प्रफुल्ल बिल्लौर MBA chai wala biography in Hindi: यदि आपने अपने जीवन में कुछ अलग करने की ठानी हो और उस लक्ष्य को लेते हुए आगे बढ़ते हो तो आपको आपकी मंजिल जरूर मिलती है, जी हां यह कर दिखाया है मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव के 25 वर्षीय Praful Billore ने। जो की आज MBA Chai Wala के नाम से फेमस है।
प्रफुल्ल अहमदाबाद में चाय का व्यवसाय करते हैं और "एमबीए चाय वाले" के नाम से प्रसिद्ध है और पिछले 4 सालों में उन्होंने अपने व्यवसाय के टर्नओवर को तीन करोड़ तक पहुंचा दिया है तो आइए जानते हैं Motivational story Praful Billore biography in Hindi | MBA chai wala | Mr Billore
Praful Billore biography in Hindi | MBA chai wala | Mr Billore
यह कहानी एक मध्यवर्गीय भारतीय व्यक्ति की प्रेरक कहानी है जिसे मिस्टर प्रफुल्ल बिलोर कहते हैं,Praful Billore का जन्म 14 जनवरी 1996 को धार, इंदौर, मध्य प्रदेश,हुआ था। प्रफुल्ल बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी था और बड़े होकर एमबीए करना चाहता था, और एमबीए करने के लिए प्रफुल्ल को घर वालों का भी पूरा सपोर्ट था।
प्रफुल्ल ने IIM अहमदाबाद से एमबीए करने के लिए लगातार 3 साल तक CAT(Common Entrance Test for getting admission into Masters in Business Administration), की तैयारी करी परंतु हर बार असफल रहे।
अपनी इस असफलता के कारण वह बहुत उदास हो गया और कुछ समय के लिए कैट की तैयारी छोड़ दी।
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प्रफुल्ल बताते हैं कि एमबीए ग्रैजुएट को दिए जाने वाले शानदार पैकेज से बहुत आकर्षित थे पर जब वह कैट एग्जाम 3 साल मेहनत करने पर भी क्लियर नहीं कर पाए तो उनका आत्मविश्वास बहुत गिर गया वह खुद को ही कोसने लगे कि मैं क्या करूं आगे वह कहते हैं कि
-यह "End नहीं यह तो एक शुरुआत थी यही एक टाइम था खुद को जानने का गलतियों को सीखने का"-
MBA Chaiwala Success Story
जब वह CAT Exam पास नहीं कर पाए तो Prafull Billore ने अपने पापा से बात करी और कहा कि अब वह पढ़ाई नहीं करना चाहते और घूमने निकल गए बेंगलुरु, चेन्नई,मुंबई, दिल्ली, गुडगांव और लास्ट में अहमदाबाद जहां "एमबीए चाय वाले" के नाम से फेमस हुए।
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प्रफुल्ल ने मैकडॉनल्ड मैं ₹37 पर घंटे पर स्वीपर की जॉब करने स्टार्ट कर दी, वह कमाने लगे सीखने लगे न्यू एक्सपीरियंस अपनी लाइफ में लेने लगे, स्वीपर से वेटर और वेटर के प्रमोशन के बाद आर्डर लेने लगे नए लोगों से मिलकर एक्सपीरियंस गेन करने लगे।
यह उनकी किताबों को पढ़ने की तुलना में उनके लिए एक ज्यादा अच्छा अनुभव लेने लगे, क्योंकि वह हर दिन नए लोगों,नए विचारों,नए अनुभवों से मिल रहे थे।
तब प्रफुल्ल बिल्लौर ने सोचा कि वह मैकडॉनल्ड्स की पहचान के साथ कब तक जीवित रहेगा ,उसकी अपनी कोई पहचान नहीं होगी। तो क्यों ना में खुद का काम कर,पर क्या करूँ यह सोचते हुए वह अपने इस निराशाजनक समय में भी उसे चाय से बहुत ज्यादा लगाव था ।
इसलिए वह केवल चाय के बारे में सोच रहे था । वह अपना खुद का कैफे शुरू करना चाहते थे , लेकिन 15 लाख की एक कैफे को शुरू करना उनके लिए असंभव था।
