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मन की शक्ति प्रकार चेतन और अवचेतन मन और उनके कार्य

Mind Power in Hindi: मगज ( Brain ) एक भौतिक चीज के जैसा है। उन्हें हम देख सखते है, छू सकते है, काट सकते है, रिपेयर कर सकते है, नाप सकते है। लेकिन मन ( Mind ) एक ऊर्जा है। बिजली जेसी ऊर्जा। जिसे हम देख नही सकते बल्कि महसूस कर सकते है।


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मन की शक्ति,मन के प्रकार,चेतन और अवचेतन मन और उनके कार्य | Mind Power in Hindi

मनुष्य का जीवन बेहतरीन बनाने मे मन का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। यहाँ पहले तो ये बात Clear कर लेते हे कि वास्तव मे मन क्या है? What is Mind? ओर उनमें कोन कोन सी शक्ति है(What is the Power in the Mind?मन यानि कि हमारा Mind, Computer कि भाषा में कहा जाए तो यह एक Software है। ओर मगज यानी कि हमारा Brain, कम्प्यूटर कि भाषा मे बात करे तो वह एक Hardware है।


हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए यह अति आवश्यक है कि, हम यह समझें कि हमारा मन कैसे कार्य करता है? How does the Mind Work? और कैसे हम मन की शक्ति को समझकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते है? कई बार मन की इस शक्ति का दुरुपयोग के कारण मनुष्य के जीवन में कठिनाई भी आ सकती है। 


जैसे उदाहरण के तौर पर समझे, बिजली का गलत उपयोग किया जाये तो शॉर्ट सर्किट, विस्फोट जैसी घटनाए हो सकती है, ठीक उसी तरह मन की ऊर्जा का दुरुपयोग होने के कारण जीवन मे कई समस्या आ सकती है। दोस्तो आपसे अनुरोध है कि मन की शक्ति के बारे में पहले संपूर्ण जानकारी लेने के बाद ही इसको अपने जिंदगी मे उनका इस्तेमाल करे। इस आर्टिकल के जरिये हमने मन और उसकी शक्ति के बारे में महत्तम जानकारी देने का प्रयास किया है।


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मन के प्रकार (Type of Mind) 


चेतन मन ( Conscious Mind ), अवचेतन मन ( Sub conscious Mind )


मन का विभाजन हम वास्तविक भौतिक आधार पर नहीं कर सकते बल्कि यह तो एक मनोविज्ञान की अवधारणा पर आधारित या फिर मन की अवस्थाएँ है। मनोविज्ञान ( Psychology ) में मनुष्य के मन को अलग अलग भागों में विभक्त किया गया है। मुख्य रूप से मन को दो भाग है।


  • चेतन मन ( Conscious Mind )
  • अवचेतन मन ( Sub conscious Mind )

मनोविज्ञान की इस अवधारणा को समझकर हम अपने जीवन में एक बड़ा परिवर्तन ला सकते है। चेतन मन(Conscious Mind) हमारी चेतन या सक्रिय ( Active ) अवस्था है, जिसमें हम सोच विचार ओर तर्क के आधार पर निर्णय लेते है या कोई कार्य करते है। अवचेतन मन ( Subconscious Mind ) तर्क एंव सोच विचार के निर्णय नहीं लेता बल्कि यह हमारे पिछले अनुभवों एंव धारणाओं के आधार पर स्वचालित तरीके से कार्य करता है।


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चेतन मन हमारी जाग्रत अवस्था मे ही काम करता है लेकिन अवचेतन मन जब हम सो जाते है उसके बाद भी काम करता है यानी कि अवचेतन मन 24 घंटे काम करता है। जब भी कोई व्यक्ति पहली बार साईकिल चलाना सीख रहा होता है, तो उसे साईकिल को ध्यानपूर्वक नियंत्रित करना पड़ता है। शुरुआत में वह संतुलन नहीं बना पाता और थोड़ा डरा हुआ भी रहता है। 


