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Dr. Sarvepalli Radhakrishnan motivational speech in Hindi

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Motivational Speech : दर्शन का थोड़ा भी ज्ञान इंसान को नास्तिकता की ओर ले जाता है, लेकिन दार्शनिकता में उतरने पर मन अपने आप धर्म की ओर खिंचा चला आता है।- डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन, दार्शनिक और शिक्षाविद एकांत में हम अपने साथ जो व्यवहार करते हैं, वही धर्म है.

motivational speech for success in life ,डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन ,मोटिवेशनल स्पीच इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan motivational speech in Hindi

1909 से मैंने मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में दर्शन पढ़ाना शुरू किया था। इस दौरान भारतीय दर्शन और धर्म का गंभीरता से अध्ययन करता रहा। मुझे जल्दी ही ये विश्वास हो गया कि आत्म अनुभव ही धर्म है, जिसे किसी अन्य वस्तु के साथ नहीं मिलाया जा सकता, नैतिकता के साथ भी नहीं।

धर्म तो मूलतः हमारे आंतरिक जीवन से जुड़ा है। इसका उद्देश्य उस बिंदु तक पहुंचना है, जो जीवन को व्यर्थ की वस्तुओं और भयंकर निराशा से ऊपर उठाता है। धर्म का अंतिम लक्ष्य सत्य का अनुभव करना है। दर्शन का थोड़ा भी ज्ञान इंसान को नास्तिकता की ओर ले जाता है, लेकिन दार्शनिकता में उतरने पर मन अपने आप धर्म की ओर खिंचा चला आता है।

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धर्म को तो इस मानदंड से हमें मापना है कि क्या यह मूल्यों को सुरक्षित रखता है, जीवन को सार्थक बनाता है और हममें साहसिक कृत्यों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास पैदा करता है ! इसकी जड़ें भावना, संकल्प शक्ति या बुद्धि की अपेक्षा मनुष्य की आत्मा में अधिक गहरी गई हुई हैं।

अनंत की अनुभूति धर्म का आधार है। यह अनुभूति, आंखें जो देखती हैं और कान जो सुनते हैं, उनसे संतुष्ट नहीं होती । समय मूल्यवान है, लेकिन उससे भी ज्यादा मूल्यवान है सत्य । इस सत्य को खोजना भी धर्म है । एकांत में हम अपने साथ जो व्यवहार करते हैं, उसी का नाम धर्म है । हममें से हर एक व्यक्ति के अंदर एक छुपा हुआ देवालय  है, जहां कोई दूसरा प्रवेश नहीं कर सकता ।

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इस मंदिर में हमें प्रवेश करना चाहिए, जो हमारे उस बाहरी स्वरूप से बिल्कुल अलग है, जो हम बाहर की दुनिया के सामने प्रकट करते हैं । मौन और ध्यान ही सारी पूजा का सार है । व्रतों और प्रार्थनाओं का नाम पूजा नहीं है । अपने चारों ओर फैली अव्यवस्था के बीच ही हमें अपने भाग्य का निर्माण करना होगा । नहीं तो हमारा जीवन विसंगत और निरुद्देश्य घटनाओं का एक अर्थहीन क्रम बन जाएगा ।

जीवन में तभी सार्थकता आती है, जब हम उन सब बाधाओं में, जो इसकी बुद्धि की अवरोधक हैं, एक विशेष उद्देश्य का अनुसरण करते हैं । जीवन में गुरु के विचारों को समझने के लिए जो आलोचनात्मक समझ होनी चाहिए, वह मस्तिष्क का खुलापन हम नहीं प्राप्त कर सकते हैं । जो सच्चे गुरु होते हैं, वे परिस्थितियों में विचार करने में हमारे लिए सहायक होते हैं ।

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हम योग्य शिष्य बनेंगे अगर हम प्रश्न करें ... इसलिए जीवन में प्रश्न करने रहना कभी नहीं छोड़ना चाहिए । सच्चा शिक्षक भगवत गीता के कृष्ण की तरह है, जो अर्जुन को अपने लिए सोचने और अपनी इच्छानुसार निर्णय लेने की शिक्षा देते हैं । जीवन में परेशानियों को कोसें मत । कष्ट से ही हम अपने को और दूसरों को समझ पाते हैं । सच्चे जीवन की शर्त है- कष्ट सहिष्णुता और एकांत चिंतन।

केवल बाहरी रूप से जीवन जीने वाले लोग, जो आत्मा की गहराइयों में नहीं गए हैं, इस कष्ट से बच सकते हैं । जब हमें कोई बड़ा मानसिक आघात पहुंचता है, जब हम भयग्रस्त, परेशान और पराजित होकर जीवन की निराश घड़ियों का सामना करते हैं ।तब जीवन में उम्मीद की दरकार होती है । धर्म, दर्शन, कष्ट ये गुंथे हुए हैं, एकांत में बैठकर इन सवालों के जवाब खोजिए ।डॉ . राधाकृष्णन की किताब ' माय सर्व फॉर टुय ' से साभार

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Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Motivational Quote

“It is not God that is worshipped but the group or authority that claims to speak in His name. Sin becomes disobedience to authority not a violation of integrity.”