तब उन्होंने अपना चाय का स्टाल खोलने का मन बनाया "dream big small start or act now" की अवधारणा पर अपना काम शुरू करने का मन बनाया।
प्रफुल्ल बिल्लौर बताते हैं कि एजुकेशन स्टडी के लिए घर से ₹10000 लिए, और अपना चाय का स्टाल खोलने के और साहस बढ़ाने और हिम्मत बढ़ाने के लिए पूरे 45 दिन का समय लगा क्योंकि जिस इंसान ने खुद के लिए घर पर कभी चाय नहीं बनाई वह सड़क के किनारे चाय का स्टाल लगाएगा।
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प्रफुल्ल ने सोचा कि यह मैं करूंगा, और कैट एग्जाम से तो अच्छा ही है मेरा अपना "खुद का काम, मेरा पैसा, मेरी दुकान, मेरे इंडिपेंडेंट,और क्या चाहिए यह सोच कर अपना काम स्टार्ट किया।
"आगे उन्होंने बहुत ही important बात बोली कि" दुनिया का सबसे बड़ा लोहार है टाटा और दुनिया का सबसे बड़ा मोची है बाटा पर काम तो जूते और लोहे का कर रहे हैं पर यह दुनिया में ब्रांड है"।
काम कोई छोटा नहीं होता तरीके बड़े होने चाहिए यही सोच कर अपना टी स्टॉल खोला।
"वह कहते हैं ना जिस से मोहब्बत करते हैं उसे शादी कर लो और अगर ऐसा ना हो तो जिस से शादी करी है उस से मोहब्बत कर लो" तो चाय प्रफुल्ल का पैशन था तो उन्होंने अपना चाय का स्टाल शुरू किया।
MBA चाय वाले का शुरुआती मुश्किल
पहले दिन प्रफुल्ल बिल्लौर की एक भी चाय नहीं बिकी तो प्रफुल्ल ने सोचा कि अगर कोई मेरे पास चाय पीने नहीं आ रहा तो क्यों ना मैं खुद उसके पास जाकर अपनी चाय ऑफर करो।
प्रफुल्ल वेल एजुकेटेड है अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं यहां पर यह उनके काम आई, पब्लिक सोचती थी चाय वाला अंग्रेजी बोलता है, और चाय बिकने लगी।
दूसरे दिन 6 चाय बेची पर चाय ₹30 के हिसाब से डेड सो रुपए कमाए, प्रफुल्ल सुबह 9:00 से 6:00 जॉब करते थे और 7:00 से 11:00 अपने चाय का स्टॉल लगाते थे।
काम अच्छा चलने लगा 600 कभी 4000 कभी 5000 तक सेल होने लगे और उन्होंने अपनी 9:00 से 4:00 वाली जॉब छोड़ दी और अपना पूरा फोकस अपने चाय पर किया।
एक दिन उनके पिता ने उन्हें फोन किया और और उनके कॉलेज डिटेल्स मांगा क्योंकि उन्होंने उनसे 10हजार रुपये लिए थे ।
उसने एक बार फिर से अपने पिता से झूठ बोला(जिंदगी में कुछ अच्छा करने के लिए अगर झूठ बोलना पड़े तो झूठ अच्छा है) कि 2 से 3 दिन में फॉर्म आ जाएगा और वह कॉलेज मै ऐडमिशन ले लेगा |
फिर से प्रफुल ने अपने पिता से 50 हजार रुपये लिए और लोकल MBA कॉलेज में दाखिला लिया।
क्यूंकि उनके पापा चाहते थे कि वे MBA करे। प्रफुल्ल बिल्लौर ने कॉलेज तो ज्वाइन कर लिया परंतु उनका मन कॉलेज में नहीं लगा और उन्होंने सातवें दिन चलती क्लास में कॉलेज को छोड़ दिया और अपने चाय के काम पर पूरा फोकस कर दिया।
वह कहते हैं ना कि आपकी तरक्की से आपके पड़ोसी जलते हैं यही हुआ प्रफुल के साथ और 2 महीने बाद उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। पू
री तरह से टूट गए और नेगेटिव थिंकिंग उनके दिमाग में आने लगे उनके रोज के कस्टमर के कॉल आते थे और पूछते थे कि आप कहां हो कस्टमर के साथ कनेक्टिविटी इतनी हो गई थी कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी पूछने लगे कि कहां हो।