लेकिन कुछ दिनों बाद जब वह साईकिल चलाना सीख जाता है तो अब उसे साइकिल को नियंत्रित करने के बारे में सोचने की भी आवश्यकता नहीं होती। अब साइकिल अपने आप नियंत्रित हो जाती है ओर अब तो वह मित्रों के साथ बातचीत करते हुए या कोई और कार्य करते हुए भी साइकिल चला सकता है।


शुरुआत में जब व्यक्ति पहली बार साइकिल चलाना सीख रहा होता है तो वह अपना "चेतन मन ( Conscious Mind )" इस्तेमाल कर रहा होता है। लेकिन जब वह बार-बार साइकिल चलाने की प्रैक्टिस करता है, तो अब यह अनुभव उसके अवचेतन मन में संग्रहित ( Store ) होने लगता हे ओर धीरे धीरे अवचेतन मन, चेतन मन की जगह ले लेता है। 


हमारा अवचेतन मन एक ऑटोपायलट सिस्टम ( Autopilot System ) की तरह है जो अपने आप स्वचालित तरीके से कार्य करता है। सभी स्वचालित कार्यों जैसे साँस लेना, दिल धड़कना आदि कार्य अवचेतन मन के द्वारा ही किए जाते है। हमारी आदतें एंव रोजबरोज के सभी कार्यों में अवचेतन मन का महत्वपूर्ण योगदान होता है।


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चेतन मन के कार्य 


अब हम यहां पर चेतन मन के कार्यो ओर उनकी शक्ति के बारे में बात करेंगे। तो आइये जानते हैं चेतन मन के कार्य 


सवेंदना ( Sensations ) पर का नियंत्रण: हमारी आँखे, नाक, कान, जीभ, त्वचा इत्यादि इंद्रियों पर का नियंत्रण हमारा चेतन मन करता है। 


हिलना-डुलना ( Movement ): चेतन मन को हम ऑर्डर दे के हमारे शरीर को हमारी इच्छा मुजब इधर उधर कर सकते है। यह हिलना-डुलना हमारा चेतन मन का कार्य है।


विचार ( Thoughts ): विचार करना यह एक चेतन मन का कार्य है। जब हम सुबह उठते हे तभी से हमारे मन मे विचार शुरू हो जाते हे और जब सो जाते है तो विचार बंध हो जाते है क्योंकि चेतन मन नींद में काम नही करता।


तर्क करना ( Logic ): कोई भी कार्य के बारे में सवाल करना जैसे कि क्या, क्यों, कैसे, कब इत्यादि यह सब तर्क है जो चेतन मन करता है।


पृथ्थकरण ( Analysis ): किसी भी चीज का पृथ्थकरण चेतन मन के द्वारा होता है। 


व्याख्या ( Interpretation ): चेतन मन ही किसी भी चीज का व्याख्या करता है। 


चेतन मन से सही Opportunity को जानना संभव होता है।


सच ओर गलत की परख ( Judging ): हम क्या सही है और क्या गलत है इस चेतन मन से तय करते है।


निर्णय ( Decision ): सच गलत जानने के बात हम जो निर्णय लेते है वह चेतन मन से लेते है। 


अमल करना ( Action ): एक बार निर्णय लेने के बाद उसका अमल करना चेतन मन से होता है। 


चयन ( Selection ): किसी भी बात की पसंदगी/चयन जैसे के क्या करना, क्या देखना, क्या खाना, क्या खरीदना इत्यादि हम चेतन मन से करते हैं।


इच्छाए ( Desire ): किसी भी चीज या कम के प्रति इच्छाए जगाना चेतन मन का कार्य है। 


अवचेतन मन के द्वार पे पहरेदारी करना: कोई भी गलत विचार या बात हमारे अवचेतन मन मे न जाये इसलिए चेतन मन उसकी चौकीदारी करता है और ऐसे खराब ओर नकारात्मक विचारों को अवचेतन मन मे जाने से रोकता है।


