ता, का सेवन नहीं करना चाहिए ।
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