Prafull Billore की फिर से नई उम्मीद के साथ वापसी
प्रफुल्ल बिल्लौर एक बार फिर से अहमदाबाद में नए जगह पर दुकान लगाने के लिए जगह ढूंढने लगे जहां पर उन्हें कोई परेशान ना करें।
वह एक हॉस्पिटल में गये और डॉक्टर से खाली जगह पर अपना चाय का स्टाल लगाने के लिए जगह मांगी और उस स्थान पर दुकान लगाने के लिए डॉक्टर को पैसे देने की बात भी कही।
दुकान तो लगा ली पर वह कुछ नई क्रिएटिविटी करना चाहते थे तो उन्होंने अपने दुकान पर एक "वाइटबोर्ड रखा और लिखा कि किसी को अगर जॉब चाहिए तो यहां पर लिख दो", दुकान में कई प्रकार के लोग आते थे ।
कईयों को जॉब चाहिए थी तो कईयों को एंपलॉयर, इस नए आईडिया से कई लोगों को जॉब लगी, बहुत सारे लोगों का रिलेशन बना, यहां तक कि कईयों के उस दुकान के माध्यम से शादियों भी हुई।
कैसे नाम पड़ा MBA चाय वाला
चाय का काम अच्छा चलने लगा नेटवर्क अच्छे बन गए तो सोचा क्यों ना अब दुकान का कोई एक अच्छा सा नाम रख ले जिससे उससे भी और अच्छी मार्केटिंग हो।
लगभग 400 नाम सेलेक्ट करें जिनमें से एक नाम फाइनल किया उसका नाम था "मिस्टर बिल्लोरे अहमदाबाद" जिसका शॉर्ट नाम "MBA चाय वाला" पड़ा।
शुरुआत में लोग उन पर हंसने लगे क्योंकि दुकान का नाम एमबीए चाई वाला था और लोग कहते थे कि एमबीए करने के बाद चाय बेचने पड़ रही है ।
कहीं लोग एडवाइज देते थे कि काम तो आपका अच्छा दुकान का नाम बदल लो " प्रफुल्ल बिल्लौर कहते हैं कि जिन लोगों का मेरी सक्सेस में कोई हाथ नहीं मैं उनके ओपिनियन और एडवाइस की कोई जरूरत नहीं"
Prafull Billore के अचीवमेंट
MBA चाय वाला फेमस हो गया साथ ही लोकल इवेंट म्यूजिकल नाइट, बुक एक्सचेंज प्रोग्राम वुमन एंपावरमेंट, सोशल कॉज ब्लड डोनेशन, natural disaster आ जाए एमबीए चायवाला हर जगह खड़ा होता था, फिजिकली और फाइनेंशली दोनों तरफ से सपोर्ट करते थे।
प्रफुल्ल ने वेलेंटाइन के दिन "सिंगल के लिए मुफ्त चाय" दी जो वायरल हो गई और वहाँ के सभी वें एकल उनकी दुकान पर चले गए। वह तब प्रसिद्ध हुआ और शादियों में चाय परोसने के आदेश मिलने लगे।
आज एमबीए चायवाला काफी फेमस है, नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट करते हैं उनका नेटवर्किंग बहुत ही पड़ा है 30 से 40 लोगों को रोजगार दिया है।
प्रफुल्ल ने 300 स्क्वायर फीट मैं अपना कैफे खोला और पूरे भारत में फ्रेंचाइजी दी। प्रफुल्ल ने विभिन्न कॉलेजों में कई व्याख्यान दिए, जिनमें एक आईआईएम अहमदाबाद में है, जहां से वह एमबीए करना चाहते थे प्रफुल्ल कहते हैं "जो लोग मेरा मजाक उड़ाते थे।
अब मुझसे सलाह मांगते हैं। मैं उनसे कहता हूं, डिग्री मायने नहीं रखती, ज्ञान करता है। ' मैं एक फुल टाइम चाय वाला हूं और मैं अपने काम से प्यार करता हूं!
NOTE: नए उद्यमियों के लिए उनकी सलाह: अपने सपनों पर विश्वास करें और कभी हार न मानें। अपने काम पर ध्यान केंद्रित रखें। आप जो भी करें उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दें। सफलता अवश्य मिलेगी नतीजे पहुंच जाएंगे।
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He is very inspiring person.
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