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अवचेतन मन के कार्यो 


अवचेतन मन के कार्यो नीचे दिए गए है। 


हलन-चलन & सवेंदना: यह दोनों कार्य हमारा चेतन ओर अवचेतन मन करता है। जब हम जाग्रत अवस्था मे होते है तब हमारे शरीर का चलन चलन ओर सवेंदना पर का काबू चेतन मन के पास होता है। ओर जब हम सो जाते है तब यह काम हमारा अवचेतन मन करता है। 


त्वरित प्रतिक्रिया ( Reflexes ): अवचेतन मन की यह शक्ति हमे आपातकालीन स्थितियों से हमे बचाती हैं, जैसे अग्नि पर पैर पड़ते ही अचानक हटा लेते हैं, सांप को देखकर उलटे ही भाग खड़े होतें हैं। सीडी से गिरते गिरते संभल जातें हैं। 


ईश्वर ने हमारे मन मस्तिष्क में एक ट्रांसमीटर और एक रिसीवर फिट कर रखा हैं जो इतना शक्तिशाली हैं की पूरे ब्रह्माण्ड में इतनी शक्तिशाली मशीन किसी इंसान ने नही बनायीं हैं लेकिन हम इस मशीन को चलाना नही जानते इसलिए इसकी शक्तियों से अनजान हैं। इस पद्धति का उपयोग करके हम दुसरेलोगों के मन की बात जान सकते है। इस पध्ति को सिखने की पूरी प्रोसेस आगे के चरण में अलग से दी गई है 


यादशक्ति(Memory Power): यादशक्ति के ३ स्टेप होते हैं 

  • रजिस्टर 
  • स्टोरेज (भंडारण)
  • Recalling 

Register और Recalling चेतन मन की विषय वस्तु हैं।जबकि Storage अवचेतन मन से जुड़ा होता हैं। यदि Storage सही से हुवा हैं तो Recalling आसान हो जाती हैं। आगे के चरण पर हम यादशक्ति कर बारे में विस्तार से बात करेंगे, जो काफी मददगार रहेगा।


अंतरात्मा की आवाज़ (Conscience): जब भी हम कोई गलत कार्य करतें हैं तो अंदर से आवाज़ आती हैं "ये गलत हैं"  भगवान ने इंसान को गलत कार्य से रोकने के लिए उसके भीतर यह रडार सेट कर रखा हैं जों अवचेतन मन के नियंत्रण में हैं।


त्रिकाल ज्ञान: हमारे अवचेतन मन से भूत, भविष्य, वर्तमान कुछ भी नही छुपा हैं। यह त्रिकालदर्शी हैं, यह भविष्य की घटनाओं को भांप लेता हैं और कभी कभार हमे चेताता भी हैं। संजय ने महाभारत की भविष्यवाणी इसी आधार पर की। इसी के आधार पर NOSTRADAMUS इतना प्रसिद्द हुआ।


EQ ( Emotional Quotient ) / भावना का गुणांक: उच्च IQ ही सफलता का मानक नही हैं बल्कि EQ व्यक्ति को सफल बनाता हैं। उच्च शिक्षित व्यक्ति कभी कभार कम EQ के कारण संस्था को बड़ी हानि पहुंचाता हैं।अभिनेत्री दिव्या भारती, हिटलर, गुरुदत्त सब बहुत उच्च IQ के थे पर इनमे EQ उच्च नही था। इन सबने आत्महत्या की थी। EQ बढ़ाने के लिए सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाना होंगा।


भावनाएं दो प्रकार की होती है। एक सकारात्मक भावना, और दूसरी नकारात्मक भावना प्रेम, दया, क्षमा, कृतज्ञता, प्रफुल्लता, Faith, Tolerance, करुणा ये सब सकारात्मक भावनाए है। ओर डर, क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, Sadism, चिंता, निर्दयता आदि नकारात्मक भावनाएं है। " 


