मदद हो तो ऐसी: Short Hindi Moral Story | Maddat Hoto Asi Kahani
मदद हो तो ऐसी Short Hindi Moral Story : सहायता का जज़बा ऐसा हो कि शत्रु भी देखे, तो उसका मन बदल जाए।मदद कीसूरत सुविधा पर निर्भर नहीं होनी चाहिए । सहायता तो हरहाल में, हर कीमत पर की जाती है ...
मदद हो तो ऐसी short hindi moral story
कौशल नरेश हार कर वन में भाग गए । पर कौशल में किसी ने काशीराज का स्वागत नहीं किया । काशीराज ने देखा, तो उन्हें लगा कि प्रजा कौशल का सहयोग कर कहीं पुनः विद्रोह न कर बैठे ।
इसलिए शत्रु को निश्शेष करने के लिए घोषण कर दी, "जो कौशलपति को ढूंढ लाएगा उसे सौ स्वर्ण मुद्राएं दी जाएंगी ।' जिसने भी घोषणा सुनी, वे सव बहुत ही परेशान और निराश हो गए क्योंकि राजा के प्रति सभी कि गहरी आस्था थी .
उधर कौशल नरेश वन-वन में मारे मारे फिर रहे थे। एक दिन एक पथिक उनके सामने आया और पूछने लगा, 'वनवासी! इस वन का कहां जाकर अंत होता है और कौशलपुर का मार्ग किधर से है ? '
राजा ने पूछा, 'तुम वहां किसलिए जाना चाह रहे हो ?'
'मैं एक व्यापारी हूं । मेरी नौका डूब गई है, अब कहां द्वार-द्वार भीख मांगता फिरूं! इसलिए है में कौशल नरेश के दरबार में जाना चाहता हु,मैंने सुना है की राजा बड़े उदार है।
'थोड़ी देर कुछ सोच-विचार कर राजा ने कहा, 'चलो, मैं तुम्हें वहां तक पहुंचा देता हूं, तुम बड़ी दूर से हैरान होकर आए हो ।' कुछ दिनों बाद काशीराज की राजसभा में जटाधारी व्यक्ति आया। काशीराज ने उससे पूछा, 'कहिए, किसलिए आना हुआ ? '
'मैं कौशलराज हूं! तुमने मुझे पकड़ लाने वाले को सौ स्वर्ण मुद्राएं देने की घोषणा कराई है। बस, मेरे इस साथी को वह धन दे दो। इसने मुझे पकड़ कर तुम्हारे पास उपस्थित किया है।' सारी सभा सन्न रह गई । प्रहरी की आंखों में भी आंसू आ गए ।
काशीपति सारी बातें जान-सुनकर स्तब्ध रह गए । क्षणभर शांत रह कर वह बोल उठे, 'महाराज! आज युद्धस्थल में इस दुरन्त आशा को ही जीतूंगा । आपका राज्य भी लौटा देता हूं, साथ ही अपना हृदय भी प्रदान करता हूं ।'
यह कह कर काशीराज ने कौशलपति का हाथ पकड़ कर उनको सिंहासन पर बैठाया और मस्तक पर मुकुट पहना दिया । सारी सभा धन्य-धन्य कह उठी । व्यापारी को मुख मांगी मुद्राएं प्राप्त हो गई ।
Read More Kahani:-
सबसे बड़ा पुण्य एक moral Hindi story
short story| मंडप के नीचे | short stories | short story in hindi
बात जो दिल को छू गई | Dil Ko Chhune Wali Baate | short story
कहानी तेनालीराम ने बचाई जान एक हिन्दी शॉर्ट स्टोरी
बोधकथा : सच्ची शिक्षा कैसे हासिल होती है
Thanks for Visiting Khabar's daily update. For More कहानी, click here.
एक टिप्पणी भेजें