देश के 8 प्रसिद्ध गणेश मंदिर | शांति स्वास्थ्य और इच्छापूर्ति के देवता
Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी का त्योहार जिसे हम विनायक चतुर्थी या विनायक चविटी (विनायक कैविटी) के आदि नामों से भी जानते हैं। हिंदू धर्म में यह त्यौहार बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। पुराणों के मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विघ्नहर्ता श्रीहरी गणेश का जन्म हुआ था।
इस पार्वती नंदन की प्रतिमा को घर में स्थापित करके उनकी नौ दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है और नवें दिन उस प्रतिमा को नदी मे विसर्जित कर दिया जाता है।आज हम पूरे देश में शांति स्वास्थ्य और इच्छापूर्ति के देवता गणेश जी से संबंधित देश के 8 प्रसिद्ध गणेश मंदिर
Famous Load Ganesha Temples in India
Ganesh Chaturthi /Vinayaka Chaturthi 2023: भगवान श्री गणेश जी शांति स्वास्थ्य और इच्छापूर्ति के देवता एवं शुभ के देवता हैं हर शुभ कार्य के पहले उनके स्थापना होती है. भगवान गणेश, मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता, गणपति, गजानन, जैसे अनेक नामों से जाने जाते हैं. ये भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के पुत्र हैं जिनकी पूजा बुधवार को की जाती है।
इस दिन पूरे विधि विधान से अगर गणपति जी की पूजा आराधना करने मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उनके सभी कष्ट दूर होते हैं। हमारे देश में भगवान गणेश के ऐसे 8 प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
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देश के 8 प्रसिद्ध गणेश मंदिर | शांति स्वास्थ्य और इच्छापूर्ति के देवता
श्री सिद्धि विनायक, मुंबई
यहां विराजित हैं दाईं तरफ सूंड वाले सिद्धि विनायक। मान्यता है कि यह 16 वीं सदी का मंदिर है, लेकिन दस्तावेजों में निर्माण 1901 का है। गणेशजी की जिन प्रतिमाओं की सूंड दाईं तरफ होती है, वे सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं और सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं। यह मंदिर पांच मंजिला है।
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे
यह मंदिर आजादी की लड़ाई के समय पुणे में आस्था का मुख्य ने मंदिर बनवाने की सलाह दी थी ताकि शहर में आरोग्य और केंद्र रहा। दगडूशेठ हलवाई के पुत्र की प्लेग से मृत्यु के बाद शांति स्थापित हो। 1890 के दशक में इसका निर्माण किया गया उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। उनके आध्यात्मिक गुरु था। यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।
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मोतीडूंगरी मंदिर, जयपुर
यहां बाईं सूंड वाले गणेश जी स्थापित हैं, जिन्हें सिंदूर का चोला चढ़ता है। यह मंदिर जयपुर में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। यह आकर्षक महल से घिरा हुआ है। इसे 1761 में सेठ जय राम पालीवाल ने बनवाया था। मान्यता है कि प्रतिमा 500 साल पुरानी है।
करपगा विनायगर मंदिर, तमिलनाडु
दक्षिण भारत के व्यापारी वर्गचेत्तियार समुदाय का यह प्राचीन मंदिर है। काले पत्थर की प्रतिमा पर सोने की परत चढ़ी है। शिवगंगा जिले के पिल्लयारपट्टी में इसका निर्माण पांड्य राजाओं ने 7 वीं सदी में करवाया था। यह गुफा मंदिर है, बड़ी चट्टान पर गणेश जी की प्रतिमा बनी हुई है।
मधुर महागणपति, कासरगोड, केरल
माना जाता है कि मंदिर के तालाब के पानी से त्वचा संबंधी एवं गंभीर रोग ठीक होते हैं। निर्माण 10 वीं शताब्दी में कुंबला के माय पदी राजा ने करवाया था। मधुवाहिनी नदी के तट पर यह मंदिर स्थापित है। मंदिर में गुबंद तीन लेयर में बना है। वैसे मंदिर में मुख्य प्रतिमा भगवान शिव की है।
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कनिपक्कम विनायक मंदिर, चित्तूर
लोगों के बीच विवाद को सुलझाने और बुराई को खत्म करने के लिए यह मंदिर विख्यात है। स्थापना 11 वीं शताब्दी में हुई थी। चोल राजा कुलोत्तुंग चोल प्रथम ने सबसे पहले इसका निर्माण करवाया था। मान्यता है कि यहां के पानी में डुबकी लगाने से व्यक्ति बुराइयों से दूर होता है।
मनाकुला विनायगर मंदिर, पुडुचेरी
शास्त्रों में गणेशजी के जिन 16 रूपों की चर्चा है वे सभी इस मंदिर की दीवारों पर नजर आते हैं। 15 वीं सदी में निर्माण हुआ था। फ्रेंच शासन में इसे तोड़ने का प्रयास भी किया गया था। मंदिर का नाम दो तमिल शब्दों मनाल यानी 'रेत' और कुलम यानी 'तालाब' से बना है।
रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान
यहां गणेश त्रिनेत्र रूप में हैं। यहां देशभर से हजारों लोग रोज आशीर्वाद पाने के लिए पत्र और शादी के कार्ड भेजते हैं। सन 1299 में राणा हम्मीर देव और अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए युद्ध की समाप्ति की कामना से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। इस मंदिर में भगवान गणेश पत्नी रिद्धि और सिद्धि एवं दो पुत्र-शुभ और लाभ के साथ विराजमान हैं।
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