आयोजन करना ( to Organize): ज्यादातर प्लानिंग हम चेतन मन से करते हैं. इसको ह्यूमन प्लानिंग कहते हैं, जिसमे हम अक्सर फेल हों जाते हैं तब हम कहते हैं "Man Proposes but God dis Proposes". भगवान का तो कुछ बिगाड़ नही सकते, बिगाड़ सकते हैं तो सिर्फ अपना हीं। किन्तु जब हम अर्धजग्रित मन से प्लानिंग करते हैं तो यह Divine Planning होती जों हर हाल में पूरा होती ही हैं। अक्सर मेरे लक्ष्य अर्धजग्रित मन द्वारा Planned होते हैं। 


अवसर खड़े करना: हमारा अवचेतन मन हमारे लिए अवसर क्रियेट करता हैं 


बुद्धि (Wisdom): सही समय पर सही निर्णय लेना ही अवचेतन मन की विशेषता हैं. जब भी आप किसी गफलत में पढ़ने वाले हों निर्णय आप अवचेतन मन पर छोड़ दें यह आपके विश्वासों के अनुरूप सबसे उत्तम रिजल्ट लाएंगा 


नैशर्गिक घडी(Mental Clock): दोस्तों हमारे अवचेतन मन के पास एक नैशर्गिक घडी हैं जो हमे एक सही समय पर उठा देती हैं। मैं कभी अलार्म घड़ी सेट नही करता बल्कि अपने मन को कमांड दे देता हूँ की मुझे अमुक समय पर उठाना हैं मन विना देरी किये उठा देता हैं। 


Mental Calendar: मित्रों आपको जीवन में जो भी पाना हैं उसकी एक निर्धारित समय सीमा का उल्लेख जरुर किजीयें। तभी अवचेतन मन उस पर सही से कार्य कर पाएंगा। आपको कोई गोल किस वर्ष प्राप्त करना हैं? सबका लिखित लेखा जोखा होना चाहिये।


हीलिंग पावर: मैंने एक ऐसा व्यक्ति देखा हैं जिसने लगातार सोच सोच कर अपने शरीर में केंसर उत्पन्न कर लिया था ओर कैंसर भी इतना भयानक था की टाटा हास्पिटल मुम्बई के डाक्टरों ने जवाब दे दिया था। बाद में उसको लुईस हे की "YOU CAN HEAL YOUR LIFE" बुक मिली, पढ़कर वह पूरी प्रोसेज समझ गया और अपने एहसास और भावनाओं को बदला, फिर दो महीने बाद कैंसर जड़ से खत्म ही हों गया, डॉ तो हैरान ही रह गयें। 


दुनिया की सबसे शक्तिशाली हीलिंग पावर हमारे अवचेतन मन के पास हैं यह कोई बीमारी उत्पन्न भी कर सकता हैं तथा प्रोसेज को रिवर्स कर ठीक भी कर सकता हैं।


इच्छा मृत्यु: अपनी मृत्यु हम खुद चुन सकतें हैं की कहाँ मरना हे? कब मरना है? किस स्थिति में मरना हे? दोस्तों ऐसे केस शायद आपने देखे होंगे जब डॉ ने रोगी को मरणासन्न स्थिति में घर भेज दिया हों और रोगी बच गया हों। महाभारत में भीष्म पितामह अपने इस अवचेतन मन की शक्ति त उलयोग बखूबी जानते थे। 


आध्यात्मिकता का अंक ( SQ ): मन, वचन, कर्म की एकरूपता, जों ओरो को खुश करें वही आध्यात्मिकता हैं। मेरे हिसाब से आध्यात्मिकता क्या हैं!