“यह भगवान नहीं है जिसकी पूजा की जाती है, बल्कि वह समूह या अधिकार है जो उसके नाम पर बोलने का दावा करता है। पाप अधिकार की अवज्ञा बन जाता है, सत्यनिष्ठा का उल्लंघन नहीं।”

“Man is a paradoxical being-the constant glory and scandal of this world.”

"मनुष्य एक विरोधाभासी प्राणी है - इस दुनिया की निरंतर महिमा और घोटाला।"

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Motivational Quote

“A life of joy and happiness is possible only on the basis of knowledge and science.”

"ज्ञान और विज्ञान के आधार पर ही आनंद और आनंद का जीवन संभव है।"

“Books are the means by which we build bridges between cultures.”

"किताबें वह माध्यम हैं जिनके द्वारा हम संस्कृतियों के बीच सेतु का निर्माण करते हैं।"

“The end-product of education should be a free creative man, who can battle against historical circumstances and adversities of nature.”

"शिक्षा का अंतिम उत्पाद एक स्वतंत्र रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्रकृति की प्रतिकूलताओं से लड़ सके।"

“The word Atman (Soul) means the “breath of life”. Atman is the principle of man’s life, the Soul that pervades his being, his breath, his intellect, and transcends them. Atman is what remains when everything that is not the self is eliminated. It is the unborn and immortal element in man, which is not to be confused with body, mind, or intellect.”

"आत्मान (आत्मा) शब्द का अर्थ है "जीवन की सांस"। आत्मा मनुष्य के जीवन का सिद्धांत है, वह आत्मा जो उसके अस्तित्व, उसकी श्वास, उसकी बुद्धि में व्याप्त है, और उनसे परे है। आत्मा वह है जो तब बनी रहती है जब वह सब कुछ जो स्वयं नहीं है समाप्त हो जाता है। यह मनुष्य में अजन्मा और अमर तत्व है, जिसे शरीर, मन या बुद्धि से भ्रमित नहीं होना है। ”

“God lives, feels, and suffers in every one of us, and in course of time, His attributes, knowledge, beauty and love will be revealed in each of us.”

"भगवान हम में से प्रत्येक में रहते हैं, महसूस करते हैं और पीड़ित होते हैं, और समय के साथ, उनके गुण, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम हम में से प्रत्येक में प्रकट होंगे।"

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Motivational Quote

Teachers should be the best minds in the country.

शिक्षकों को देश का सबसे अच्छा दिमाग होना चाहिए।

Books are the means by which we build bridges between cultures.

पुस्तकें वह माध्यम हैं जिसके द्वारा हम संस्कृतियों के बीच सेतु का निर्माण करते हैं।

A literary genius, it is said, resembles all, though no one resembles him.

ऐसा कहा जाता है कि एक साहित्यिक प्रतिभा सभी से मिलती-जुलती है, हालांकि कोई भी उससे मिलता-जुलता नहीं है।

When we think we know, we cease to learn.

जब हम सोचते हैं कि हम जानते हैं, तो हम सीखना बंद कर देते हैं।

Religion is behaviour and not mere belief.

धर्म व्यवहार है न कि केवल विश्वास।

“God lives, feels, and suffers in every one of us, and in course of time, His attributes, knowledge, beauty and love will be revealed in each of us."

"भगवान हम में से प्रत्येक में रहते हैं, महसूस करते हैं और पीड़ित होते हैं, और समय के साथ, उनके गुण, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम हम में से प्रत्येक में प्रकट होंगे।"

“It is not God that is worshipped but the authority that claims to speak in His name. Sin becomes disobedience to authority not a violation of integrity."

“यह भगवान नहीं है जिसकी पूजा की जाती है, बल्कि वह अधिकार है जो उसके नाम पर बोलने का दावा करता है। पाप अधिकार की अवज्ञा बन जाता है, सत्यनिष्ठा का उल्लंघन नहीं।"

“The worst sinner has a future, even as the greatest saint has had a past. No one is so good or bad as he imagines.”

"सबसे बुरे पापी का भविष्य होता है, वैसे ही जैसे महानतम संत का अतीत रहा है। कोई भी इतना अच्छा या बुरा नहीं है जितना वह सोचता है।"

"God lives, feels, and suffers in every one of us, and in course of time, His attributes, knowledge, beauty and love will be revealed in each of us."

"भगवान हम में से प्रत्येक में रहते हैं, महसूस करते हैं और पीड़ित होते हैं, और समय के साथ, उनके गुण, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम हम में से प्रत्येक में प्रकट होंगे।"

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