सनातन धर्म: Sanatan Dharm एक प्राचीन धार्मिक और दार्शनिक परंपरा है जो भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुई है और सम्पूर्ण विश्व में ये फैला हुआ था। इसे "हिन्दू धर्म" भी कहा जाता है, हालांकि यह एकमात्र इसका नाम नहीं है और इसमें कई विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक तथा दार्शनिक परंपराएं शामिल हैं।
क्या है सनातन धर्म?
सनातन धर्म का अर्थ है "सर्वकालिक धर्म" या "शाश्वत धर्म"। सनातन धर्म विश्व के सभी धर्मों में सबसे प्राचीन और विविध धर्म माना जाता है। इसका अर्थ है शाश्वत या सदा बने रहने वाला धर्म, जिसका न कोई आदि है न कोई अंत। इसे वेदों, उपनिषदों, पुराणों, स्मृतियों और महाभारत रामायण जैसी धार्मिक ग्रंथों के आधार पर स्थापित किया गया है। सनातन धर्म में जीवन के उद्देश्य, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, धर्मरक्षा और योग की महत्त्वपूर्ण बातें हैं। सनातन धर्म को विभिन्न नामों से संबोधित किया जाता है, जैसे हिंदू धर्म, सर्वधर्म सम्मानी, आर्य संप्रदाय, वैदिक धर्म, और सनातन संस्कृति। इन नामों में छिपा हुआ अर्थ, समृद्धि, और सहिष्णुता का संदेश होता है।
हिंदू सनातन धर्म की विशेषता यह है कि यह एक एकमात्र विश्वव्यापी ब्रह्म की पूजा करता है, जिसे अनंत, अच्युत, निराकार, निर्गुण, सर्वशक्तिमान, अनन्तज्ञान, अनंतविज्ञान और अनंतानंद स्वरूप माना जाता है। सनातन धर्म में मोक्ष को एक मुक्ति स्थिति माना जाता है, जो संसारिक बंधनों से मुक्ति प्रदान करती है।
सनातन धर्म विभिन्न पूजा पथ, मार्ग, शैली और सम्प्रदायों को समाहित करता है, जैसे कि शैव, वैष्णव, शाक्त, सौर, गाणपत्य आदि। इसमें कई विभिन्न आचार्य, संत, और धार्मिक गुरुओं की शिक्षाएं शामिल हैं जो अपने समय के आदर्श पुरुष थे।
सनातन धर्म विविधता की दृष्टि से अमूर्तिक और अनेक रूपों में परमात्मा की पूजा करने वाला एक विशाल और आध्यात्मिक सिद्धांत है। इसमें जीवन के सभी पहलुओं को समाहित किया जाता है और व्यक्ति को धार्मिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीने के लिए मार्गदर्शन किया जाता है।
सनातन धर्म का इतिहास
सनातन धर्म के महत्व
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