  • ईमानदारी से काम करना (To do job with honesty) 
  • To repay a loan in time
  • वचन का पालन करना (To keep a promise) 
  • To maintain a value in business 
  • SQ > EQ > IQ 

चुम्बकीय शक्ति ( Attraction ): हम सभी एक चुम्बक हैं और अपने जीवन में हर उस चीज को खीच सकते हैं जो हमे पसंद हों। किन्तु इस मैग्नेट को हमे हमेशा चार्ज करते रहना होंगा। इसके लिए “ शबरी तकनीक ” अपनाना पड़ेगा। 


जैसे राम .. राम हमेशा शबरी करती गयी और राम को जाना ही पड़ा वैसे ही आपको जों चाहिये बस उसी के बारे मे सोचे, करें। पैसा चाहिये तो पैसा पैसा पैसा .....पावर चाहिये तो पावर पावर .....अनथक अविरत करते रहे. यह हर हाल में आपकी दुनिया में प्रकट होंगे। यह हर हाल में होंगा हीं 


Pain Control: शरीर के किसी भी अंग पर के दर्द का काबू हमारे अवचेतन मन के पास है. 


निजी भगवान: दोस्तों हर धर्म में भगवान से हम क्या चाहतें हैं- प्रेरणा, उर्जा, मार्गदर्शनयह सब अवचेतन मन हमे देता हैं इसलिए हम इसे हरेक व्यक्ति का निजी भगवान कह सकते है।


अपार सर्जन शक्ति: दोस्तों ताजमहल, एफिल टावर, रिलायंस ..आदि अपार सर्जन शक्ति के उदाहरण हैं हम सभी अवचेतन मन का इस्तेमाल कर अपनी मन पसंद श्रृष्टि निर्मित कर सकतें हैं. 


सारे विश्व के उपर असर: जब तानसेन ने दीपक राग ' गया तो आग भड़क उठी, ताना रे रे ने राग मल्हार गाया तो बारिश होने लगी, सीता मईया के एक कमांड से धरती फट गयी और् सिर्फ राम नाम लिखने से पत्थर तैरने लगे. कौन सा विज्ञान यह सब की व्याख्या करता हैं। यह सब अवचेतन मन की शक्तिया हैं. श्री श्री रविशंकर जब बंगलौर में अंतर्राष्ट्रीय आश्रम में होते हैं तब उनकी ध्यान-साधना से बादल आते हैं बरसते हैं  


आप कभी भी आश्राम में जाकर यह देख सकते हों। वहाँ के साप, विछुओ, हिंसक जानवरों तक में से हिंसा खत्म हों गयी हैं। वहाँ हमेशा हरियाली रहती हैं. यह श्री श्री रविशंकर महाराज की अवचेतन मन की शक्तियों का एक छोटा नमूना मात्र हैं . 


Control over every part of Body: महान महर्षि योगी जिन्होंने श्री श्री रविशंकर और डॉ दीपक चोपड़ा को Meditation सिखाया, जब खुद ध्यान में होतें थे तो हवा में उपर उठ जातें थे। इसको Yogic Flying कहतें हैं। हमारा अवचेतन मन परम शक्तिशाली हैं। इसका हमारे शरीर के हर भाग पर काबू होता हैं। 


क्रिएटिव थिंकिंग ( CREATIVE THINKING ): Ordinary Thinking चेतन मन से Creative Thinking  अवचेतन मन से दोस्तों वाल्ट डिज्नी, पंडित रविशंकर, लिनार्दो दा विन्ची आदि सभी ने क्रिएटिव थिंकिंग कर दुनिया को अनमोल रत्न दिया। लिनार्दो दा विन्ची को Wisest Man of World कहा जाता हैं। 


स्वास्थ्य(Health): 


जब भी आप से कोई पूछता हैं-: कैसे हों? आप क्या कहते हों " FINE " .. यह कहने का तात्पर्य हैं आप अपने अवचेतन मन को कह रहें हैं की सब ठीक हैं कुछ करने की जरूरत नही हैं. अवचेतन मन हमारे AUTONOMOUS NERVOUS SYSTEM पर पूरा कंट्रोल रखता है जो हमारे शरीर में पाचन, श्रावण, हारमोन पैदा करना आदि के नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होता हैं. जब भी हम चेतन मन के माध्यम से कोई भी निगेटिव कमांड अवचेतन मन को देते हैं तो बीमारी पैदा होतीं हैं. 


अच्छे स्वास्थ्य के लिए आप अपने अवचेतन मन को स्वयं अच्छे सुझाव देते रहे। आप निचे दिया गया Auto Suggestion बोल सकते है. " मेरा स्वस्थ्य कल जितना अच्छा था आज उससे भी और ज्यादा अच्छा 


मन की विशेषता 


हमारे चेतन ओर अवचेतन मन की विशेषताएं अलग अलग है। चेतन मन के पास 10% पावर है और अवचेतन मन के पास 90% पावर है। यहां यह जानना जरूरी है कि मन पानी मे रहे बर्फ के पहाड़ की तरह है। जिसका मात्र 10% हिस्सा पानी के बाहर रहता है और 90% हिस्सा पानी के अंदर। ठीक उसी तरह हमारा चेतन मन हम को दिखाय देता है परंतु अवचेतन मन पानी मे दुबे पहाड़ की तरह दिखाई नही देता लेतीं वास्तव में वह होता जरूर है। 


चेतन मन जब हम जाग्रत होते है तभी काम करता है लेकिन अवचेतन मन 24 hours काम करता है। कोई भी कम करने का आदेश पहले चेतन मन के पास जाता है और उसके बाद वो अवचेतन मन के पास पहोचाता है। 


इस तरह चेतन मन एक Filter के जैसे काम करता जो मील हुए आदेश में से अच्छे बुरे का फर्क करके ही जरूरी सूचना को अवचेतन मन के पास भेजता है। कोई भी लक्ष्य तय करने में चेतन मन इस्तेमाल होता है और अवचेतन मन उस लक्ष्य को पूरा करता है।


मन और आत्मा


हमारा अवचेतन मन ही हमारी आत्मा है। जब कोई भी इंसान की आत्मा उसके शरीर को छोड़ कर जाती है तब उनकी मौत हो गयी ऐसा कहते है। वास्तव में जब अवचेतन मन काम करना बंध करता है तभी ऐसा होता है। मतलब जब शरीर के अंदर की जो क्रियाए है वो हमारे अवचेतन मन करता है और जब वस क्रियाए बंध हो जाती है तभी इंसान की मौत हो गयी ऐसा कहते है। दोस्तो इस तरह हमारा अवचेतन मन ही हमारी आत्मा है। ओर सभी का अवचेतन मन एक अलौकिक शक्ति के साथ जुड़ा होता है जिसे हम परमात्मा कहते है।


मन का स्थान 


हम बहुत सारे लोग यह सोचते है कि मन हमारे शरीर में कहा होता है? तो हम आपको बता दें कि मन को वस्तु या चीज़ नहीं है, जिसे हम भौतिक रूप मे देख सकें सीधे अर्थों मे कहा जाय तो मन एक ऊर्जा, एक शक्ति है. हमारा चेतन मन का स्थान है हमारा ब्रेन, जो हमारे सिर के अंदर होता है। हमारा अवचेतन मन हमारे पेट मे जठर के पीछे चेततंत्रा की जाली में होता है। उसे हम पेट का मगज, नाभि चक्र, सूर्य चक्र इत्यादि नाम से जानते है। चेतन मन को और कही अन्य नाम से जाना जाता है जैसे कि - 


चेतन मन को नीचे दिए गए नाम से भी जाना जाता है।- Logical Mind, Analytical Mind, Left Brain, Outer Mind Known Mind, Conscious Mind. अवचेतन मन को नीचे दिए गए नाम से भी जाना जाता है।- Illogical Mind, Creative Mind, Right Brain, Inner Mind ), Unknown Mind. हमारे मन में चार प्रकार की तरंगें होती हैं। जिस तरह हृदय की तरंगों को ईसीजी द्वारा मापा जाता है, उसी तरह ब्रेन की तरंगों को मापने का यंत्र है EEG ( इलेक्ट्रो इन्सेप्लोग ग्राफ )।


मन की अवस्थाए( States of Mind) 


ब्रेन की चार तरह की तरंगें होती हैं। 


  1. बीटा  
  2. अल्फा  
  3. थीटा 
  4. डेल्टा

 बीटा अवस्था 


बीटा तरंगों में हमारा ब्रेन पूरी तरह सक्रिय रहता है जिसमें हमारी दिमागी तरंगें 20 से 24 प्रति मिनट तक चल रही होती हैं। यह पूर्ण जागरूक अवस्था है। 


आल्फा अवस्था 


अल्फा तरंगों में हमारा चेतन मन थोड़ा शांत हो जाता है, इस समय हमारी दिमागी तरंगें 8 से 15 के बीच प्रति मिनट चल रही होती हैं। इसे हम आधी जागी और आधी सोई अवस्था कहते हैं यानी अर्धसुप्त अवस्था। 


थीटा अवस्था 


थीटा तरंगों में हमारा चेतन मन पूरी तरह शांत होकर निद्रा में चला जाता है। इसमें हमारी दिमागी तरंगें 5 से 8 के बीच प्रति मिनट हो जाती हैं। इसे हम पूर्ण निद्रा की अवस्था कह सकते हैं। इस अवस्था में हम खूब सपने देखते हैं। इस अवस्था में हम अपने गहरे अवचेतन मन के नजदीक होते हैं।


डेल्टा अवस्था 


डेल्टा तरंगों में हम गहरी निद्रा या गहरी समाधि जैसी अवस्था में पहुंच जाते हैं जहां हमारे दिमाग की तरंगें पूरी तरह शांत होकर 3 से 5 के बीच प्रति मिनट चल रही होती हैं। इस अवस्था में हम पूर्ण रूप से बेहोश होते हैं। यह गहरी निद्रावस्था 8 घंटे की नींद में मुश्किल से 2 घंटे के आसपास होती है। इसमें सपने और अवचेतन मन बिल्कुल शांत एवं निष्क्रिय हो जाते हैं। 


अवचेतन मन को सुझाव देने के लिए गहरी अल्फा स्थिति ही अपने आपमें पर्याप्त है। दिन में जब हम जग रहे होते है तब हमारा चेतन मन कार्यरत होता है। ओर जब हम रात में सो जाते है तब हमारे अवचेतन मन कार्यरत होता है। 


अब ऐसी परिस्थिति में हम कोई भी बात हमारे अवचेतन मन को पहुचना चाहते है तो हमे एक ऐसी अवस्था मे जाना पड़ेगा कि उस अवस्था मे हमारे दोनों मन कार्यरत हो। और दोस्तो इस आल्फा अवस्था मे संभव होता है। इसलिए आल्फा अवस्था हमारे जीवन मे बहुत ही जरूरी है। अल्फा अवस्था में ही हम हम कोई भी संदेश हमारे चेतन मन से अवचेतन मन को दे सकते है।


अल्फा अवस्था का महत्व(Significance of Alpha State) 


हमने देखा कि मन की Alpha State का एक विशेष महत्व है। इस अवस्था के कई फायदे है। इसीलिए दिन में एक बार अवश्य अल्फा अवस्था मे बैठकर अपने अवचेतन मन को अच्छे सुजाव देने चाहिए।  


1. अल्फा अवस्था हमारे शरीर के Healing Power को बढ़ा देती है   

2. हमारा शरीर आयु रहित अल्फा अवस्था के कारण बन सकता है। जब हम अल्फा अवस्था मे पहुंचते है तब हमारी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया (Ageing Process) बंद हो जाती है ओर उससे हमारा उम्र बढ़ती है। प्राचीन काल मे ऋषि मुनियों तपस्या में आल्फा अवस्था मे बैठे रहते थे और वो कई सो साल तक जिवित रहते थे। अब बात करते है कि आल्फा अवस्त में कैसे पहुचा जा सकता है।


How to Reach in Alpha State? 


हम आल्फा अवस्था मे दो तरीके से पहुच सकते है।-


  • Naturally ( कुदरती ) 
  • Voluntarily ( हमारी इच्छा से ) 

कुदरती (Naturally): रात को जब हम सोने जाते है तब ओर जब सुबह हम उठते हे तब हम Naturally आल्फा अवस्था से बाहर निकल रहे होते हैं. 


अपनी मर्जी से ( Voluntarily ): अगर हम चाहे तो अपनी मर्जी से भी आल्फा लेवल पे पहुच सकते है। ओर उसके लिए एक Method है जो है रेलेक्ससशन कि रीत है। Relaxation का उपयोग करके हम आसानी से जब चाहे तब आल्फा लेवल पर पहुच सकते है। 


मन का प्रोग्रामिंग(Mind Programming) 


Subconscious Mind एक Software या रोबोट की तरह है, जिसकी प्रोग्रामिंग Conscious Mind द्वारा की जाती है। अवचेतन मन एक रोबोट की तरह है जो स्वंय कुछ अच्छा बुरा सोच नहीं सकता, वो तो केवल पहले से की गई Programing के अनुसार स्वचालित (Self Drive) तरीके से कार्य करता है। 


हमारे हर एक विचार का हमारे अवचेतन मन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है या यह कह सकते है कि हम जो कुछ भी सोचते है या करते है उससे हमारे अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग होती जाती है और फिर बाद में धीरे धीरे अवचेतन मन उस कार्य को नियंत्रित करने लगता है। 


हमारी आदतों और धारणाओं का निर्माण भी ऐसे ही होता है और बाद में वह आदत स्वचालित रूप से अवचेतन मन के द्वारा नियंत्रित होती है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग कैसे करते है? एक बार प्रोग्रामिंग हो जाने के बाद अवचेतन मन उसी के अनुसार कार्य करने लगता है- चाहे वह कार्य गलत या सही। 


चेतन मन ( Conscious Mind ) को विचारों का चौकीदार या गेटकीपर भी कहा जा सकता है। दरअसल हमारा हर विचार एक बीज की तरह है और हमारा अवचेतन मन एक बगीचे की तरह है। हमारा चेतन मन यह निर्णय करता है कि अवचेतन मन में कौनसा बीज बौना है और कौनसा नहीं- हम कभी कभी अनजाने में अपने अवचेतन मन की गलत प्रोग्रामिंग कर देते है जैसे अगर मैं यह सोचता हूँ आज मैं यह लेख नहीं लिखूंगा तो यह छोटा सा विचार धीरे धीरे मेरे कार्य को कल पर टालने की आदत बन सकता है। 


गहन चिंतन और मैडिटेशन के द्वारा हम अवचेतन मन की Reprogramming करके इसमें इन्स्टाल किए हुए गलत सॉफ्टवेयर को धीरे-धीरे डिलीट कर सकते है। हमारे जीवन के एक महत्वपूर्ण भाग को “अवचेतन मन” नाम का रोबोट नियंत्रित करता है और यह रोबोट, चेतन मन द्वारा की गयी प्रोग्रामिंग से नियंत्रित होता है। इस रोबोट की प्रोग्रामिंग विचार रुपी बीज से होती है . 


इसलिए सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कौनसे विचार चुनते और अपने अवचेतन मन में किस तरह के सॉफ्टवेयर इंस्टाल करते है।


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